College Sex Stories गर्ल्स स्कूल
11-26-2017, 12:54 PM,
#25
RE: College Sex Stories गर्ल्स स्कूल
गर्ल्स स्कूल पार्ट -9

शमशेर को डी.ओ. ऑफीस जाना था; कुच्छ कागजात लाने के लिए, क्यूंकी अंजलि च्छुटी पर थी... वो लॅब से निकलने ही वाला था की नेहा ने प्रयोगशाला में प्रवेश किया; सेक्स लॅबोरेटरी में, "मे आइ कम इन सर?"
शमशेर: यस, कम इन!
नेहा आकर शमशेर के साथ खड़ी हो गयी; शमशेर को जब भी मौका मिलता था, नेहा के पिच्छवाड़े पर हाथ सॉफ कर देता... और उसको फिर अपनी प्यास बुझाने बाथरूम जाना पड़ता... आज नेहा फ़ैसला कर के आई थी; आर या पार," सर, आप ऐसे मत किया करें!
शमशेर: कैसे ना किया करूँ?
नेहा: वो सर... वो आप ... यूँ... यहाँ हाथ लगा देते हो; नेहा ने अपनी गांद की तरफ इशारा करके कहा; वो हज़ारो में एक थी... अभी तक कुँवारी!
शमशेर: ठीक है; सॉरी, आइन्दा नही करूँगा!
नेहा: नही सिर, मैं आपको ऐसा नही कह रही.
शमशेर मुस्कुराया," तो कैसा कह रही हो नेहा?" उसने नेहा के एक चूतड़ को अपने हाथ से मसल दिया!
"आ...सर!"
शमशेर: क्या?... शमशेर ने फिर वैसी ही हरकत की; बल्कि इश्स बार तो उसने अपनी उंगली उसकी चूत के 'बॉर्डर' तक पहुँचा दी...
नेहा: प्लीज़ सर, मैं बेकाबू हो जाती हूँ, मेरा ध्यान हमेशा आप पर ही रहता है... कुच्छ करिए ना... इसका इलाज!... उसके पैर खुल गये थे.. और ज़्यादा मज़ा लेने को.
शमशेर को जल्दी निकलना था," ओके. कल छुट्टी के बाद यहीं मिलना... कर देता हूँ इसका इलाज.." शमशेर बाहर चला गया और नेहा अंदर.... बाथरूम में!"

ऑफीस से गाँव वापस आते हुए शमशेर के साथ कोई और भी था... उसका दोस्त... मुझे नाम तो पता नही पर शमशेर उसको 'टफ' कह रहा था... टफ007...

"तो मुझे कितने दिन के लिए ले जा रहे हो?" मिस्टर. टफ ने कहा. नाम के मुताबिक ही वा सच में सख़्त था... बिल्कुल टफ! शमशेर जितना लंबा... शमशेर जितना हेल्ती और शमशेर से सुदर... उसकी उमर करीब 25 की थी.

शमशेर: जीतने दिन चाहो! तेरा ही घर है पगले!
टफ: यार; तू भी ना, ऐसे टाइम पर खींच लेता है, अपने साथ... आज कल कितना बोझ है ड्यूटी का. वो क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्तेर था," और सुना तेरी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है... सुधरेगा या नही...
शमशेर ने कहा," नही!" और दोनों ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे! तभी अचानक शमशेर ने ब्रेक लगा दिए," देख तुझे एक मस्त मेडम से मिलता हूँ"
शीशा खोल कर शमशेर ने आवाज़ दी," अरे मेडम यहाँ कैसे?" प्यारी मेडम खड़ी थी! शमशेर ने उसको लिफ्ट के लिए ऑफर किया. प्यारी आकर गाड़ी में बैठ गयी," अरे भैया! सब तुम्हारी ही मेहरबानी है! दिशा को इतनी सी सज़ा देने पर तुमने मुझे इतनी बड़ी सज़ा दिलवा दी! अब यहाँ आती हूँ रोज 20 किलो मीटर" अब तुम्हारे जैसे दयावान रोज तो नही मिलते ना... और ये तेरा भाई है क्या?
शमशेर: भाई जैसा ही है मेडम! क्यूँ?

प्यारी: शादी हो गयी इसकी या तेरी तरह खुद पका खा रहा है....

शमशेर: कहाँ मेडम; हम शादी के लायक कहाँ हैं... शमशेर की टोन सेक्सी थी... प्यारी ताड़ गयी... और उसने किया ही क्या था आज तक!
प्यारी: भैया तुम भरी जवानी में ऐसे कैसे रहते हो... प्यारी ने अपनी ब्रा को ठीक किया...
शमशेर: तैयार हो जाओ टफ भाई... इसके पाप तो तुझे ही धोने पड़ेंगे!
प्यारी: क्या मतलब?
शमशेर: कुच्छ नही; पर्सनल बात है कुच्छ...


प्यारी: अरे सही तो कह रही हूँ भैया; इंसान की और भी ज़रूरतें होती हैं... रोटी, कपड़ा; मकान के अलावा... जवान मर्द हो, लड़कियाँ कितनी दीवानी रहती होंगी ना तुम जैसों की तो!

टफ ने इशारा किया. शमशेर ने गाड़ी रोक दी. टफ उतार कर पीछे जा बैठा," सही कह रही हैं आंटी जी!" उसने उसकी जांघों पर हाथ रख दिया!
प्यारी: अरे! तेरे को तो बोलने की ही तमीज़ ना है.. मैं क्या.... आंटी दिखाई देती हूँ तेरे को; ज़रा एक बार उपर से नीचे तो देख.

टफ: हाए.......और क्या बोलूं........ आंटी

प्यारी: फिर से...! अरे मेरे आगे तो कुँवारी लड़कियाँ भी पानी भरती हैं.... सरिता भी मुझसे जलती है!... वैसे नाम क्या है तेरा... मैं तो तुझे नाम से ही बोलूँगी!.... तू चाहे तो मुझे 'प्यारी कह सकता है... मेरा नाम है प्यारी...

टफ: मुझे 'प्यारा' कहते हैं प्यारी... और उसने प्यारी की जांघों पर रखे अपने हाथ को अंदर की तरफ घुसा दिया.... प्यारी ने उसका हाथ दोनों हाथों से पकड़ लिया....," धात ये भी कोई जवानी दिखाने की जगह है.... कभी हवेली पर आना.. दिखती हूँ मैं... क्या चीज़ हूँ!

टफ उसका सिग्नल मिलते ही उसकी 40" की कसी हुई चूचियों को दोनों हाथों में जैसे लपक लिया," ट्रेलर तो देख ही सकता हूँ प्यरी !"

इतने मजबूत हाथो में खुद को जकड़ा पाकर प्यारी धन्य हो गयी... उसने अपना सूट उपर उठा दिया... और ब्रा नीचे सरका दी, उसकी चूचियाँ सच में ही कुँवारियों को भी पानी पीला सकती थी! छ्होटे पपीते के आकर की प्यारी की छातिया और उन्न पर तने हुए उसके अंगूर जैसे निप्पल्स ने टफ को सिसकारी भरने पर मजबूर कर दिया!


गाड़ी चलती रही... हौले हौले!

टफ उसकी छतियो पर नहा धोकर टूट पड़ा... दोनों हाथो से वो प्यारी पर प्यार लूटा रहा था... मजबूती से... प्यारी को भी ऐसे ही मर्दों को अपनी सवारी करना पसंद था," तू अपना तो ट्रेलर दिखा दे रे प्यारे!" कहकर उसने टफ की पॅंट के उपर से ही उसके मोटे, लूंबे, अब तक टाइट हो चुके उसके लॅंड को पकड़ लिया; मजबूती से, मानो एलान कर दिया हो "अब गियर वही बदलेगी.... वही चलाएगी अब प्यार की गाड़ी!"

प्यारी ने जीप खोली और टफ के 'टफ' लंड को चेक करने लगी," अरे तुम शहर वोलोन का लौदा तो बड़ा प्यारा होता है... सॉफ सुत्हरा... गाँव में तो साले लंड के साथ अपने बॉल भी बॅट देते हैं... और उसने बिना बालों वाला 'लाउडा' अपने गले तक उतार दिया... और उस्स पर इतनी शख़्ती से दाँत गाड़ा दिए.. की टफ को लगा... वो काट कर गिर पड़ेगा... उसने प्यारी को एक ही झटके में अपने से दूर फाँक दिया," साली कुतिया... अपने साथ ही ले जाएगी क्या इसको.." और अपने हाथ ही जैसे सलवार के उपर से ही उसकी चूत में घुसा दिया!
"ऊईइ मार दी रे... तरीका भी नही पता क्या साले रंडवे! रुक जा, पहले अपना लौदा खिला दे फिर इसको चाहे काट कर अपने साथ ले जाना.

टफ ने उसका सिर पकड़ा और नीचे झुककर अपने लंड को उसके मुँह में भर दिया... गले तक... जैसे बोतल के मुँह पर कॉर्क फिट कर दिया हो!

प्यारी अंदर ही अंदर छ्टपटाने लगी.. टफ की इश्स अनोखे बदले से छुटकारा पाना प्यारी के वश की बात ना थी... वो इधर उधर बदहवासी में हाथ मारने लगी!

"आबे जान लेगा क्या इसकी, टफ ने आगे देखते देखते कहा...," छ्चोड़ दे इसको, मर जाएगी."

"मर जाएगी तो मर जाएगी साली.... लावारिस दिखा के फूँक देंगे साली को... और उसने प्यारी देवी को छ्चोड़ दिया... अब उसकी हिम्मत भी ना हो रही थी उसके लौदे की और देखने की... उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और पैर 'प्यारे के आगे खोल दिए!

"मस्त माल है भाई... अभी तक गॅरेंटी में ही था लगता है... तू गाड़ी वापस ले ले! इसको आज ही एक्सपाइर कर दूँगा!

शमशेर ने गाड़ी सीधी स्कूल में ले जाकर घुसा दी और उन्न दोनों को "उसी प्यार की प्रयोगशाला" में क़ैद करते हुए बोला..." टफ, आराम से करना... जान से मत मार देना.... मैं 1 घंटे में आउन्गा" कहकर वह लॅब का ताला लगाकर चला गया!

अंदर आते ही टफ ख़ूँख़ार भेड़िए की तरह प्यार करने को आतुर प्यारी देवी पर टूट रहा था. वा ये गाना गुनगुना रहा था... हम तूमम्म इक कमरे में बंद हूऊओ, और.....!

"ठ्हहर तो जा निकम्मे; कभी लड़की देखी नही क्या?"

"देखी हैं... पर तेरे जैसी जालिम नही देखी"... टफ को पता था... औरत और लड़की की सबसे बड़ी कमज़ोरी.. अपनी प्रशंसा सुन-ना होती है.

प्यारी ने झट से अपने कपड़े उतार दिए... उसका भरा भरा शरीर, 40" तनी लगभग तनी हुई चुचियाँ, मोटी मोटी जांघें, जाँघो के बीच डुबकी बॉल सॉफ की हुई... मोटी मोटी फांको वाली चूत, करीब 46" की डबल गांद और उसके बीचों बीच कसे हुए चूतदों की वजह से बनी गहरी घाटी को देख टफ अपना आपा खो बैठा... उसमें शमशेर जितना कंट्रोल नही था... उसने झट से प्यारी की एक टाँग उठा कर टेबल के उपर रख दी. प्यारी की गांद फटने को हो गयी... उसकी चूत गांद के बीच में से झहहांक रही थी... टफ की और...
टफ ने घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी... अंदर तक...
अपनी मोटी जांघों की वजह से प्यारी को ये आसान पसंद नही आ रहा था.. उसने उतने की कोशिश करी पर टफ ने उसको मैंने की तरह दबोच रखा था... एक मोटा मैमना!

"जान से मरेगा क्या? तेरी... कुत्ते ... आ.. एक बार छ्चोड़ दे... सीधी... आ.. होकर लेट लेने दे जालिम.... अपनी चूत में रेसीली जीभ को घुसा पाकर वा आपा खोती जा रही थी... पर टाँगों का दर्द उसको परेशान कर रहा था... लेकिन टफ उसके साथ किसी तरह की रियायत के मूड में नही था... उसने जीभ अंदर तो घुसा ही रखी थी... अपनी उंगली उसकी गांद के काले हो चुके च्छेद में घुसा दी...

"हाइयी मा.. सारा मज़ा खुद ही लेगा क्या... मुझे भी तो लेने दे... प्यारी का भी तो ख़याल रख... सीधा होने दे साले... " प्यारी देवी जवान खून के आगे अपने घुटने टेक दिए... वो अब उठने की कोशिश नही कर रही थी.. हाँफ रही थी.. और विनती करके अपने लिए थोड़ी दया की भीख माँग रही थी... उसका सिर टेबल से लगा हुआ था और उसकी चुचियाँ टेबल में जैसे घुसी हुई थी... उसको तने हुए अपने निप्पालों के टेबल से रग़ाद खाने की वजह दर्द हो रहा था.

टफ अपनी उंगली इतनी तेज़ी से उसकी गांद में पेल रहा था की लगता था जैसे प्यारी के च्छेद में मोटर से चलने वाली कोई रोड अंदर बाहर हो रही हो... उसको अब बोलने का भी अवसर नही मिल रहा था... आख़िरकार, उसकी चूत "रोने" लगी... वो गाढ़े गाढ़े आँसू टपकाने लगी... टफ इश्स रस का सौकीन था... उसने रस ज़मीन पर नही टपकने दिया...

उसके बाद प्यारी को थोड़ी देर के लिए राहत मिली," मार ही दिया था तूने तो... क्या नाम है तेरा! टफ को उसकी सुननी नही थी.. अपनी करनी थी! प्यारी को पलट कर टेबल पर पीठ के बल लिटा दिया और उसकी सलवार उठा ली.

सलवार का एक कोना अपनी उंगली से लपेट कर उसने प्यारी की टाँगो को ऊपर उठा कर फिर से उनको चौड़ा कर दिया...और कपड़े से ढाकी उंगली को उसकी गांद में घुसेड दिया!
" ये क्या कर रहा है तू? पागल है क्या... मैं कहाँ फँस गयी रे अम्मा!"


टफ उसकी चूत को अंदर से सॉफ कर रहा था.. बिल्कुल सूखी! उसको दर्द देकर मज़ा लेने में ही आनद आता था... और प्यारी की गीली चूत में दर्द कहाँ होता.

टफ ने टाइम वेस्ट नही किया.. अपनी उंगली निकाल दी और अपने लंड को आज़ाद करके उसकी मुँह बाए पड़ी चूत में धकेल दिया.... चूत बिल्कुल सूखी होने की वजह से जैसे प्यारी की प्यासी की दीवारें छिल गयी.. वो कराह उठी.. फिर से छ्टपटाने लगी.. पर आज़ाद ना हो पाई...

टफ में कमाल की तेज़ी सी... लंड इतनी तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था की जैसे प्यारी में भूकंप आया हो... शमशेर ने देखा उसकी मोटी चूचियाँ बुरी तरह हिल रही हैं... प्यारी देवी कुतिया की तरह भोंके जा रही थी, पर टफ को उस्स वक़्त कुच्छ नही सुन रहा था.. वो टेबल पर ही चढ़ बैठा.. प्यारी को और आगे धकेल कर... अब प्यारी देवी के खुल चुके बॉल और उसकी गर्दन दोनों ही नीचे लटक रहे थे.

टफ ने उसकी टाँगो के दोनो और से अपने हाथ निकाल कर उसकी चूचियों को मजबूती से बुरी तरह जाकड़ लिया.. और फिर वैसे ही झटके शुरू कर दिए.. अब उसकी चूचियाँ हिल नही रही थी.. पर टफ की जाकरने में वो और भी व्याकुल हो उठी. बकती बकती प्यारी की चूत को उस्स वक़्त ही आराम मिल पाया जब उसकी चूत फिर से गीली हो गयी... पर अब जैसे ही टफ का लंड उसकी चूत में फिसलने सा लगा... टफ का मज़ा कूम हो गया....करीब 20 मिनिट बाद..!

पर उसको मज़ा लेना आता था... दर्द देकर.. उसने तुरंत उसकी चूत में से लंड निकाल लिया...
"कर ना साले... अभी तक तो तू मेरी मा चोद रहा था... और अब मज़ा आने लगा तो तूने निकाल दिया... फाड़ दे साले मेरी चू...
"ये तो पहले ही फटी पड़ी है... इसको ये 8" और क्या फड़ेगा! इसके लिए तो मुझे कोई मूसल लाना पड़ेगा.... ळाउ क्या?"

"नही रे! मर जाउन्गि... बस तू मुझे अब छ्चोड़ दे जाने दे!"

ऐसे कैसे जाने देता... टफ ने उसको पकड़ कर फिर से उसी पोज़िशन में ला दिया जिस पोज़िशन में वो पहले थी... उसकी गांद फट गयी!

टफ ने उसकी गांद को घूरा और अपने लंड के लिए सही लगा तो उसमें उतारने लगा... प्यारी रोने लगी.. सूबक सूबक कर.. और 5-6 झटकों में टफ ने उसकी अंतडियों को हिला कर रख दिया... लंड दूर गांद में उतार गया था... प्यारी को होश नही था," प्लीज़ एक बार थूक लगा लो.... और इश्स बार टफ ने उसकी मान ली... टफ उसकी गांद को चौड़ा करके दूर से ही इश्स तरह थूकने लगा जैसे वा गांद नही कोई डस्टबिन हो... 4-5 कोशिशों के बाद निशाना लग गया... और थूक उसकी गांद ने पी लिया!

अब फिर वही कहानी शुरू... पर प्यारी को अब आराम था... वा 35 मिनिट में पहली बार खुश दिखाई दी... उसकी बकबक बढ़ने लगी, दर्द के मारे नही अब की बार; उत्तेजना के मारे, टफ की स्पीड अब भी वही थी जो उसकी चूत में थी..
प्यारी निहाल हो गयी.. टफ ने गांद से निकल कर चिकना लंड उसकी चूत में काम पर लगा दिया... प्यारी सिसकारने लगी और तभी उसकी चूत ने फिर पानी छ्चोड़ दिया.. वो सीधी होकर इश्स जाबाज को अपने गले से लगा लेना चाहती थी... पर टफ ने उसकी आख़िरी इच्च्छा भी पूरी ना की... उसके पलटते ही उसको बालों से पकड़कर नीचे बैठाया और... लगभग ज़बरदस्ती करते हुए.. उसका मुँह खुलवाया और लंड की सारी मेहनत का फल उसको पीला दिया... टफ ने उसको तब तक नही छ्चोड़ा.. जब तक उसके गले में से रस गेटॅक्न का आभास होता रहा

प्यारी देवी उसको टुकूर टुकूर देख रही थी... टफ ने अपना लंड बाहर निकाला और कपड़े पह्न-ने शुरू कर दिए! उसके चेहरे पर अजीब सी शांति थी... प्यारी को दर्द देने की!

"गभ्रू! आपना नाम तो बता दे!" प्यारी भी कपड़े पहन रही थी...

"टफ मुश्कुराया और बोला," मुझे अजीत कहते हैं.... आंटी जी!"

प्यारी सोच रही थी...," सला चोद चाड कर आंटी जी कह रहा है...!"

अजीत ने शमशेर के पास फोने किया और बोला आ जाओ भाई!

शमशेर और अजीत प्यारी को वापस गाँव के बाहर छ्चोड़ आए और घर चले गये!.....

"टफ,कैसी रही प्यारी?",शमशेर ने आते हुए पूचछा.
"साली बहुत कड़वी थी?" अजीत और शमशेर ज़ोर से हँसे!, अजीत ने म्यूज़िक ओन कर दिया.

घर जाकर वो सीधे उपर चले गये... दिशा और वाणी नीचे खिड़की में बैठी शमशेर का ही इंतज़ार कर रही थी... पर जब उन्होने किसी और को भी देखा तो वो बाहर ना निकली और दिशा उनके लिए चाय बनाने लगी.

चाय बना कर दिशा उपर देने गयी... वाणी भी साथ गयी... दिशा की जासूस! अब वो एक पल के लिए भी दिशा को शमशेर के पास अकेले नही छ्चोड़ना चाहती थी.
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