RE: College Sex Stories गर्ल्स स्कूल
शमशेर मॅन ही मॅन सोच रहा था अगर अंजलि ही वो लड़की है जिसके स्कूल में
जाकर उसको जोइन करना है, फिर तो उसकी पाँचो उंगलियाँ घी में होंगी. उसको
अंजलि की हालत देखकर यकीन हो चला था की अगर वो शुरुआत करेगे तो अंजलि
पीच्चे नही रहेगी. पर अगर वो जान गयी की मैं उसके स्कूल मैं ही जोइन करने
जा रहा हूँ तो वो हिचक जाएगी. इसीलिए वो आज ही उसको पता लगने से पहले ही
उसकी चूत मार लेना चाहता था. साथ साथ उसको एक डर भी था! अगर अंजलि के मॅन
को वो भाँप नही पाया है और उसने खुद सुरुआत कर दी और अंजलि का रिएक्शण
अलग हुआ तो फिर मुस्किल हो जाएगी. ऐसे में वो स्कूल जाकर उसका सामना कैसे
करेगा. इसीलिए शमशेर चाहता था की पहल अंजलि की तरफ से ही होनी चाहिए.
अचानक बस स्टार्ट हो गयी और वो यही सोचता हुआ बस में चढ़ गया.
अंजलि: कहाँ रह गये तहे आप; मैने तो सोचा आप वापस ही नही आओगे.
शमशेर: अरे नही... आपके लिए कोल्डद्रिंक और फ्रूट्स लाने चला गया था.
कोल्डद्रिंक की वो बोतल जिसमें उसने नशे की गोलियाँ मिलाई थी उसकी तरफ
करते हुए कहा.
अंजलि: सॉरी सर, लेकिन मैं कोल्ड्रींक नही पीती.
शमशेर को अपने अरमानो पर पानी फिरता महसूस हुआ
शमशेर: अरे लीजिए ना, आपको उल्टियाँ आ रही थी, इसीलिए... इससे आपका दिल
नही मचलेगा.
अंजलि: थॅंक्स, बट मैं पी नही पाउन्गि, इनफॅक्ट मैं कभी नही पीती. हां
फ्रूट्स ज़रूर लूँगी. हंसते हुए उसने कहा.
शमशेर ने अंबूझे मॅन से कोल्ड्रींक की बोतल बॅग में रख ली. फिर बोला,"
लीजिए केला खाइए.
केले का साइज़ देखकर अंजलि को कुच्छ याद आया और उसकी हँसी छ्छूट गयी. वो
मुश्किल से 3 इंच लंबा था.
शमशेर: जी, क्या हुआ?
अंजलीहांसते हुए) जी कुच्छ नही.
अंजलि को केले की और देखता पाकर शमशेर कुच्छ कुच्छ समझ गया.
शमशेर: बताइए ना क्या बात है. वैसे आप हँसती हुई बहुत सुंदर लगती हैं.
अंजलि: क्या मतलब. वैसे नही लगती..
शमशेर: अरे नही....
अंजलि: जाने दीजिए, मैं तो आपके केले को देख कर हंस रही थी.
शमशेर का ध्यान सीधा अपनी पॅंट की तरफ गया. एक पल के लिए उसको लगा कहीं
ज़िप खुली होने से उसका केला तो बाहर नही निकल आया. सब ठीक ठाक था. फिर
केले के साइज़ को देखकर मामला समझ गया.
शमशेर: जी क्या करे, मैने खुद तो उगाया नही है. यहाँ बस यही मिले.
अंजलि की हँसी रुकने का नाम ही नही ले रही थी. उसके मॅन में तो दूसरा ही
केला घूम रहा था. हालाँकि उसने अपने व्यक्तीता का हमेशा ख्याल रखा था. पर
शमशेर के नायाब जिस्म को देखकर उसमें खुमारी आती जा रही थी.
अंजलि: शमशेर जी, आप करते क्या हैं?
शमशेर: अजी जिन बातों का समय आने पर खुद ही पता चल जाना है उनके बारे में
क्या बात करनी. आप अपनी बताइए, आपने शादी क्यूँ नही की?
अंजलीकुच्छ देर सोचते हुए) है तो पर्सनल मॅटर पर मैं नही समझती की आपको
बताने से कोई नुकसान होगा. आक्च्युयली मेरी छ्होटी बेहन 6 साल पहले किसी
लड़के के साथ भाग गयी थी. बस तब से ही सब कुच्छ बिखर गया. पापा पहले ही
नही थे, मम्मी ने स्यूयिसाइड कर लिया... कहते हुए अंजलि फफक पड़ी. मुझे
नहीपाता मेरी ग़लती क्या है, पर अब मैने अकेला ही जीने की सोच ली है.
शमशेर बुरी तरह विचलित हो गया. उसे कहने को कुच्छ नही मिल रहा था. फिर
धीरे से बोला,"सॉरी अंजलि जी" मैने तो बस यूँही पूच्छ लिया था.
अंन्जालि ने उसके कंधे पर सुर रखा और सुबकने लगी.
शमशेर को और कुच्छ नही सूझा तो वो बोला मुझसे नही पूच्चेंगी क्या मैने
शादी क्यूँ नही की!
अंजलि की आँखों में अचानक जैसे चमक आ गयी और हड़बड़ा कर बोली," क्या आपने
भी... मतलब क्या आपकी शादी...क्यूँ नही की आपने
शमशेर: कुच्छ फिज़िकल प्राब्लम है?
अंजलि जैसे अपने गुम को भूल गयी थी,"क्या प्राब्लम है"
शमशेर ने मज़ाक में कहा,"बताने लायक नही है मेडम"
अंजलि: क्यूँ नही है, क्या हम दोस्त नही हैं?
शमशेर: जी वो एररेक्टिओं में प्राब्लम है.
अंजलि एररेक्टिओं का मतलब अच्च्ची तरह समझती थी की वो अपना लंड खड़ा ना
हो सकने के बारे में कह रहा है. पर ये तो झूठ था, वो खुद महसूस कर चुकी
थी. पर वो कह क्या सकती थी? सो चुप रही.
शमशेर: क्या हुआ? मैने तो पहले ही कहा था की बताना लायक नही है.
अंजलि: (शरमाते हुए) मुझे नही पता, मुझे नींद आ रही है, क्या मैं आपकी
गोद में सर रखकर सो जाउ.
शमशेर: हां हां क्यूँ नही. और उसने अंजलि को अपनी गोद में लिटा लिया.
अंजलि ने वही किया, अपने हाथ को सर के नीचे रख लिया और धीरे धीरे हाथ
हिलाने लगी. ऐसा करने से उसने महसूस किया की शमशेर का लंड अपने विकराल
आकर में आता जा रहा है. अंजलि सोच रही थी की उसने झहूठ क्यूँ बोला. उधर
शमशेर ने भी सोने की आक्टिंग करते हुए अपने हाथ धीरे धीरे अंजलि के कंधे
से सरककर उसकी मांसल तनी हुई चूंचियों पर ले गया. दोनो की उत्तेजना बढ़ती
जा रही थी.
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