RE: College Sex Stories गर्ल्स स्कूल
"सर आप क्या कर रहे हो?"
शमशेर नेट पर चेटिंग कर रहा था," कुच्छ नही वाणी!"
"मैं यहीं सो जाउ क्या!"वा पिच्छली बात भूल गयी थी.
शमशेर को पता था दिशा सुन रही होगी," फिर तुम्हारी दीदी को डर नही लगेगा क्या?"
वाणी: दीदी! तुम भी यहीं आ जाओ ना; हमारे पास! तीनों मज़े से सोएंगे!
दिशा सर के पास सोने की बात सुनकर शरम से लाल हो गयी और करवट बदल कर मुँह छिपा लिया.
शमशेर उठा और बाथरूम में घुस गया. वाणी की जवानी ने उसका बुरा हाल कर दिया था. बहुत दिनों बाद उसको लगा, मूठ मारे बगैर नींद नही आएगी. उसने अपनी पॅंट निकाल दी. उसको टाँगने लगा तो उसको हॅंगर पर वाणी की कछि तंगी दिखाई दी.
उसने उसको उतार कर देखा; उसमें से योनि रस की स्मेल आ रही थी. " कितनी प्यारी खुश्बू है; एकद्ूम मदहोश कर देने वाली! उसने अपने लंड को आज़ाद किया, उसकी एक एक नस चमक रही थी. आँखें बंद करके वा अपने हाथ से लंड पर घेरा बनाकर आगे पिच्चे करने लगा.
उधर दिशा सिर के बाथरूम में जाते ही वाणी के पास दौड़ी हुई आई और वाणी का प्यार से गला पकड़ लिया," सर की चमची, सर को सारी बातें बतानी ज़रूरी हैं क्या!"
वाणी: दीदी! आप सर से इतनी जलती क्यूँ हैं.
वाणी, दिशा की शरम को उसका जलना मान रही थी; कितनी नादान थी वो!
दिशा: चल वही सोएंगे, मुझे तुमसे बात करनी है!
वाणी: नही दीदी; सुबह बता देना और उसने पलटी मार कर आँखें बंद कर ली.
दिशा उठकर चली गयी और अपनी खाट पर जाकर लेट गयी. "काश! सर मुझे ज़बरदस्ती अपने बेड पर ले जाते. वाणी कितनी खुसकिस्मत है." सोचते सोचते उसने आँखें बंद कर ली. उसके दिमाग़ में कुच्छ चल रहा था.
शमशेर आया और वाणी के पास ही लेट गया. उसको पता था वो नीचे से नंगी है! पर शमशेर ने अपनी सोच को हटाकर दिशा पर लगा लिया. अब दिशा ही उसका टारगेट थी. उसके बारे में सोचते सोचते उसको ना जाने कब नींद आ गयी....
रात के करीब 2 बजे का टाइम था. शमशेर मीठी नींद में दिशा के सपनों में खोया हुआ था. अचानक उसको अहसास हुआ, कोई साया उसके पास खड़ा है, कहीं ये दिशा ही तो नही. उसने ध्यान से देखा; अरे हां, वही तो है. उसने आँखे बंद कर ली.
शमशेर के दिल की धड़कन तेज हो गयी. क्या दिशा भी उससे...! सहसा उसको अपनी छति पर एक कोमल हाथ लहराता हुआ महसूस हुआ. दिशा ने उसको धहेरे से पुकारा," सस्स...इर्ररर!"
शमशेर ने कोई जवाब नही दिया. वो जानता था कि दिशा चेक करना चाहती है; कहीं सर उठ तो नही जाएँगे! शमशेर क्यों उठता भला.
दिशा शमशेर की छति पर हाथ फेरने लगी. शमशेर के दिल में आया की उठकर उसकी जवानी को दबोच ले, पर उसको लगा, पहले देखना चाहिए दिशा किस हद तक जाती है.
फिर दिशा ने उसको ज़ोर से हिलाया. पर शमशेर सोता रहा. दिशा एक पल के लिए रुकी, फिर उसकी कमीज़ के बटन खोलने लगी, धीरे धीरे."अफ...!"
शमशेर की छति नंगी हो गयी. दिशा उसकी च्चती के बालों को प्यार से सहलाने लगी. फिर वह झुकी और शमशेर के गालों पर अपने लरजते होंट रख दिए.
शमशेर को मज़ा आने लगा था. बड़ी मुश्किल से वा खुद की सांसो पर काबू पा रहा था. दिशा झुकी और शमशेर के मर्दने होंटो को अपने लबों में क़ैद कर लिया. शमशेर तो जैसे आसमान में उड़ रहा था. वा मज़े लेता रहा. नेहा उसके कानों को चबाने लगी. शमशेर को उसकी तनी हुई चुचियाँ अपनी च्चती में चुभाती महसूस हुई. इतनी सख़्त....आ...आ!
अचानक दिशा सर की चादर में घुस गयी और उससे लिपट गयी. चादर में घुसने के बाद उसने अपनी कमीज़ उतार दी.
शमशेर आँखें फाडे उसकी चुचियों को देखने लगा. चुचियाँ मानो भगवान ने मॉडल के रूप में ढली हों. वैसी जैसे मानो 'राफियेल' ने अपनी तुलिका से उनको मान चाहा रूप दिया हो, उनमें मनचाही मस्ती भरी हो! कैसे सीना ताने अपनी उचाई और गोलाई पर घमंड कर रही हों जैसे. शमशेर का लंड बेकाबू होता जा रहा था.
दिशा ने सर के हाथ को अपने हाथ में लिया और उसको अपनी छति पर दबा दिया.
आ! शमशेर की लाख कोशिश के बावजूद खुदकी सिसकी निकल पड़ी. दिशा सर के हाथ से अपनी चूची दबाने लगी; जैसे उसका रस निकलना चाह रही हो.
दिशा सर के उपर आ गयी. दोनों की छतिया आमने सामने थी. ऐसा लगा अभी महासंग्राम होगा!
दिशा ने शमशेर के होंटो को अपनी जीभ से ज़बरदस्ती खोल दिया और जीभ उसके मुँह में घुसा दी. शमशेर को उसकी सिसकियाँ साफ सुनाई दे रही थी.
दिशा सर के उपर से उतरी और अपना हाथ नीचे ले गयी, वहाँ जहाँ जाँघ रूपी दो पुन्जो का मिलन होता है, और औरत का मकसद; एक पोल खड़ा होता है.
दिशा ने शमशेर की पॅंट का बटन खोला और उसकी जीप नीचे कर दी.
शमशेर से रहा ना गया, उसने अपना अंडरवेर खुद ही नीचे खिसका दिया, मगर ऐसे की दिशा को आभास ना हो.
शमशेर के शेर ने करवट बदली और स्प्रिंग की तरह उच्छल कर दिशा के हाथ से जा टकराया! दिशा उसपर हाथ फेर कर उसकी सखता ई और मोटाई का अंदाज़ा लगाने लगी. उसकी साँसे उखाड़ गयी थी, बाल बिखर गये थे.
दिशा अपना मुँह शमशेर के लंड के पास ले गयी और उसकी जड़ों पर जीभ फिराई. क्या मस्त स्टाइल था. शमशेर को पता था. असली सकिंग वहीं से शुरू होती है...
शमशेर के लंड से जीभ सताए उपर की और खींच लाई, अपनी जीभ को, और सुपादे पर प्यार से चुम्मि देकर उसको इज़्ज़त बखसी!
ऐसा लग रहा था अब दिशा को किसी बात का डर नही है, ना सर का ना जमाने का; जैसे वा जान गयी हो कि सर भी तो यही चाहते हैं.
असचर्यजनक रूप से पहली बार ही उसने अपने होंटो को पूरा खोल कर लंड के सुपारे को क़ैद कर लिया. वह उस्स पर जीभ फिराने लगी; मुँह में सुपारे को लिए लिए ही. शमशेर सोच रहा था अब तक तो दिशा को पता चल जाना चाहिए की वा जाग रहा है. तभी दिशा ने शमशेर का पूरा लंड अपने गले की गहराइयों तक उतार लिया. शमशेर कुत्ते की तरह सिसक रहा था पर उसकी हिम्मत ही ना हुई उठने की. वह निढाल पड़ा रहा; जैसे बेहोश हो.
पहली बार में ही कोई लड़की 8 इंच लंबे लंड को अपने मुँह में पूरा कैसे उतार सकती है; ज़रूर खेली खाई है साली. शमशेर सोच रहा था. वह उठना चाहता था पर उठ ही ना पाया, वा बेबुस था.
दिशा तेज़ी से लंड को अपने मुँह में अंदर बाहर करने लगी, बिल्कुल खेली खाई लड़की की तरह. शमशेर हैरान तहा. उसका अब च्छुटने ही वाला था की अचानक दिशा ने लंड को अपने मुँह से निकाल दिया. और उसके उपर जा चढ़ि. आज वो किसी के वश में नही थी.
दिशा बेकाबू हो चुकी थी. उसने अपनी सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार को उतारकर नीचे डल दिया. वह इतनी जल्दबाज़ी में थी की शमशेर के रोड जैसे शख्त हो चुके उसके लंड को पनटी के उपर से ही रगड़ने लगी. शमशेर का स्टॅमिना उसको जवाब दे रहा था. दिशा ने कुच्छ देर बाद अपनी चूत के उपर से पनटी को हटाकर उस्स रोड के लिए जगह बनाई और लंड को अपने योनिद्वार से सटा कर उस्स पर बैठ गयी. 'फ़चक' की आवाज़ के साथ पूरा का पूरा लंड उसकी चिकनी चूत में समा गया. दिशा शमशेर की छति पर धम्म से गिर पड़ी और पागलों की तरह उसके कंधों को, गालों को अपने दातों से काटने लगी. वह उपर से धक्के लगा रही थी और शमशेर नीचे से. 2-3 मिनिट में ही शमशेर दिशा से हार गया. उसके लंड से तेज पिचकारी निकल पड़ी. दिशा फिर भी उसस्पर कूदती रही. अब शमशेर से सहन नही हो रहा था. वा बड़बड़ाने लगा," प्लीज़्ज़ दिशा मुझे छ्चोड़ दो, मैं और सहन नही कर सकता. मुझे माफ़ कर दो प्लीज़्ज़ज्ज्ज.
वाणी चौंक कर उठ बैठी," सर जी! उठिए...." और शमशेर चौंक कर उठ बैठा. वा पसीने से तर बतर था. ए.सी. की ठंडक भी उसके सपने की गर्मी को दबाने में नाकाम रही थी. उसकी साँसे अब भी तेज चल रही थी. उसने देखा," दिशा वाणी के साथ ही बेड पर बैठी है. पूरे कपड़े पहने..... उतनी ही शांत जितनी वो उसको छ्चोड़ कर सोया था....वह हल्का हल्का मुस्कुरा रही थी. शमशेर शर्मिंदा हो गया!
टू बी कंटिन्यूड....
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