RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
लगभग 15 मिनट बाद, कांता उठी सोफा से और बोली – मैं चेंज करके आती हूँ …
मैंने कहा – ठीक है …
फिर वो, दूसरे रूम में चली गई …
संयोग से, उसके उस दूसरे रूम में दरवाजा नहीं था ..
सिर्फ़, परदा था ..
लगभग 30 सेकेंड्स के बाद, कांता बाहर लिविंग रूम में आई और बोली – कपड़े ले जाना तो भूल ही गई …
उसकी अलमारी, लिविंग रूम में ही थी ..
उसने उस समय टॉप पहन रखा था, जो उसके कंधे से थोड़ा सा नीचे तक आ रहा था..
उसकी नीली पैंटी भी “लो वेस्ट जीन्स” में साफ साफ दिख रही थी ..
मैं एकटक, उसे देख रहा था ..
कुछ अलग तो नहीं लगा क्यूंकी वो पहली बार नहीं था, जब मैंने उसे पैंटी में देखा है ..
फिर जैसे वो अलमारी से कपड़े निकालने के लिए झुकी तो मेरी नज़र उसकी गाण्ड की दरार पर पड़ी ..
उसकी गाण्ड, बहुत ही मस्त लग रही थी ..
एकदम, “गोरी और चिकनी” ..
उसकी गाण्ड को देख कर, मुझे उन्हीं किताबों वाली लड़कियों की याद सताने लगी ..
फिर अचानक, वो मेरी तरफ मूडी और मुझे देख कर स्माइल पास की ..
मैंने कोई भाव नहीं दिया और चुप चाप बैठा रहा ..
उसके बाद वो रूम में चली गई, चेंज करने ..
कुछ ही सेकेंड्स बाद, वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई ..
मैं डर गया और भाग के अंदर रूम में गया ..
मैं जैसे ही उसके रूम पर पहुंचा, मैंने देखा की वो “पूरी नंगी” खड़ी है डरी सहमी हुई सी ..
मैंने पहली बार, उसे नंगा देखा था ..
मैं उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा ..
फिर अचानक, मुझे होश आया और मैंने उससे पूछा – क्या हुआ … ??
वो बोली – बेड के नीचे चूहा है …
मुझे भी उस टाइम, चूहा से बहुत डर लगता था ..
मैं भी डर के मारे, बेड पर चढ़ गया ..
तो वो बोली – बेवकूफ़ … इसको भगा ना … झाड़ू या डंडा, ले कर आ …
फिर मैं हिम्मत करके, लिविंग रूम में जाके झाड़ू लेकर आया ..
वो अभी भी बेड पर चढ़ कर, नंगी खड़ी हुई थी ..
मैं भी बेड पर चढ़ गया और झाड़ू से डरा के, चूहा को भगा दिया ..
चूहा के भागने के बाद होश आया तो देखा की वो अभी भी बिल्कुल नंगी थी, मेरे सामने ..
मैं उसके “गोल गोल बूब्स” को देख रहा था, जो की ज़्यादा बड़े नहीं थे .. पर फिर भी, बहुत ही सुंदर लग रहे थे ..
एकदम “गोल और गोरे गोरे और गुलाबी रंग” के अनार के दाने, जैसे निप्पल ..
अभी हम बेड पर बैठे हुए हंस ही रहे थे, उस चूहा पर की अचानक से बाहर कोई आवाज़ हुई ..
ऐसा लग रहा था, जैसे रोड पर किसी का आक्सिडेंट हुआ है ..
उसके बेड के बिल्कुल बगल में, एक खिड़की थी ..
वो इतनी हाइट पर थी की मुझे खिड़की से बाहर देखने के लिए, उठ कर बैठना पड़ता था ..
मैं खिड़की से बाहर देखने के लिए, अपनी घुटनों पर बैठा था और बाहर देख रहा था ..
कांता, मेरे पीछे बैठी थी ..
अचानक से वो मेरे पीछे आकर, मुझसे चिपक गई और खिड़की से बाहर देखने लगी ..
उसने अभी भी, कुछ नहीं पहना था ..
उसके चिपकने से, मेरा लण्ड कड़क हो रहा था ..
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