RE: Kamukta Stories ससुराल सिमर का
रात को हम सब फिर से दीदी के कमरे में इकठ्ठे हुए औरतें एक दूसरे के कपड़े उतारने लगीं जीजाजी और रजत फटाफट नंगे हो गये और मिलकर मेरे कपड़े उतारने लगे साथ साथ वे मुझे चूमते जाते "अमित राजा, आज आएगा मज़ा, आज तुझे सेक्स का सब बचा हुआ आनंद भी मिल जाएगा, जो तूने आज तक नहीं लिया"
जीजाजी मेरी छाती सहलाते हुए मेरे निपालों को छूआ कर बोले "भैया, बड़ा चिकना लडका है, एकदम मस्त है"
"तू भी कम नहीं है दीपक, आ अमित, आजा ठीक से देख ले कि तेरी बहन का पति कितना चिकना जवान है" रजत मुझे गोद में लेकर सोफे में बैठते हुए बोले जीजाजी मेरे सामने बैठ कर मेरा लंड चूसने लगे
"छोटे, तू तो अमित के लंड पर मर गया है, अभी से सोच ले, कहाँ लेगा?" रजत बोले और फिर अचानक मेरा सिर अपने हाथों में लेकर अपनी ओर मोडकर मेरे होंठों को चूसने लगे पहली बार कोई मर्द इस तराहा से मुझे चूम रहा था मैंने शुरू में अपना मुँह बंद रखा पर फिर मुँह खोल कर जेठजी की जीभ चूसने लगा वे मेरे निपलो को उंगलियों में लेकर बड़े मस्त तरीके से मसल रहे थे उनका तन्नाया लंड मेरी पीठ पर रगड रहा था
उधर शन्नो जी और दीदी मिलकर माँ के बदन का रस चूसने में लग गये थे दीदी माँ की चूत से लग गयी थी और शन्नो जी माँ के होंठ चूस रही थीं माँ ने उन्हें कुछ कहा तो शन्नो जी मुस्काराकर माँ का सिर अपनी जांघों में लेकर लेट गयीं "ज़रूर चूसो बीना, तुझे नहीं चुसाऊन्गि तो किस को चुसाऊन्गि"
"उठ छोटे, अब नहीं रहा जाता, काम की बात करें, बोल क्या करेगा अमित के साथ" रजत ने जीजाजी से पूछा
"भैया, मैं तो इसे अंदर लूँगा आज, जब से अमित को देखा है मेरी गान्ड कुलबुला रही है" जीजाजी मेरे लंड को मुँह से निकालकर बोले
"वो तो ठीक है पर मुझे तो अमित के गोरे गोरे चूतड चाहिए अपने आगोश में बोल अमित तैयार है?" रजत बोले मैं अब वासना से थरथरा रहा था रजत का लंड गान्ड में लेने की कल्पना से डर भी लगता था और उत्तेजना भी होती थी
"बहुत बड़ा है रजत जी, दर्द तो नहीं होगा?" मैंने पूछा
"अरे मेरी जान, तुझे दर्द नहीं होने देंगे, मस्त मख्खन का इंतज़ाम करके रखा है पर बात ठीक है, पहली बार ले रहा है तू, ऐसा कर, पहले दीपक का ले ले, मुझसे छोटा है ना! दीपक आ जा, अमित को तैयार कर ले, पहली बार मरा रहा है, धीरे धीरे मारना अमित, तू पहले मरा ले, झडे बिना, बहुत आनंद पाएगा गान्ड मरवाने का असली आनंद तभी आता है जब लंड खड़ा हो" रजत अब खुल कर बोल रहे थे मेरी सारी शरम दूर हो गयी थी, मैं भी उत्सुक था कि देखें कैसा लगता है इतने सुंदर हैम्डसम मर्दों के साथ मैं कुछ भी करने को अब तैयार था
रजत ने मुझे पलटा और मेरी गान्ड चूसने लगे "छोटे, क्या माल है यार! मुझे तेरी याद आ गयी जब मैंने पहली बार तेरी मारी थी
रजत ने मुझे सोफे का सिरहाना पकडकर झुका कर खड़ा किया रजतजी मेरी गुदा में मख्कन मलने लगे साथ साथ वे फिर पीछे खड़े हो गये "भैया, तुम आमित का लंड सभालो"
"बीना उधर देख, तेरे बेटे को मेरे बेटे कैसे चोद रहे हैं" शन्नो जी ने कहा माँ ने मेरी ओर देखा मेरी आँखों की खूआरी देख कर उसे बहुत अच्छा लगा "कितना खुश लग रहा है मेरा बेटा सच बताऊ दीदी, सिमर के साथ चुदाई करते हुए मुझे बार बार लगता था कि जैसे मुझे मेरी बेटी के साथ यह सुख मिल रहा है, वैसे ही मेरे बेटे को मिले, उसके भाग हैं जो इतने अच्छे खूबसूरत मर्द उसे मिले मज़ा करने को बेटे, पूरा मज़ा ले ले, आराम से चुदवा"
जीजाजी ने बहुत देर मेरी मारी "क्या गान्ड है भैया, एकदम टाइट, अमित, अब मेरी मार कर देखना, तेरा माँ या दीदी से ज़्यादा मेरी गान्ड में तुझे मज़ा आएगा"
कुछ देर में वे झड गये पहली बार गरम वीर्य की फुहार गान्ड में छूटी तो मैने समझा कि औरतों को भी क्या मज़ा आता होगा मेरा लंड और तन्ना गया था रजत ने बड़ी सफाई से मुझे मस्त रखा था, मेरा लंड चूस चूस कर पर झड़ाया नहीं था
जीजाजी ने लंड निकाला और जाकर पलंग पर ओम्धे लेट गये "अब आजा अमित, मज़ा कर ले"
क्रमशः……………..
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