RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
कॅल्क्युलेटेड प्रेशर से मसाज करने से बदन एक दम से हल्का महसूस होने लगता है. मसाज करवाने वाले को लगता है के वो हवा मे उड़ रहा है.
मेडम के ऊपेर तेल डाल के जैसे ही स्प्रड करना शुरू किया मेडम का बदन थोड़ा टाइट हो गया तो मैं ने बोला के रिलॅक्स मेडम अपने बदन को ढीला छोड़ दीजिए तो वो बोली के नही बोहोत दिनो बाद किसी मर्द का हाथ लगा है मेरे बदन पे इसी लिए थोड़ा सा अकड़ गया था तो मैं ने पूछा के क्यों मेडम राई साहेब घर मे नही है क्या तो उन्हो ने एक गहरी साँस ली और बोली के वो कहा होते है उनको खुद ही खबर नही होती. एक दिन भी तो घर मे ठीक से रात गुज़ारे उन्है पता नही कितने साल होगये. वो आज यहा तो कल लंडन तो परसो उस, फ्रॅन्स फिरते ही रहते है उनके पास कहा टाइम है किसी के लिए भी. ओह फिर तो आप काफ़ी अकेला फील करती होगी आप को हमारी मेंबरशिप पसंद आएगी आप यहा डेली आ सकती है और अपना टाइम पास कर सकती है तो उन्हो ने बोला के हा अब मैं यहा डेली ही आया करूँगी. इसी तरह की बातें करते करते मैं मसाज कर रहा था. कभी साइड मे खड़े हो के करता तो कभी अपने पैर टेबल के दोनो तरफ डाल के पीठ पे मसाज करता.
मेडम के गोरे गोरे गोल गोल चूतड़ देख के जी तो कर रहा था के यही तेल मेडम की गंद मे डाल के अपना लंड घुसेड डालु और गंद मार दू उनकी पर मुझे डर था के कही मामला बिगड़ ना जाए इसी लिए मैं ने कुछ नही किया, मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था.
मैं टेबल के दोनो तरफ टाँगें रख के मेडम की पीठ का मसाज कर रहा था और अब शोल्डर्स का करना चाहता था. थोड़ी देर पीठ का मसाज करने के बाद मैं ने थोड़ा सा तेल उनके चूतदो पे डाला और उनके चूतदो को ऐसे मसाज किया या ऐसे मसल्ने लगा जैसे लॅडीस रोटी पकने से पहले आता गूंदते है. दोनो हाथो से मसल रहा था तो उनकी गंद का गुलाबी छेद दिखाई दे रहा था. इतना मस्त छेद था के क्या बताऊ दोस्तो जी कर रहा था के बॅस अब इस गंद को फाड़ ही डालु पर अपने ऊपेर काबू रखना
पड़ा. थोड़ी देर उनकी गंद का मसाज करने के बाद मैने उनकी टाँगो पे भी थोड़ा सा आयिल डाला और दोनो टाँगो को अपने दोनो हाथो को एक दूसरे से मिला के हाथो को नमस्ते के स्टाइल मे बंद किया और ऐसे पकड़ के मसाज किया और उनकी पिंडली के गोश्त को अपने दोनो हाथ खड़े कर के ऐसे मारने लगा जैसे बुचर गोश्त का खीमा बना ने का लिए गोश्त के ऊपेर अपना चुरा मारता है. जब यह पोर्षन का मसाज हो गया तब मे उनके शोल्डर्स का मसाज करना चाहता था.
मैं टेबल से घूम के मेडम के सामने की तरफ आ गया क्यॉंके मुझे यकीन था के अगर मैं उसी पोज़िशन से और वही खड़े खड़े उनके शोल्डर्स तक झुकता तो मेरा लंड शुवर्ली उनकी गंद से लग जाता इसी लिए मैं घूम कर उनके सामने आ गया.
मेडम अपने दोनो हाथ फोल्ड कर के अपने दोनो हाथो पे अपनी चिन टीका के लेटी थी. मेडम की आँखें बंद थी तो मैं ने पूछा के मेडम कैसा फील कर रही है आप तो उन्हो ने अपनी आँखें खोली और बोली के राज क्या बताऊ तुम्हारे हाथो मे जादू है मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरा बदन बिल्कुल लाइट हो गया है और मैं हवा मे उड़ रही हू. मैं अब उनके मूह के सामने खड़ा था और मेरा लंड ज़ोर से आकड़ा हुआ था. मेरी समझ मे नही आ रहा था के कैसी पोज़िशन लू क्यॉंके अगर मैं ठीक मेडम के मूह के सामने खड़ा होता तो मेरा लंड मेडम के फेस से टकरा जाता और साइड मे खड़ा होता तो शोल्डर्स पे वो प्रेशर डेवेलप नही होता जो मैं करना चाहता था. मैं इसी ख़यालो मे था के मेडम ने मेरे लंड पे हाथ धीमे से टच किया और बोला के राज यह तो बोहोत ही इनजस्टिस है राज तो मैं ने बोला के मेडम क्या बात है मैं कुछ समझा नही तो मेडम ने बोला के मैं तो नंगी लेटी हू और तुम यह टवल लपेटे हुए हो इतना कहते कहते उन्हो ने टवल का वो पोर्षन जो दूसरी तरफ से टोपा गया था उसको खीच के निकाल दिया तो टवल नीचे नही गिरा बलके मेरे लंड पे ऐसे अटक गया जैसे किसी खूते से टाँग दिया गया हो और आंटिसिपेशन मे लंड झटके खाने लगा.
क्रमशः........
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