RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
एक दिन मनु ने कहा कि भैया आप कह रहे थे कि आप को थोड़ी मिच्योर औरते पसंद हैं,तो फिर जब स्वाती मेडम सलीम भैया से चुदवाती है,तो आप क्यों नही चोद्ते.
रमण बोला कि यार मैं उसकी ले चुका हूँ,पर अब उसकी चूत बहुत खुल चुकी है,और अब सलीम और महेश दोनो उसको चोद्ते रहते हैं तो मुझे ज़्यादा मज़ा नही आता.
मनु बोला तो क्या स्वाती मेडम को कोई एतराज़ नही है कि आप तीनों जने उसकी लेते हो.
अर्रे यार उसको तो बहुत मज़ा आता है,मैने तुम्हे पहले भी कहा था ना कि शादी-शुदा औरत की लेने मे कहीं ज़्यादा मज़ा है
मनु बोला अब आप कह रहे हो तो सही होगा.
रमण ने कहा और बताओ उस दिन के बाद प्रिया की ली या नही.
मनु बोला कहाँ भैया मौका और जगह दोनो नही मिलते.आप ही कुछ करो,या कोई और पार्टी दो तब जाके मौका मिलेगा.अब तो दिल बहुत कर रहा है.
इतने मे आरती कमरे मे आ गयी,वो उनके लिए नाश्ता लाई थी,आरती ने कहा कि और बताओ पढ़ाई कैसी चल रही है.
रमण ने कहा कि भाभी जी पढ़ाई बढ़िया चल रही है और आप बताए कैसी हैं.
आरती ने कहा कि मे तो ठीक हूँ.
रमण ने कहा कि लगता है आज कल कुछ नाराज़ हैं जो हमारे साथ बैठी ही नही.
आरती ने कहा कि ऐसी कोई बात नही है,बस थोड़ा सा घर का काम करती रहती हूँ,फिर वो वहाँ से चली गयी.
रमण उसको जाते हुए देखता रहा,मनु रमण को देखे जा रहा था,कि वो उसकी माँ को देख रहा है.
मनु ने कहा कि क्या देख रहे हो भैया.
रमण ने कहा कि यार मनु बुरा मत मान-ना मे तुम्हे पहले ही बता चुका हूँ कि तेरी मम्मी को देख कर मुझसे कंट्रोल नही होता,और मेरा दिल बहक जाता है,तू बुरा मत मानना.
मनु का नज़रिया तो काफ़ी दिनो से आपनी मा के प्रति बदल ही चुका था,उसको क्या बुरा लगता,फिर भी वो बोला कि कोई बात नही भैया,पर आप चाहते क्या हो.
रमण बोला कि यार मैं तेरी मम्मी से फ्रेंडशिप करना चाहता हूँ.
मनु ने कहा कि वो तो वैसे ही आपको अपना दोस्त ही समझती है,और वैसे ही ट्रीट करती है.
रमण बोला यार वो बात नही है मैं तो गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड वाली फ्रेंडशिप की बात कर रहा हूँ.
मनु बोला कि भैया ये कैसे मुमकिन है,वो मेरी मा है,और फिर वो शादी शुदा भी तो हैं,पिता जी को पता चल जाएगा तो क्या होगा.
रमण बोला यार वो सब छोड़ ,अगर तुझे कोई अतराज़ नही है तो वो सब तो मॅनेज हो जाएगा.मे तेरे पापा को जानता हूँ,वो अपनी पोस्ट का फ़ायदा सिर्फ़ पैसे से ही नही अलग-2 तरीके से उठाते हैं,और ये तुम भी जानते हो.
मनु बोला इसका क्या मतलब है.
रमण ने कहा कि यार भोले मत बनो ,तुम्हारा बाप रिश्वत मे पैसे के अलावा कई बार नयी-2 लड़कियाँ भी अपनी पार्टी से माँगता है,और वो अपना काम निकलवाने के लिए तुम्हारे पापा की हर इच्छा पूरी करती हैं,तो जब तुम्हारा बाप बाहर इतना कुछ करता है ,तो तुम्हारी मा को सिर्फ़ खुश रहने का भी हक़ नही है.
मनु ने कहा कि भैया ये आप क्या कह रहे हो,ये सही नही हो सकता.
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