RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
अब गुलनार को मजा लगने लगा और वो भी अपनी कमर उठा उठाके जय से चुदवा रही थी। अपनी चूचियां खुद दबाते गुलनार जय से बोली - "जय और जोर से चोद अब मुझे। देख मेरी माँ कैसे राज चाचा के तगड़े लंड से अपनी गांड मस्ती से चुदवा रही है। मुझे भी हिंदू के इतने बड़े लंड लेने के लिए तैयार करो तुम जय। और चोदो मुझे हमारे राजा…”
जय ने गुलनार के मम्मे जोर से दबाते कहा- “यार राज, आज तूने बहुत मस्त माल लाया है। यह दोनो रंडी माँ बेटी देख कैसे बेशर्म होके चुदवा रही है। यार मेरा तो यह छिनाल गुलनार पे इतना दिल आया है की मै चाहता हूँ की इसे हमारी रखैल बनाके यही रख लेंगे, क्यों तेरा क्या कहना है रंडी बेटी गुलनार की छिनाल माँ गुलबदन… तेरी छिनाल बेटी को मेरी रंडी बनाके रखूँ क्या इधर हमारे साथ…”
अपनी गांड राज के लंड पे और दबाते, बड़ी मस्ती से अपनी गांड चुदवाते गुलबदन बोली - “जय, अरे यार गुलनार को रंडी बनाके रखने की बात क्यों करता है… अब हम इस शहर में है 3 साल के लिए, तुम दोनो का जब जी चाहे हमें बुलाना या हमारे घर आना, हम माँ-बेटी हमेशा तुम दोनो हिंदुओं के लिए तैयार रहेंगे…”
गुलनार अपनी माँ को देख रही थी जो राज के बड़े लंड से अपनी गांड मरवा रही थी। गुलनार की चूत में भी गर्मी आई और वो नीचे से जय के लंड के धक्के का जवाब अपनी चूत उठाके, जय के लंड को मुस्लिम चूत में लेकर दे रही थी गुलबदन और गुलनार आज बहुत खुश थी क्योंकि अब उनके बीच की शर्म खतम हो गयी थी और अब आगे से यह दोनो एक दूसरे के लवर्स के साथ खुले आम चुदवा सकती थी। जो लौड़ा माँ को पटाएगा वो बेटी को भी चोद सकता था और जो लौड़ा बेटी ने पटाया वो माँ को भी चोदने वाला था अब से। कमरे में माँ-बेटी को चोदने का सिलसिला बड़ी मस्ती से चल रहा था।
माँ-बेटी बेशरम होके अपनी गांड और मुस्लिम चूत उन दो मर्दो से मरवा रही थी। अपनी गुलबदन रंडी की गांड को खूब मस्ती से मारते राज बोला- “गुलबदन, तेरी गांड मै बाद मे मारुंगा लेकिन अब मुझे तेरी बेटी कि गांड मारनी है। अब मुझे जय के साथ-साथ तेरी बेटी को चोदना है। तेरी कमसिन बेटी गुलनार की गांड का भोसड़ा बनाने के बाद हम दोनो तुम्हारे मस्त बदन का भोसड़ा बनायेंगे…” इतना कहते राज ने गुलबदन कि गांड से अपना लंड निकालके गुलनार के पास गया।
गुलबदन को पहले राज पे गुस्सा आया कि उसने गुलबदन की चुदाई अधूरी रखी, पर अब वो भी अपनी बेटी के एक साथ दूहरी चुदाई देखना चाहती थी। गुलनार राज की बात सुनके हैरान हुई कि एक तगड़ा लंड मुश्कील से उसने चूत मे लिया और अब दूसरा तगड़ा हिंदू लंड उसी वक्त उसकि गांड चोदना चाहता है। लेकिन गुलनार ऐसे मे कुछ कह भी नही सकि। तब जय ने गुलनार को अपनी बाहो मे लेके उसे अपने बदन पे लिया। अब जय के काले बदन पे लेटी गोरी-गोरी गुलनार की मुस्लिम चूत मे उसका लौड़ा था और अब पीछे उसकि खुलि गांड मे राज अपना हिंदू लौड़ा डालने को तैयार खड़ा था।
वैसे तो रंगीला ने गुलनार कि गांड मारी थी लेकिन गुलनार के कमसिन बदन ने आज तक एक साथ 2-2 लंड नही लिए थे। जय पे लेटी हुई अपनी नंगी बेटी कि गांड देखके गुलबदन उसके पास गयी और नीचे झुकके अपने हाथो से गुलनार कि गांड फैलाके, अपनी गांड को चोदके निकला हुआ राज का लौड़ा पकड़ के अपनी प्यारी बच्ची के गांड पे रख दी। गुलनार हैरान थी कि अब क्या होगा, लेकिन राज ने, आराम से अपना लंड आगे पीछे करते गुलनार कि गांड मे आहीस्ता आहीस्ता घुसाने लगा। गुलनार को एक साथ 2-2 तगड़े लंड अपनी चूत और गांड मे लेने मे तकलीफ होनेवाली थी, पर गुलनार ने हिम्मत नही हारी। जब धीरे-धीरे करते राज का पूरा लौड़ा गुलनार कि गांड मे घुसा, तब नीचे से जय और ऊपर से राज उसे चोदने लगे। अपनी बेटी की हो रही मस्त चुदाई देखके गुलबदन भी खुश हुई। नीचे बैठके, अपनी एक उंगली चूत मे डालके अपनी बेटी की चुदाई देख गुलबदन बड़ी खुशी से देखने लगी।
एक साथ 2-2 तगड़े लंड से अपनी चूत और गांड मरवाने मे गुलनार को दर्द हो रहा था। पर जो दर्द था उससे ज्यादा उसे मजा आ रहा था। दर्द कम होके अब मजा बढ़ रहा था। पागल जैसे जय को किस करके, गुलनार ने अपनी माँ के मम्मे मसलते कहा- “अया आ माँ मै तो 2-2 लंडो से चुदा रही हूँ आअहह माँ, उफफफफ़ मेरी तो जानणन निकल रही है हरामियो। पर चोदो और चोदो मुझे, अहह…”
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