RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
गतान्क से आगे....
दीपा राइ की चिकनी गुलाबी मस्त चूत
थोड़ी ही देर मे उनकी आँखें सॅटिस्फॅक्षन से बंद हो गई और वो थोड़ी देर के लिए सो गई. मैं वही करीब पड़े सोफे पे बैठ गया और उसी मॅगज़ीन के पन्ने पलटने लगा जिस्मै चुदाई के फोटोस थे. फोटोस देखते देखते मेरा लंड एक बार फिर से अंगड़ाई ले के खड़ा हो गया. मैं ने देखा के दीपा गहरी नींद सो रही थी पर मैं क्या करता मेरा लंड तो जाग गया था. मैं सोफे से उठा और उनकी चूत को किस करने लगा. मेरा मूह उनकी चूत से लगा और उनका हाथ इन्वोलंटराइली मेरे सर पे आ गया और अपनी टाँगें मेरी बॅक से लपेट ली. मैं उनकी चूत को बड़ी मस्ती से चाट रहा था और वो भी अपनी गंद उचका उचका कर मेरे जीभ के मज़े ले रही थी. थोड़ी ही देर मे वो इतनी उत्तेजित हो गई के मेरे बालो को पकड़ के ऊपेर की ओर खेचने लगी तो मैं समझ गया के अब इस चूत को लंड चाहिए. मैं उनके ऊपेर झुक गया और अपने लंड को उनकी बे-हाल लाल चूत के सुराख मे लंड का सूपड़ा अटका दिया और. उनके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस करने लगा और फिर एक ही धक्के मे उनकी चूत के अंदर लंड को पूरा जड़ तक पेल दिया.
ऐसा झटका लगने से उनकी आँखें पूरी तरह से खुल गई और मेरे बॅक को अपने हाथो से और मेरे चूतदो को अपनी टाँगो से अपनी ओर दबाने लगी. मैं घचा घच चोदने लगा और उनकी चूत से रस टपकता रहा. शाएद 20 या 25 मिनिट के पवरफुल चुदाई के बाद मैं भी उनकी चूत के अंदर ही झाड़ गया और थोड़ी देर तक उनके ऊपेर ही आँखें बंद करके गहरी गहरी साँसें लेता पड़ा रहा.
मैं अपने ख्यालो मे था के मेरे हाथ पे आनी ने चुटकी ली तो मैं अपने सपनो से वापस आ गया. दीपा से मुलाकात और उनकी चुदाई का सोचते सोचते मैं ने जो टवल लपेटा था उसमे से मेरा लंड टेंट बना चुका था. आनी कभी मुझे देखती तो कभी मेरे आकड़े हुए लंड से बने टेंट को. मैं ने पूछा क्या हुआ वॉट डू यू वॉंट. तो उसने बोला के आक्च्युयली कॉलेज मे मेरा पैर स्लिप हो गया था, मैं
स्टेर्स से गिर गई थी तो कमर लचक गई है और आगे और पीछे से थाइस के मसल्स स्ट्रेन कर रहे है तो मैं ने बोला के कही कोई हड्डी ना फ्रॅक्चर हुई हो तो उसने बोला के नही हड्डी मे कुछ नही मस्क्युलर पेन है बॅस मुझे थोड़ा मालिश करदो तो ठीक हो जाउन्गी. मुझे उसके सामने वाले थाइस के पास जो स्पंद्रेल शॉर्ट था वाहा मुझे रगर के निशान नज़र आए तो मैं समझ गया के थाइ के सामने की हिस्से मे भी मार लगी है. मैं ने उसको बोला के अरे बेबी आप खड़ी क्यों है बैठिए ना तो उसने बोला के अरे मिसटर मैं बेबी नही हू 12थ क्लास मे हू बड़ी हो गई हू और तुम मुझे अभी भी बेबी समझ रहे हो तो मैं हंस पड़ा और बोला के ओके मिस आनी आप खड़ी क्यों है बैठिए ना सोफे पे तो उसने बोला के मुझे दरद ज़ियादा हो रहा है प्लीज़ जल्दी से मालिश करदो ना. तो मैं ने बोला के ठीक है प्लीज़ वेट करे मैं अभी कर देता हू. मैं ने पूछा के वो तुम्हारे साथ कॉन थी तो उसने बोला के वो मेरी कज़िन है सुनीता राइ उसको सोनी कहते है. मैं ने पूछा कोन्सि कज़िन फर्स्ट या अभी मैं सेंटेन्स भी पूरा नही कर पाया था के उसने बोला के वो मेरी मौसी (खाला) की बेटी है मेरी मोम और उसकी मोम सग़ी बहने है और हम दोनो के डॅड एक दूसरे के भाई है. मुझे याद आ गया के उसकी मौसी का नाम रूपा राइ था. मैं एक बार फिर से अपने फ्लश बॅक मे चला गया.
एक टाइम रात मे जब सब मेंबर्ज़ और मसाजार लड़किया अपने अपने घर चले गये तो मैं जिम बंद करने की तय्यारी कर रहा था. अभी लास्ट लाइट बंद कर के डोर लॉक करने ही वाला था के मेरा मोबाइल बजने लगा. मैं नाम देख के मुस्कुरा दिया स्क्रीन पे फ्लश हो रहा था दीपा कॉलिंग. मैं ने आन्सर किया “यस दीपा डार्लिंग” उस दिन की चुदाई के बाद दीपा ने कहा था के अब तुम मुझे सिर्फ़ दीपा, डार्लिंग, माइ लव, मेरी जान, स्वीटहार्ट कह सकते हो और कुछ नही तो मैं ने मान लिया था. दूसरी तरफ से आवाज़ आई “क्या कर रहे हो” मैं ने कहा कुछ नही अभी जिम बंद को लॉक कर रहा हू तो उन्हो ने बोला के मुझे तुम्हारी बोहोत याद आ रही है, मैं यहा अकेली हू मेरे पास चले आओ, आज मेरे पास कोई नही है मुझे
मसाज करवाना है. मैं समझ गया के यह तो रुटीन था मसाज तो क्या खाक होता, मसाज का नाम तो एक बहाना था बॅस चुदाई होती हर स्टाइल मे. मैं ने कहा ओके जानू अभी आया. खाना खा लिया ? तो मैं ने बोला के नही तो उसने पूछा के भूक लगी है तो मैं ने बोला के हा बड़े ज़ोर की लगी है तो उसने कहा के ठीक है जल्दी आओ मैं तुम्है सब कुछ खिला दूँगी और मैं भी खा लूँगी तो मैं समझ गया के अपनी चूत खिलाएगी और मेरा लंड खाएगी. मैं मुस्कुरा दिया और फोन कट कर दिया.
मैं जैसे ही वाहा पहुचा मेरी आँखें फटी की फटी रह गई. मैं ने उनका घर देखा ज़रूर था लैकिन बाहर से ही देखा था वैसे जब कभी उनको मसाज या चुदाई की ज़रूरत होती तो मुझे वो अपने फार्महाउस ले जाती जहा हम चुदाई करते. आज घर पे आया था. घर क्या था शानदार हवेली थी. बड़े बड़े हाल जहा बोहोत ही कॉस्ट्ली चांडलियर्स लगे हुए थे, घर का बोहोत बड़ा लॉन था जहा घास उगी हुई थी. घर मे बोहोत ही मस्त खुश्बू आ रही थी. रात का समय था इसी लिए धीमे पवर के लाइट्स लगे हुए थे. वो मुझे ले के अंदर ड्रॉयिंग रूम मे आ गई. बहुत ही बड़ा था उनका ड्रॉयिंग रूम जहा 4 सोफा सेट पड़े हुए थे. फ्रिड्ज भी रखा था. स्ट्न्ट्र टेबल पे बड़े सलीके से रखे फॅशन के मॅगज़ीन्स रखे थे और घर मे बड़े बड़े फ्लवर वेस बोहोत ही आछे ढंग से रखे हुए थे जिन्मै फ्रेश फ्लवर्स थे.
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