RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
ग्रेट गोल्डन जिम--7
गतान्क से आगे....
मैं उसके शोल्डर को मालिश करते करते उसके डिस्क के एरिया पे और फिर चूतदो के करीब आ गया. दोनो चूतदो के ऊपेर आयिल डाला और दोनो हाथो की उंगलिओ को फैला के अंगूते से मसाज करने लगा. क्या चूतड़ थे आनी के मक्खन जैसे चिकने चिकने. इतने चिकने थे के बिना तेल डाले ही मेरा हाथ फिसल रहा था. मैं उसके चिकने चूतदो को दोनो हाथो से मसल रहा था. ऐसे मसल्ते मसल्ते उसकी गुलाबी गंद का खुल बंद होता छेद बड़ा मस्त दिख रहा था. दोनो हाथो से मसल्ते मसल्ते एक हाथ उठा लिया और एक हाथ से मसल्ते मसल्ते हुए मे ने दूसरे हाथ से आयिल की बोत्तोले उठाई और बोहोत तेज़ी से उसकी खुली गंद मे एक लंबी धार टपका दी. जैसे ही तेल की धार उसकी गंद के अंदर गिरी उसकी गंद ऑटोमॅटिकली बंद हो गई और उसने बोला के यह क्या कर रहे हो राज तो मैं मुस्कुरा के बोला जिसे वो देख नही सकी बोला के मालिश कर रहा हू ना यार. तेल डाल रहा था तो थोड़ा सा तुम्हारे गुलाबी छेद के अंदर भी चला गया. क्यों कोई प्राब्लम है क्या.
उसने बोला के नही कोई प्राब्लम तो नही बॅस एक अजीब सा लगा इसी लिए पूछा. तुम मालिश करो राज मुझे बोहोत आराम मिल रहा है. मैं ने ओके बोला और फिर से चूतदो को मसलना शुरू कर दिया. मैं ख़ास तोर पे चूतदो को ऐसे मसल रहा था के मुझे उसकी गंद
का छेद खुल बंद होता हुआ दिखाई दे रहा था और अब मेरा जी कर रहा था के ऐसे मस्त गंद का शिकार करना ही चाहिए.
अब मैं उसकी गंद के बोहोत ही करीब मालिश कर रहा था जिसकी वजह से मेरे दोनो अंगूठे उसकी गंद के सुराख पे थे. तेल की चिकनाहट की वजह से मेरा अंगूठा उसकी गंद मे घुस गया तो उसके चूतड़ ऑटोमॅटिकली ऊपेर उठ गये और उसके मूह से एक सिसकारी निकल गई सस्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊओ तो मैं ने पूछा के क्या तकलीफ़ हो रही है तो उसने बोला के नही नही बोहोत अछा लग रहा है. अब मैं उसकी गंद मे अंगूठा दे के अंदर बाहर भी कर रहा था और अपनी उंगलिओ को नीचे कर के उसकी चूत की पंखदीओ के पास मालिश करने लगा जिस से उसकी चूत के करीब तक मेरी उंगलियाँ जा रही थी और ऑलमोस्ट उसकी चिकनी चूत से टकरा रही थी. मुझे लग रहा था के अब वो फुल मस्ती मे आ गई है क्यॉंके उसका बदन टेबल से थोड़ा थोड़ा ऊपेर भी उठ रहा था. उसकी आँखें बंद थी, वो गहरी गहरी साँसें भी ले रही थी और अब उसने अपने चूतदो को ऐसे उठा दिया था के उसकी चूत मुझे सॉफ दिखाई दे रही थी. वाह दोस्तो क्या बताऊ मक्खन जैसी चिकनी और गुलाबी गुलाबी चूत. मैं ने सोचा के चूत के अंदर एक उंगली डाल दू पर डाली नही. वो मस्त हो चुकी थी उसकी साँसें गहरी हो चली थी.
मैने टेबल के लीवर को दबाया और टेबल का “Y” शेप का पोर्षन बंद हो गया और अब उसकी टाँगें एक दूसरे से मिल गई और टेबल वापस एक रेक्टॅंगल की शकल का नॉर्मल टेबल हो गया. मैं ने उसको बोला के अब सीधा लेट जाओ सामने से थाइ पे मालिश कर दूँगा तो वो टेबल पे पलट गई और पीठ के बल सीधा लेट गई. मैं ने फिर से टेबल के नीचे का लीवर प्रेस किया और टेबल धीरे धीरे खुलते हुए फिर से उल्टे “Y” की शकल की हो गई और आनी की टाँगें एक बार फिर से 45 डिग्री के आंगल मे खुल गई और बीचे मे से “डब्ल्यू” शेप की स्टील की प्लेट बाहर निकल गई जो उसकी गंद के साथ फिट बैठ गई और उसकी सीट जैसी बन गई. ऐसे टाँगें खुलने से उसकी चूत के पंखाड़ियाँ भी थोड़ी सी खुले गयी और अंदर से क्लाइटॉरिस का छोटा सा दाना और चूत के अंदर का थोड़ा सा गुलाबी पोर्षन भी
दिखाई देने लगा. चूत के ऊपेर एक भी बॉल नही था एक दम से बेबी चूत थी उसकी. चूत का पेडू थोडा उठा हुआ था और उसकी पंखाड़ियाँ लाल थी और थोड़ी सी मोटी थी. वो मेरी तरफ अजीब नज़रो से देख रही थी तो मैं ने पूछा क्या हुआ आनी अब कैसा फील कर रही हो, तुम्है कुछ आराम आया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली और बोली के राज तुम्हारी उंगलिओ मे तो जादू है मुझे बोहोत ही आराम आया. मेरा बदन एक दम से हल्का हो गया है बोहोत अछा लग रहा है प्लीज़ ऐसे ही मालिश करो ना. मेरा तो जी कर रहा है के तुम आज सारा दिन मेरी मालिश ही करते रहो और मैं ऐसे ही तुम्हारे सामने लेटी रहू तो मैं हंस दिया और बोला के ठीक है आनी जब तक तुम्है कंप्लीट आराम नही आ जाता मैं कंटिन्यू मालिश करता रहुगा. उसने थॅंक्स राज बोला और अपनी आँखें बंद कर ली.
मैं फिर से टेबल के खुले पोर्षन मे उसकी खुली टाँगो के बीच मे आ के खड़ा हो गया. मैं ने उसकी दोनो थाइस पे आयिल की धार डाली और टाँगो के बीचे खड़े खड़े दोनो हाथो से उसके थाइस पे आयिल स्प्रेड कर के मालिश करने लगा. उसके थाइ के एक तरफ तो मेरा अंगूठा और दूसरी तरफ बाकी के चारो उंगलिया और हथेली उसकी थाइ के ऊपेर थी और मैं आगे पीछे कर के मालिश कर रहा था. उसका बदन कभी कभी मस्ती मे अकड़ जाता था तो मैं पूछता क्या हो रहा है तो बॅस उसके मूह से बहुत ही सेक्सी आवाज़ मे इतना ही निकलता के बोहोत अछा लग रहा है राज ऐसे ही करो. उसकी आँखे बंद थी और वो मालिश का भर पूर मज़ा ले रही थी. मैं ने टेबल की हाइट को ऐसे अड्जस्ट किया था के टेबल का टॉप पोर्षन मेरे थाइस से के लेवेल तक आ गया था और ऐसे पोज़िशन मे उसकी चूत मेरे लंड के बोहोत करीब थी. अब मैं ने अपना हाथ थोड़ा सा उपेर की तरफ को बढ़ाया और थाइस के और चूत के बीच वाले पोर्षन मे मालिश करने लगा. सिर्फ़ अंगूठे से रगड़ रहा था.
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