RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
असल में गुलबदन गुलनार को गर्म कर रही, थी, ताकी अगर जय या राज उसे चोदने जाए तो गुलनार उनको नहीं
रोकेगी। राज के लंड के लिए गुलबदन अपनी बेटी तक को जय से चुदवाने को तैयार थी। गुलनार ने माँ का हाथ
हटाते कहा- “ओह मम्मी, अब मै 21 साल की हूँ, बदन तो भरेगा ही ना मेरा…”
गुलबदन जरा स्माइल करते बोली- “हाँ मालूम है कि तेरा बदन भरेगा, लेकीन मेरा बदन कभी ऐसा नहीं भरा था
जब मै तुम्हारे उमर की थी तब…”
अपनी माँ को अच्छा जवाब देते गुलनार बोली- “नही था तेरा बदन ऐसा भरा मम्मी जब तू हमारे उमर की थी…”
गुलबदन हँसते बोल,- “तुझे क्या लगता है मेरा ऐसा रहा होगा… मेरा सीना इतना उभरा नही था 21 की उमर में ।
पता नही तुम आजकल की लड़कीयां क्या करते हो… अभी शादी भी नही हुई और तुमको 34 की साइज की ब्रा छोटी होती है। गुलनार, यह अच्छा किया तूने कि ब्रा नही पहना। इससे रात में अच्छी नींद आएगी तुमको…”
गुलनार भी अब रंग में आते बोली- “ओह मम्मी , मै ऐसा कुछ नही करती हूँ जैसा तुमको लगता है। मेरा सीना तो
अपने आप बढ़ गया तो मै क्या करू बोलो… मम्मी, तू क्या पहन के सोने वाली है…”
अपनी बेटी का चहेरा सहलाते गुलबदन बोली - “मैने कब कहा कि तूने ऐसा वैसा कुछ किया है… हो जाता है कीसी-कीसी का
सीना इतना बड़ा बिना कुछ कीए। मै तो यही साड़ी और शाल पहन के सो जाऊँगी…”
गुलनार बोली- “ठीक है मम्मी, अब मैं जाऊँ सोने बाहर…”
गुलबदन ने उसे जाने को कहा और गुलनार सोने बाहर गयी। गुलबदन चेयर पे बैठके आने वाली रात की चुदाई के बारे में
सोचने लगी और कुछ टाइम बाद राज रूम में आया पीछे वाले डोर से।
अंदर आते ही राज ने गुलनार के बारे में पूछा तो गुलबदन बोली- “गुलनार बाहर वरांडा में सोने गयी है। लेकीन राज,
मेरी बेटी की क्या बात करता है। गुलनार तो तेरी बेटी जैसी है ना…”
गुलबदन के सामने खड़े होके राज बोला- “अरे साली, ऐसी बेटी है तो हम उसको भी चोद डाले। क्या मस्त माल है तेरी बेटी गुलबदन। चल अब नंगी हो ना साली। तू क्या तेरी बेटी को ऐसे कपड़े पहनने से तू मना नही करती क्या… कैसे रंडी दिखती है वो उन कपडो मे…”
राज को जरा चिढ़ाते हुए गुलबदन बोली- “तुम लोग हमे रंडी क्या कहते हो सेयेल … हमारा बदन ऐसा है तो तुम्हारे लंड टाईट होते है, वरना उनमे कहां जान थी। राज, मेरी गुलनार उन कपड़ो मे रंडी नहीं, परी जैसी दिखती है उन कपड़ो मे समझे…”
गुलबदन के मम्मे मसलते राज बोला- “हाँ साली,तुम जैसी रंडियो का बदन देखकर ही जान आई ना इसमे… और अब यह हमारे लंड तुमको कैसे चोदते हे देखती जा रंडी मुस्लिम चूत। गुलबदन, तू क्या स्टेशन पे बार-बार मेरी लुंगी के अदंर देख रही थी साली… यह माना की तेरी बेटी परी लगती है उन कपड़ो मे पर यह भी उतना ही सच है कि उस परी को आज मैं या जय चोदेगे। सालि धंधेवालि दिखती है तेरी परी बेटी ऐसी कपड़ो मे और आज तेरी बेटी को लंड का स्वाद चखा देंगे हम… चल मादरचोद, अब जल्दी नंगी हो जा रंडी मुस्लिम चूत…”
गुलबदन खड़ी हुई और उसकि साड़ी गिर गयी। पेटिकोट ना पहनने से गुलबदन अब खुले बलाउज, ब्लैक ब्रा और पैंटी मे खड़ी होके बोलि- “सलवार कमीज मे तेरे को वो रंडी दिखती है क्या साले…”
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