RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
राज गुलबदन के दोनो निप्पल्स जोर से पिंच करने लगा तो गुलबदन जरा दर्द से चील्लाते बोलि- “ओह ओह्ह्ह्ह्ह धीरे मसलो ना हमारे निप्पल। ज्यादा दर्द मत दो, मै सच बता रही हूँ। सुनो मै बताती हूँ, मेरा ड्राइवर था रोहित। उसने एक ही, बार मे फीट कर दिया मुझे, उसने मुझे चोदके गुलनार को मुझमे डाल दिया था और मुझे पता नहीं कि गुलनार ने अभी तक चुदाई की है या नहीं राज…” यह कहते गुलबदन ने राज का लंड सहलाना शुरू किया। राज को सच बताने से राज अब उसे ज्यादा दर्द नहीं देगा ऐसा उसने सोचा, पर हरामी राज ने लंड गुलबदन के मुँह मे घुसाते, उसके हलक तक डालते,हुए मम्मे दबोचते, निपल खींचते हुए कहा- “मतलब क्या सालि, डीटेल मे बोल क्या हुआ… रोहित ने कैसे तुझे फिट किया, सब ठीक से बता…”
राज का लौड़ा धीरे-धीरे करके पूरा चूसने के बाद गुलबदन ने मुँह से निकालते कहा- “उफफफ़, जरा आराम से दबा ना मम्मे, और निपल क्यों खींच रहा है इतना… आअहह मेरे ड्राइवर रोहित ने मेरा बलात्कार किया था। अहह इसलिए तो गुलनार आई। मै अपनी सहेलि के घर लोनावला जा रही थी, जब मै झाडीयो मे पीशाब करने गयी, तब उसने मेरा बलात्कार किया था। आआआः आ आश उसके बाद उसने 3-4 बार महीने मुझे चोदा और बाद मे नौकरी छोड़के दुबई चला गया। अहह आश माँ, प्लीज आराम से कर ना राज…”
झुकके गुलबदन की मुस्लिम चूत को उंगलि से चोदते, उसका एक निपल चबा के राज बोला- “वाह, मतलब तुझे हिंदू लंड पसंद है रंडी… सालि तभी मै बोलू ऐसी मस्त बेटी तेरा चुतीया पती कैसे दे सकता है। कैसा लगा उसका लौड़ा… गालियां देके चुदाई कीया ना… क्या हुआ ओह माँ करने का छीनाल… स्टेशन पे तो सती सावित्री बन रहि थी लेकिन मेरा लौड़ा देखा और औकात पे आई ना हरामी…”
आहे भरते गुलबदन बोल,- “नहीं राज, ऐसा नहीं कि मुझे हिंदू लंड पसंद था या है, हाँ यह बात है कि हिंदू से चुदवाने मे एक अलग मजा आता है। इसलिए जब स्टेशन पे पहले तेरा नाम समझी और बाद मे लंड देखा तो तुझसे चुदवाने को तैयार हुई…”
रोहित का लौड़ा तो एकदम मस्त था, उसने मुझे काफी चोदा और जब वो चला गया तो मुझे बड़ा खराब लगा। उसके तगड़े लंड की बहुत आदत पड़ गयी थी मुझे। पर जब गुलनार पैदा हुई, उसके बाद मैने कभी दूसरे लंड से अपनी चूत नही चुदवाइ रोहित जाने के बाद तू पहला गैर मर्द है जिसको मैने इतने पास आने दिया। ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत जोर से मत दबा मेरे मम्मे, नहीं तो ढिले हो जाएँगे ......:
अपनी दोनो हथेलियो से गुलबदन के मम्मे मसलते राज बोला- “मम्मे ढीले हो गये तो क्या हुआ… सालि होने देना ढीले, अब और कितने मर्दो को दिखाना है अपना नंगा बदन और किससे मसलवाने है मम्मे रंडी… तुमहारेपती को मालूम है कि गुलनार उसकि बेटी नहीं है वो… सालि गोटीयां भी चूस मेरी और गांड भी सहला। मुझे जरामजा तो दे हरामी, सिर्फ क्या हमारे नीचे सोने आई है क्या रंडी…”
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