RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
राज का गुस्सा और झापड़ खाके गुलबदन समझी कि अगर राज को ज़्यादा अपोज किया तो कुछ गलत हो
जाएगा पर फिर भी वो बोली- “राज तुम दोनो मुझे मिल कर जितना चाहीए उतना चोदो लेकीन प्लीज मेरी
कमसीन बेटी को कुछ मत करना, वो अभी नादान है, तुम जैसे मर्दों को सहन नहीं कर सकेगी…”
राज ने गुलबदन की साड़ी निकाल फेंकी। गुलबदन अब पेटीकोट में थी और ब्लाउज बदन से लटक रहा था।
मुट्ठी में उसकी मुस्लिम चूत दबाते राज बोला- “क्या रे साली रंडी, तेरी बेटी कौन सी सती सावित्री है कि उसे कुछ नही करू…
तेरी माँ की चूत, साली मैने बोला ना, तेरी बेटी भी जरूर चुदवाती होगी जो उसका बदन इतना भर गया है। और
तेरी बेटी को छुआ और चोदा तो क्या उखाड़ लेगी साली मादरचोद तू हमारा…”
चूत मुट्ठी में दबाने से गुलबदन को झटका लगा और उसने राज का हाथ अपनी मुस्लिम चूत पे दबाते, चूत को हाथ पे
रगड़ते कहा- “प्लीज उसको नही कुछ करना, तुम दोनों चाहो तो रात भर मुझे जैसा चाहे चोदो लेकीन मेरी बेटी
को कुछ मत करना…”
राज कुछ जवाब दे इसके पहले जय घर में आया। गुलबदन की हालत और राज के करनामे देखके जय
बोला- “अरे मेरा भाड़ा लेने आया था तू अंदर और इसको नंगा क्यों किया … और वो तेरी बेटी कहां है साली जिसको चोदके मै मेरी टीप वसूल करने वाला हूँ…” यह कहते जय गुलबदन की चूची मसलने लगा।
तब राज बोला- “जय, आओ अंदर आज रात के लिए दो रंडीयां है यह माँ बेटी। इनको चोदके हम दोनों
हमारा भाड़ा और टीप वसूल करेगे…” राज उसकी मुस्लिम चूत रगड़ रहा था। गुलबदन बेशर्म बनके उन हिंदू मर्दो से अपना जिस्म मसलवा के मज़े ले रही थी।
गुलबदन जय के हाथ में अपना एक मम्मा दबाके बोली- “देखो जय, तुम राज को समझाओ। यह मेरी बेटी है ना,
उसको तुझसे चुदवाना चाहता है। राज को बोलो कि गुलनार को तुमसे चुदवाने की जीद छोड़ दे। गुलनार अभी बच्ची है, सहन नहीं कर पाएगी बेचारी तेरा लंड। मुझे पता है कि तू उसे चोदने के बाद राज उसे चोदेगा। गुलनार अभी
इतनी अनुभवी नही कि तुम जैसे दो बड़े लंड वाले मर्द को सहन कर सके। अगर कुछ हो गया तो लेने के देने
हो जायेंगे, है ना जय…”
कुछ सोच के राज को आँख मारते जय बोला- “अरे राज, जाने दे ना उसे। यह रंडी गुलबदन है ना हमारे पास,
आज रात इसको चोदते है ना जी भरके…”
जय का इशारा राज ने पकड़ा पर गुलबदन ने नहीं।
गुलबदन की मुस्लिम चूत मसलते राज बोला- ठीक है जय, जैसा तू कहे। वैसे तेरी बेटी है कहां साली रंडी…”
उन दोनो के जवाब से खुश होके गुलबदन बोली कि गुलनार फ्रेश होने गयी है। तब जय ने राज से बाहर आने को
कहा और गुलबदन से कहा कि वो अपना तांगा घर छोड़ के आ रहा है। राज और जय घर के बाहर आये। बाहर आके जय बोला- “अरे राज, साले बाद में लेंगे ना बच्ची को भी, मेरा लंड भी बच्ची के लिए खड़ा है…”
राज बोला- ठीक है जय, लेकीन साली यह मेडम की माँ की चूत, बहनचोद को ऐसा चोद डालंगे आज कि
साली चल नही पाएगी रांड़ साली । कुछ भी करके आज रात में ही इन माँ-बेटी को एक साथ एक दूसरे के सामने चोदेगे…”
हँसते हुए जय बोला- “तू भी बड़ा हरामी है राज। गुलनार को बेटी-बेटी बोल के उसे चोदने की तमन्ना रख रहा है साले। वैसे राज, वो बच्ची कैसे है… मेरा तो बहुत दिल है उसपे साली का बलात्कार कर दूंगा अगर प्यार से न मानी तो .....................
राज ने जवाब दिया- “जय बच्ची तो मस्त माल है, एकदम कमसीन, भरा हुआ जिस्म है साली का, लेकीन
माँ और मस्त है। साली स्टेशन पे झुक-झुक के मेरा लंड देख रही थी और मुझे पटाने के लिए लड़की को
अकेली भेज दिया टैकसी लाने। क्या मम्मे और गांड है साली की। यह दोनों माँ बेटी एकदम मस्त माल है।
मै माँ के साथ ऐयाशी करता हूँ, उसकी कमसीन बेटी को तू चोदेगा तो तेरी भी ऐश होगी आज जय…”
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