RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
जय की बात पे जरा गुस्सा होके, छटपटाते, गुलनार उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी। कैसे भी करके जय की पकड़ से अपने आपको छुड़ाते गुलनार खड़ी हुई। सामने खड़ी नंगी कमसिन गुलनार को देखके, अपना लंड बेशर्मी से मसलते जय बोला- “अरे कहां जा रही हो रानी… रात को क्या नंगी जाएगी क्या रोड पे… साली रंडी फिर तो तुझे ना जाने कितने लंड चोदेंगे साली छिनाल। चल इधर आ रंडी की छिनाल बेटी और अपनी मुस्लिम चूत की सील हमारे लंड से तुड़वा ले। तेरी माँ ने भी शादी से पहले ना जाने कितने लंड लिए होंगे अपनी मुस्लिम चूत में, अब तू अपनी माँ के नक़्शे कदम पे चल और आके मुझसे चुदवा ले हरामी रांड़…”
जय की हरकते गुलनार को अच्छी लग रही थी और वो चुदवाने को भी तैयार थी, पर जयकी उसके और उसके माँ के बारे में की गये इतनी गंदी बात से गुस्सा होके, जय के सामने वैसी ही नंगी खड़ी रहते गुलनार बोली- “जय, खबरदार जो अब तूने मेरी माँ और हमारे बारे में कुछ बोला तो। मैंने बोला ना मुझे तुझसे नही चुदवाना तो नही चुदवाना…”
गुलनार के पास खड़े होके उसके दोन मम्मे पकड़ के जोर से दबाके जय बोला- “अगर मैंने तेरी माँ को रांड़ बोला तो क्या उखाड़ेगी तू साली छीनाल… तूने देखा नही अंदर कैसे एक कुली से चुदवा रही है तेरी माँ… मुझसे नही चुदवाना तो चल भाग जा इधर से ऐसी नंगी ही रांड़…”
जय के हाथ से मम्मे ऐसे दबवाने से गुलनार को दर्द हुआ लेकिन मजा भी आया। असल में गुलनार यह सब नाटक कमरे में जाके, अपनी माँ का परदाफाश करके उसके सामने ही जय से चुदवाना चाहती थी।
जय का हाथ सीने से हटाके वो बोली- “मै क्यों रोड पे जाऊँगी… मै तो अंदर जा के माँ को बोल दूंगी कि तू उसके बारे में कैसी गंदी बात कर रहा है और मुझे कैसे नंगी करके, लंड चुसवाके अभी हम माँ बेटी को एक दूसरे के सामने चोदने की बात कर रहा है। चल साले, देख राज चाचा क्या हाल करेगा तेरा…”
गुलनार की नंगी कमर में हाथ डालते, उसे रु म के डोर के पास ले जाके जय बोला- “हाँ, ज रुर चलो अंदर, चल साली देख तेरा राज चाचा तेरी माँ की मुस्लिम चूत में लंड डालके कैसे मुझे डाँट देता है…”
डोर के पास जाके, गुलनार को पीछे से पकड़ते, उसकी गांड पे लंड रगड़ते जय ने दरवाजा बजाते कहा- “राज, यार दरवाजा खोलो, गुलनार को मेरी कुछ शिकायत करनी है उसकी माँ और तुझसे…”
डोर तो लॉक नही था और जय के हलके धक्के से डोर खुल गया। कमरे में आते ही गुलनार ने देखा की उसकी माँ नंगी लेटी राज का लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। गुलनार अपनी माँ को अब ऐसी देखके और गर्म हुई। वो अपनी माँ को देखने लगी, जो बिना रु के अपनी बेटी को देखते राज का लंड चूस रही थी।
गुलनार की गांड पे लंड रगड़ते जय बोला- “देखा साली गुलनार, बहनचोद, तेरी माँ कैसे एक चार आने की रंडी बनके तुम्हारे सामने तुम्हारे राज चाचा का लंड चूसके तैयार कर रही है अपनी मुस्लिम चूत चुदवाने और तुझे बाहर बारिश में भेज दिया… अब तो तू मान गयी ना की तेरी माँ एक रंडी है…”
जय की आवाज से होश में आते, इनोसेंट एक्ट करते गुलनार बोली- “माँ यह क्या कर रही हो तुम… तुम्हारी वजह से मेरी जो हालत हुई है वो देखो…”
जैसे कुछ गलत हुआ ही नही ऐसा दिखाते, अपनी जवान बेटी के सामने वैसे ही नंगी बैठके, राज का लंड सहलाते गुलबदन बोली- “कैसी हालत गुलनार बेटी… और यह क्या, तुम्हारे कपड़े कहाँ है गुलनार… तू तो कपड़े पहन के बाहर सोने गये थी ना… ऐसी क्या गर्मी लगी की तू नंगी हुई है मेरी बेटी…”
अपनी माँ के रिएक्शन से गुलनार को जरा भी धक्का नही लगा। उसे यकिन हो गया कि उसकी माँ को सब पता है पर जरा नाटक करते गुलनार बोली- “माँ, मेरी यह हालत इस हरामजादे जय ने की है। इस हरामी ने हमारे कपड़े फाड़के, मुझे नंगी करके, हमारे साथ खेल रहा है। और तो और मुझे और तुझे एक साथ चोदने की बात भी कर रहा है। और माँ, तुम एक दो कौड़ी के कुली से अपनी हवस बुझा रही हो… इतनी हवस थी तो अब्बू के पास जल्द, आना चाहीए था ना इधर। तू अपनी प्यास बुझाने के चक्कर में मुझे भी जय के हाथ नंगी करवा दी। बोल ना माँ, क्या कहना है तुझे, क्यों मुझे इस नरक में डाल दिया…”
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