RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
आरती रमण के हाथ फेरने पर बहुत गरम होती जा रही थी,और उसका नशा भी बढ़ता जा रहा था,जो कि शराब के साथ-2 वासना का भी था,रमण का हाथ अब सरकते-2 आरती की पैंटी तक पहुँच गया था,वो लोग आपस मे बातें भी किए जा रहे थे,
मनु ने कहा कि मम्मी आज तो अपने कमाल कर दिया आपने तो अच्छी- हीरोइनो को मात कर दिया,आपका ये ड्रेस तो बहुत ही स्टयूनिंग है.
रमण बोला कि हन भाभी जी आप को तो इस रूप मे देख कर मज़ा ही आ गया,तब तक रमण का हाथ आरती की पैंटी के बिल्कुल उपर पहुँच गया था,और वो उसको उपर से दबाने लगा था,अब आरती से सहन नही हो रहा था,तो उसने एक ज़ोर की आह भरी,उसके ऐसा करते ही रमण ने अपना हाथ आरती की पैंटी से हटा लिया.पर जब उसने देखा कि उस सिसकी के बाद आरती ने कुछ भी विरोध नही किया तो वो अपना हाथ फिर से आरती की जाँघ पर ले गया,
मनु ये सब देख रहा था,और मज़े ले रहा था,उसको अपनी मा के साथ रमण के सेडक्षन करने पर बहुत ही मज़ा आ रहा था,और इस कारण उसका लंड बहुत टाइट हो रहा था,और वो कह रहा था कि बात इस सब से आगे बढ़े,इसलिए वो देख कर भी अपनी मा के साथ जो हो रहा था उसको अनदेखा कर रहा था.
वैसे भी अब आरती और रमण इतना आगे बढ़ चुके थे कि अब पीछे लौटना मुश्किल था.उधर अब मनु से भी अपने आप पर कंट्रोल नही हो रहा था,पर आरती अभी शराब और वासना के नशे मे भी ये नही भूली थी कि उसका बेटा मनु भी यहीं है,और इस वजह से वो बहुत ज़्यादा उत्तेजना नही दिखा पा रही थी.
ये बात रमण को समझ आ गयी ,फिर उसने मनु को इशारा किया कि वो रूम से बाहर चला जाए जिस-से कि आरती भी खुल कर वासना का खेल खेल सके,मनु रमण का इशारा समझ गया और बोला कि मुझे तो अब नींद आ रही है,अब मैं तो अपने कमरे मे जा रहा हूँ,अभी आप लोग और मस्ती करना चाहो तो आपकी मर्ज़ी है,मैं तो सोने चला,ये कह कर मनु ने किसी की भी प्रतिक्रिया का इंतेज़ार किए बिना उठा और कमरे से बाहर चला गया.
मनु के बाहर जाते ही रमण का जो हाथ अभी तक आरती की जाँघ पर ही था वो वापस उपर की ओर चल पड़ा और धीरे-2 फिर से पैंटी पर पहुँच गया,और फिर रमण ने अपना दूसरा हाथ जिसमे कि ग्लास था ,ग्लास को टेबल पर रख कर खाली किया और आरती के कंधे पर से दूसरी तरफ ले जा कर उसके मम्मों पर रख दिया,मम्मे तो आरती के वैसे ही टॉप को फाड़ कर बाहर आने को तैयार थे ही ,रमण का हाथ जैसे ही उन पर रखा गया,वो और भी तेज़ी से उपर नीचे होने लगे,तब रमण ने आरती की पैंटी को एक साइड किया और अपनी उंगली सीधे ही बिना कोई मौका गँवाए उसके स्वर्ग द्वार मे डाल दी,
जैसे ही रमण की उंगली आरती की चूत मे घुसी आरती की एकदम से तेज़ सिसकियाँ निकालने लगी,पर उसको एक बार को होश भी आया कि वो ये क्या कर रही है,फिर आरती ने नज़र उठा कर कमरे मे दौड़ाई तो कमरे मे रमण और उसके अलावा और कोई नही था,इसका मतलब सॉफ था कि मनु कमरे से बाहर जा चुका था,और अब उसके लिए मैदान साफ था,तब उसने सोचा कि जब मनु को सब कुछ पता होने पर भी अपनी मा की रमण से चुदाई पर कोई एतराज़ नही है,तो फिर वो ही क्यों अपनी भावनाओं का गला घोंटे,इसलिए उसने भी सब कुछ भुला कर इस आनंद का मज़ा लेने की सोच ली,और अपनी आँखें बंद करके रमण की उंगली को अपनी चूत मे महसूस करने लगी.
उधर मनु भी साला पक्का मादरचोद था ,वो आज अपनी मा की चुदाई की ब्लू फिल्म लाइव ही अपनी आँखों से देखना चाहता था,इसलिए ही उसने ज़्यादा ड्रिंक भी नही की थी,और अपनी बियर मे विस्की मिलाने ही नही दी थी,जिस-से कि होश मे रहे और सारी फिल्म को अपने होश हवास मे रह कर अपनी आँखों से देख सके,तो इससे वो ज़्यादा नशे मे नही था,और बाहर से कमरे मे हो रहे सारे घटना क्रम को बहुत उत्सुकता से देख रहा था.अंदर जब रमण ने अपनी उंगली आरती की फुद्दि मे डाली तो आरती की सिसकियाँ तो निकली ही साथ ही साथ मनु के मूह से भी एक आह निकली,और उसे ऐसा लगा कि अब बर्दाश्त नही होगा अगर उसने अपने लंड को पॅंट से बाहर नही निकाला तो,इसलिए उसने अपनी पॅंट खोल कर नीचे कर दी और अपना लंड जो इतना कड़क हो गया था कि उसकी नसें भी उस पर चमक रही थी और दर्द भी कर रहा था अपने अंडर वेअर से बाहर निकाला,लंड पर हाथ रखते ही उसमे से एक दर्द की लहर उठी और फिर लंड ने अपना पानी निकाल दिया,जैसे ही लंड मे से पानी निकला उसका तनाव कुछ कम हुआ और उसमे दर्द भी कम हो गया,पर लंड पूरी तरह से बता नही,क्यूंकी लंड को भी मालूम था कि पिक्चर अभी बाकी है.
अंदर हाल ये था कि आरती की आँखें तो वासना की खुमारी मे बंद हो गयी थी और रमण के एक हाथ की उंगली उसकी चूत के अंदर घुस कर उसकी चूत का अंदर से मुआयना कर रही थी,और दूसरा हाथ जो कि आरती की चुचियों पर था अब वो टॉप के उपर से ही उसके मम्मों को बुरी तरह से दबा रहा था,आरती की मदहोशी भी बढ़ती जा रही थी,और वो अब वासना की आग मे पिघल रही थी,तभी रमण ने अपने होंठ आरती के नरम नाज़ुक होठों पर रख दिए और वो उनको चूसने लगा,आरती ने भी इस बार प्रतिक्रिया मे रमण के होठों को चूसना शुरू कर दिया,अब आरती पूरी तरह से जोश मे आ चुकी थी,और उसकी चूत मे खुजली बढ़ती जा रही थी.
अब रमण ने अपने दोनो हाथों से आरती के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया था,और आरती ने भी अपने दोनो हाथ रमण के जिस्म पर फिराने शुरू कर दिए थे,अब दोनो जने डूब कर किस कर रहे थे,और दोनो की जिभें भी आपस मे एक दूसरे के साथ खेल रही थी,फिर दोनो अलग-2 हो गये और रमण ने आरती के टॉप को खींचना शुरू कर दिया आरती ने भी उसको सहयोग किया और अपने दोनो हाथ उपर कर दिए,जिस-से कि उसका टॉप उसके शरीर से अलग हो गया और उसकी गोल-2 मोटी-2 चुचियाँ एक दम से तन कर बाहर आ गयी ,उस समय ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने उनमे हवा भर दी हो और वो 36 से 40 हो गयी हैं.
|