RE: Kamukta Stories ससुराल सिमर का
ससुराल सिमर का—9
गतान्क से आगे……………
उधर दीदी और शन्नो जी भी अब उठ बैठी थीं हम मर्दों के खेल जब चल रहे थे तब उन्होंने मन भर के एक दूसरे की बुर चूस ली थी
शन्नो जी बोलीं "अमित ठीक से जान पहचान हुई या नहीं तेरे जीजाजी और जेठजी के साथ? मेरा ध्यान नहीं था, तेरी ये दीदी इतनी मीठी है कि इसीको चखने में लगी थी"
दीदी मुस्करा कर बोली "बहुत जान पहचान हो गयी है अम्माजी, खाना पीना भी हो गया है, देखो सब कैसे बिलौटे जैसे मुस्करा रहे हैं"
"चलो अब सो जाओ, रात बहुत हो गयी है, अमित बेटा, आराम करो, तुझे सुबह सुबह जाना है अब जल्द से जल्द अपनी माँ को लेकर यहाँ आ जाओ हम तब तक उनकी खातिर करने की तैयारी करते हैं"
मैं सो गया मन में एक पूरी तृप्ति और आनंद था यही सोच रहा था कि जब माँ के साथ वापस आऊन्गा तो क्या धमाल होगी
मैं घर पहूचा तब रात हो चुकी थी, ट्रेन लेट हो गयी थी बेल दो बार बजानी पडी तब माँ आई पहले पीपहोल में से झाँक कर देखा कि कौन है और फिर दरवाजा खोला वह बस जल्दी जल्दी में एक साड़ी लपेट कर आई थी उसकी साँस भी चल रही थी मुझे देख कर खुश हो गयी "आ गया बेटे, मैं कब से इंतजार कर रही थी! सिमर को साथ नहीं लाया?"
मैं सीधा बेडरूम में चला गया वहाँ टेबल पर मोटा छिला केला पड़ा था "माँ, तू भी अच्छी चुदैल है! दो दिन बेटे से बिना चुदवाये नहीं रह सकती केले से मुठ्ठ मार रही थी ना?"
"अरे बेटे, तू क्या जाने माँ के दिल का हाल, अपने बेटे से दूर रहने में मेरा क्या हाल होता है तू नहीं समझेगा" माँ ने साड़ी खोलते हुए कहा उसके नंगे बदन को देख कर मेरा भी खड़ा हो गया "तू अब ज़रा धीरज रख, मैं नहा कर आता हू" उसे चूम कर मैं नहाने चला गया
वापस आया तो माँ नंगी पलंग पर पडी थी और केले को चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर कर रही थी सिसक कर बोली "अब आ जा बेटे, रहा नहीं जाता पूरे चार दिन हो गये चुदवाये हुए"
मैंने केला खींच कर निकाला और टेबल पर रख दिया फिर माँ पर चढ कर चोदने लगा माँ ने सुख की साँस ली "हाय बेटे, कितना अच्छा लग रहा है अब बता, सिमर कैसी है"
माँ के चूम्मे लेते हुए मैंने कहा "एकदम मस्त है, यहाँ तो उसे प्यार करने वाली एक माँ और एक भाई थे, वहाँ उसे पति का प्यार तो मिलता ही है, सास और जेठ का भी प्यार मिलता है दो दो लौडे और एक चूत वह तो ऐसी खुश है कि क्या बताऊ"
"अरे तुझे कैसे पता लगा? उसने बताया? उनके घर में भी ऐसा होता है?" माँ ने खुश होकर पूछा
"अरे माँ, वो तो हम से भी सवाई हैं इस मामले में खुद देख कर आ रहा हू और सिर्फ़ देखा ही नहीं, किया भी, सिमर दीदी को चोदा जीजाजी के सामने, फिर सब के सामने, इतना ही नहीं, सिमर दीदी की सासूमा को भी चोद डाला" फिर मैंने माँ को विस्तार से सब बताया बताते बताते माँ को चोदना मैंने जारी रखा
वो ऐसे गरमाई की चूतड उछालने लगी मैंने पिछले दिनों में इतनी चुदाई की थी कि लंड झडने को बेताब नहीं था आराम से बिना झडे माँ को चोदता रहा उसे दो बार झड़ाया, फिर झडा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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