RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
गुलबदन समझती है कि राज भी वही चाहता है जो उसके दिल में है और गुलबदन बोली- “तुम फ़िक्र मत करो, वो आगे देखूँगी, पहले टैक्सी तो मिलने दो। तुम वो सब मुझपे छोड़ दो। वो माल मिले ना मिले यह माल जरूर मिलेगा तुमको…” यह कहते गुलबदन ने अपनी तरफ इशारा किया और आगे कहा- “राज, वैसे वो माल अभी कमसिन है ना इसलिए उसका मत सोचो, मैं हूँ ना, ठीक है…”
गुलबदन के जवाब से खुश होके, राज ने नीचे झुकके सब सामान उठाया। सामान लेके खड़े होते उसने गुलबदन को एक बार पूरी तरह देखते कहा- “कोई बात नहीं अगर हमें यह माल भी मिला तो। ठीक है मेमसाब, आपकी बेटी टैक्सी लाने तक हम वहाँ चले क्या… वैसे मेमसाब, कितनी उमर है इस माल की और उस माल की… आप दोनों माँ बेटी नहीं बल्कि बहन लगती हैं इसलिए पूछ रहा हूँ। और मेमसाब, आप रात में कहाँ रुकोगे…”
राज के सामने झुकके, अपनी बैग उठाते, उसे अपना क्लीवेज दिखाते गुलबदन बोली- “पहले यहां से बाहर तो चलो, फिर सोचेंगे कहां रात गुजारनी है। एक बात बता, तुम मेरी बेटी को ऐसे घूर-घूर के क्यों देख रहे हो…”
गुलबदन का क्लीवेज देखके, होठों पे जीभ घुमाते हुए राज बोला- “मेमसाब वो माल मस्त है आपका, एकदम कमसिन और फ्रेश, सच्ची बोलू मेमसाब… आपकी बेटी मस्त जवानी से भरी है, बिलकुल आप जैसे , इसलिए मैं उसे घूर घूर के देख रहा था। वो भी कैसे मस्त दिखा रही थी अपना बदन…” यह कहते राज ने आँख मारी
अपने चहेरे पे गुस्सा दिखाते हुए पर दिल में खुश होके गुलबदन बोली- “क्या बोलता है तू राज…” जब लड़की की माँ उसे इतना बढ़ावा दे रही, थी तो राज क्या पीछे रहता। सब सामान अपने कंधे पे लटकाते, दोनों हाथ खुले रखते राज बोला- “सच्ची मेमसाब, देखा नहीं आपकी बेटी के मम्मे कैसे उभरे हुये हैं बिलकुल एक औरत जैसे है और उसकी गोरी गोरी टांगे मुझे दीवाना कर रही है। कसम से, आपकी बेटी को तो रात भर उठाना पड़े तो उसको खूब मजा दूंगा। उससे दिखा दूंगा कि असल मर्द क्या होता है। मेमसाब आपकी बेटी माल और उस इस माल बनी माँ की उमर क्या है…”
राज के जवाब से गुलबदन को यकीं हुआ कि उसने आज रात राज के घर गुजारने का फैसला करके कोई गलती नहीं की थी। जो मर्द एक माँ के सामने उसकी बेटी को रात भर चोदने की बात कर सकता है, वो गुलबदन जैसी अनुभवी औरत को कितना मजा दे सकता है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। दोनों प्लेटफार्म से उतर के एक ऐसी जगह आये थे जहां लाइट कम थी और जमीन पे पानी था। गुलबदन चलते-चलते जरा लड़खड़ाई तो राज ने उसे पकड़ा।
अपने आपको संभालते गुलबदन बोली- "जिसे तू बेटी की माल माँ बोल रहा है वो मैं 42 साल की हूँ और इस माल माँ की बेटी 20 की है। राज तुझे शर्म नहीं आती एक माँ के सामने उसकी बेटी के बारे में ऐसी गन्दी बात करते…”
गुलबदन की कमर में हाथ डालते, उससे संभालते राज बोला- “मेमसाब संभल के चलो, वहाँ कीचड़ है। क्या मेमसाब, मजाक करती हो… आप तो 35 साल का माल लगती हो और उस माल की उमर 16-17 से ज्यादा नहीं लगती। आप दोनो माँ बेटी नहीं बहन लगती हो…”
|