RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
समीना खुश और पुरजोश होती हुई बोली, “मुझे बहोत अच्छा लगेगा जब ये मेरे इशारों पे चलेगा।”
रेहान शरीफ़ हंसते हुए बोला, “ये इशारों पे चलता भी है और अपने इशारों पे चलाता भी है!”
उसकी बात पे ज़हरा हंसने लगी और समीना भी बिना कुछ समझे उनके साथ हंसने लगी। जब अमेरिका से दोनों वापस आये तो टॉमी भी उनके साथ था और दोनों बहोत खुश थे।
टॉमी ने जमाल खान के घर में रहना शुरू कर दिया। वो सच में ही बहोत शानदार जानवर था... बहोत ही मोहज़्ज़ब और तरबियत-याफ़्ता... बिल्कुल अमेरिकी आवाम की तरह। शुरू- शुरू में वो नये माहौल में आके घबराया हुआ था। थोड़ा तंग किया। वो भी डरा हुआ था और जमाल खान और समीना भी उससे थोड़ा दूर-दूर रहते। मगर आहिस्ता-आहिस्ता उनका खौफ़ जाता रहा और वो उसके करीब आने लगे और वो भी बहोत जल्द जमाल खान और समीना के साथ मानूस हो गया। घर के अंदर ही रहता और समीना के आगे-पीछे फिरता रहता। समीना खुद उसे अपने हाथों से खिलाती... उसे सैर करवाती। शुरू में तो उसके गले में पट्टा डाला गया था मगर आहिस्ता-आहिस्ता वो समीना ने उतार फेंका और अब टॉमी घर के अंदर बिना रोकटोक और बिना किसी रुकावट के फिरता था। उसकी देख भाल के लिये एक खास नौकर रखा था मगर टॉमी तो ज्यादा वक़्त समीना के साथ ही गुज़ारता और समीना के साथ ही खुश रहता। समीना को भी अपना फ़ारिग़ वक़्त गुज़ारने का एक शुगल मिल गया था। टॉमी समीना के साथ खेलता... उसके सैंडलों और पैरों को चाटता... अपना मुँह और सिर उसके सैंडलों और पैरों से रगड़ता और समीना भी उसके सिर पे और जिस्म पे हाथ फ़ेर के उसके जिस्म को सहलाती और उसकी मोहब्बत का जवाब मोहब्बत से देती।
शुरू में जब टॉमी ने समीना के पैरों को चाटने के लिये अपना मुँह उसके पैरों पर रखना चाहा तो वो डर के मारे उछल ही पड़ी थी और उसके करीब बैठा हुआ जमाल खान भी हंसने लगा था। मगर धीरे-धीरे वो उसकी आदि हो गयी थी और अब उसे अच्छा लगता था जब टॉमी की ज़ुबान उसके सैंडलों को चाटते हुए सैंडल की बारीक पट्टियों के बीच में सरकते हुए उसके पैरों को चाटती थी। अब तो उसका अपना भी दिल चाहता था कि वो उसके सैंडलों को चाटते हुए उसके पैरों पे अपनी ज़ुबान फेरते रहे। शाम में टॉमी समीना के साथ लॉन में खेलता। समीना गेंद फेंकती और वो उस गेंद के पीछे-पीछे भाग कर उसे पकड़ने की कोशिश करता। कभी-कभी समीना नीचे घास पर बैठ जाती तो वो उस पर चढ़ जाता और उसे नीचे गिराने की कोशिश करता और समीना भी हंसती हुई नीचे उसके सामने लेट जाती। टॉनी फ़िर उसके सैंडल और पैरों को चाटने लगता और कभी अपना सिर उसके मुँह के साथ रगड़ने लगता। ये सब समीना खूब इंजॉय करती। लेखक: पिंकबेबी
समीना मॉडर्न और आज़ाद खयाल औरत थी। वो हर तरह के मॉडर्न लिबास पहनना पसंद करती थी। मगर घर के अंदर वो और भी आज़ादी के साथ रहती थी। अक्सर घर के अंदर उसका लिबास बहोत बोल्ड होता था... घुटनों से ऊपर छोटी स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहनना तो उसका मामूल था। ऐसे ही एक रोज़ वो टीवी लाऊँज में सोफ़े पे आधी लेटी हुई फ्रेंच वाईन पीती हुई एक इंडियन मूवी देख रही थी और टॉमी भी वहीं बैठा हुआ था। समीना ने छोटी सी स्कर्ट और बिना बाजू वाली टॉप पहनी हुई थी और पैरों में हमेशा की तरह ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल पहने हुए थे। स्कर्ट उसके घुटनों से ऊपर तक थी और उसकी गोरी-गोरी और चिकनी टाँगें नंगी हो रही थीं। टॉप भी उसके जिस्म के साथ चिपकी हुई थी जिस में उसके सीने के उभा क़यामत लग रहे थे। टॉमी ने समीना के क़रीब आकर उसके सैंडल पहने हुए पैरों में अपना सिर रगड़ना शुरू कर दिया। अपने सिर के साथ वो समीना के पैर को सहलाने लगा। समीना ने भी अपने दूसरे पैर के साथ कुत्ते के सिर को सहलाना शुरू कर दिया। बड़े ही प्यार से उसके सिर पे अपने सैंडल का तलवा फिराने लगी। टॉमी ने उसके प्यार भरे अंदाज़ को देखा तो खुश हो कर वो समीना के पैर को अपनी लंबी गुलाबी ज़ुबान निकाल कर चाटने लगा। टॉमी ने पहले समीना के सैंडल के तलवे को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू किया और फिर जब वो समीना के पैर के तलवे और सैंडल के बीच के गैप में अपनी ज़ुबान घुसा कर चाटने लगा तो समीना को हल्की-हल्की गुदगुदी होने लगी और उसके साथ ही मज़ा भी आने लगा। टॉमी की नरम-नरम ज़ुबान कभी समीना के सैंडल के तलवे को चाटती तो कभी पैर के तलवे और सैंडल के दर्मियान घुस कर चाटती और कभी पैर के ऊपर के हिस्से को सैंडल की पट्टियों के बीच में से चाटने लगती। बड़े ही प्यार और जोश के साथ टॉमी समीना के सैंडल और पैरों को चाट रहा था जैसे के उसके सैंडल और पैरों पे कोई शहद लगा हो जिसे चाटने में उसे मज़ा आ रहा हो। लज़्ज़त के मारे समीना की तवज्जो भी अब टीवी पर से हट चुकी थी और वो भी अपनी वाइन पीती हुई टॉमी को ही देख रही थी और उसके सिर के सहला रही थी अपने दूसरे पैर के सैंडल के तलवे के साथ। टॉमी भी कभी समीना के एक पैर को चाटता और कभी दूसरे पैर के चाटने लगता। धीरे-धीरे उसकी ज़ुबान समीना के पैर से ऊपर को जाती हुई उसकी गोरी-गोरी टाँग के निचले हिस्से को चाटने लगी और वहाँ उसने अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी ।
टॉमी की लंबी खुरदरी गुलाबी ज़ुबान जैसे-जैसे समीना के पैरों और टाँग के निचले हिस्से को चाटती जाती तो वैसे-वैसे ही उसे मज़ा आने लगा। पहले पहल तो वो उसे टॉमी का रोज़ का काम ही समझ रही थी और उसकी तरफ़ कोई तवज्जो नहीं दे रही थी मगर धीरे-धीरे समीना को भी मज़ा आने लगा..... अच्छा लगने लगा.... उसकी तवज्जो टीवी की तरफ़ से हट के अब सिर्फ़ अपने कुत्ते की ज़ुबान से मिलने वाली लज़्ज़त की तरफ़ ही थी। उसका दिल चाह रहा था कि टॉमी की ज़ुबान और ऊपर को आती जाये उसके जिस्म को चाटती हुई। टॉमी भी आहिस्ता-आहिस्ता समीना के जिस्म के नंगे हिस्सों को चाटते हुए आगे बढ़ रहा था। उसकी लंबी गीली ज़ुबान अपने थूक के साथ समीना की टाँगों को गीला कर रही थी। जहाँ-जहाँ से वो चाटता जाता था वहाँ वो उसके जिस्म को गीला करता जा रहा था। समीना को भी बुरा नहीं लग रहा था। बल्कि इस तरफ़ तो उसका ध्यान ही नहीं था कि कुत्ते के मुँह का थूक उसके जिस्म को गीला या गंदा कर रहा है। उसे तो बस अपने मज़े का ही एहसास था बस ... जो इस कुत्ते की ज़ुबान से मिल रहा था। उसने वाइन के बड़े-बड़े घूँट पीते हुए गिलास खाली करके नीचे कार्पेट पे ही रख दिया था।
टॉमी का मुँह अब समीना की नंगी रानों तक पहुँच रहा था। उसने अपनी लंबी ज़ुबान के साथ समीना की गोरी-गोरी चिकनी नंगी रान को चाटना शुरू कर दिया। समीना ने खुद ही अपनी स्कर्ट को अपनी रान पे थोड़ा ऊपर को सरका लिया... अपनी गोरी-गोरी रानों को और भी नंगा करते हुए... अपने इस कुत्ते के लिये। जैसे-जैसे टॉमी ने समीना की नंगी रानों को चाटना शुरू क्या वैसे-वैसे समीना लज़्ज़त के मारे तड़पने लगी। वाइन की हल्की सी खुमारी समीना की लज़्ज़त और ज्यादा बढ़ा रही थी। लज़्ज़त के मारे उसकी आँखें बंद होने लगीं। कुत्ते का जिस्म अब समीना के करीब था... उसके हाथ के करीब। समीना ने अपना हाथ बढ़ाया और उसके जिस्म पे रखा और उसके जिस्म को सहलाने लगी। उसका हाथ तेज़ी के साथ टॉमी के जिस्म पे हरकत कर रहा था और वो उसे सहलाती हुई अपनी तरफ़ खींच रही थी। जमाल खान ने भी कईं बार उसके जिस्म को चूमा और अपनी ज़ुबान से चाटा था मगर जो मज़ा समीना को टॉमी की ज़ुबान से मिल रहा था वो लज़्ज़त उसे आज पहली बार मिल रही थी। समीना का एक हाथ अब टॉमी के सिर को सहला रहा था और दूसरा हाथ अपनी रान पे था। टॉमी की ज़ुबान समीना की रानों को चाटती हुई कभी उसके हाथ को भी चाटने लगती। समीना को अजीब सा एहसास हो रहा था... उसे अपनी चूत के अंदर सरसराहट सी महसूस होने लगी थी... हल्का-हल्का गीलापन अपनी चूत के अंदर भी महसूस कर रही थी वो। उसे यक़ीन नहीं हो रहा था कि एक कुत्ते की ज़ुबान इस क़दर लज़्ज़त दे सकती है। उसे थोड़ा खौफ़ और डर भी लग रहा था इस कुत्ते से कि कहीं वो उसे काट ना ले मगर उसके साथ-साथ... उसकी ज़ुबान से मिलने वाली लज़्ज़त उसे सब कुछ भूल भाल कर इसी मज़े में खो जाने को कह रही थी। आज से पहले भी टॉमी ने कईं बार समीना के सैंडलों और पैरों को चाटा था मगर वो कभी भी उसके पैरों से आगे नहीं बढ़ा था पर आज उसकी ज़ुबान उसके पैरों से आगे उसकी नंगी टाँगों से होती हुई उसकी नंगी गोरी चिकनी रानों तक पहुँच चुकी थी... और उसके साथ ही समीना लज़्ज़त की बुलंदियों की तरफ़ जा रही थी। समिना!
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