RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
गतान्क से आगे....
उस कुर्सी पर बैठने से पीठ को और पैरो को बोहोत सुकून मिलता था. यह रिलॅक्सिंग रूम था जब मेंबर तक जाते है तो यहा आराम करते है तो उन्हो ने पूछा के अरे ऐसे मसाज से तो रिलॅक्सेशन ही होती है फिर कैसे तक जाती है तो मैं हंस पड़ा और बोला के आइए मैं आपको दिखता हू के वो कैसे और क्या कर के तक जाती है.
हम दूसरे रूम मे आए. मैने बोला के यह भी एक स्पेशल रूम है जहा डिफरेंट टाइप के एक्विपमेंट्स रखे थे और इस वाले पोर्षन मे सेक्स के और चुदाई के बोहोत सारे एक्विपमेंट्स है और डिफरेंट टाइप्स के डिल्डोस है. 2 इंच के डिल्डो से ले के 10 इंच के डिल्डो तक इन डिफरेंट थिकनेस. थोड़े डिल्डोस तो अल्यूमिनियम के है जो बोहोत ही चिकने और स्लिपरी होते है. कुछ डिल्डोस हार्ड प्लास्टिक के है और कुछ सॉफ्ट रब्बररी प्लास्टिक के है. कुछ डिल्डोस मई तो वाइब्रटर्स भी लगे हुए है जो एलेक्ट्रिसिटी से चलते है या बॅटरी ऑपरेटेड है. मैं सब डिल्डोस के बारे मे डीटेल्स मे बताने लगा तो उनका मूह हैरत से खुलता चला गया और वो चुदाई के एक्विपमेंट को ऐसे देखने लगी जैसे उनको अपनी आँखो पे यकीन नही आ रहा हो. मैं ने उनको एक छोटा सा 2 इंच वाला पिस्टल की बुलेट जैसा डिल्डो दिखाया जिसके बेस मे से एक एलेक्ट्रिक की वाइयर निकली हुई थी, मैं ने बोला के इसको अंदर रख के प्लग ऑन करने से यह अंदर वाइब्रट करता है और औरत को बोहोत ही मज़ा आता है. मुझे लगा के अब यह मुझ से थोड़ा खुल के बात करना चाहती है. उन्हो ने पूछा के इतना छोटा सा कैसे मज़ा दे सकता है तो मैं ने कहा के मेडम मैं बाहर चला जाता हू अगर आप ट्राइ करना चाहे तो मुझे कोई प्राब्लम नही है तो उन्हो ने बोला के अभी नही सम अदर टाइम मई आउंगी और इसे उसे करके देखूँगी तो मैं खामोश हो गया.
दूसरे रूम की ओर बढ़ते हुए मैं ने बोला के आइए मेडम यह दूसरा वाला भी बोहोत ही स्पेशल रूम है. वो भी मेरे साथ रूम के अंदर आ गई जहा कमरे मे 3 चुदाई के मशीन्स लगी हुई थी. यह एक साइकल टाइप की मशीन थी जिसपे लड़की सीधी या उल्टी लेट जाती जैसे ज़रूरत हो. और उस मशीन मे लीवर्स लगे हुए थे और उसके ऊपेर एक अल्यूमिनियम का लंबा रोड था जिसका एक एंड रोटरोर के साथ लगा हुआ था और दूसरे एंड पे एक हार्ड रब्बर का लंबा मोटा लंड लगा हुआ था और सच मे देखने मे एक मोटा लंड ही नज़र आता था. यह लंड चमक रहा था. उन्हो ने पूछा यह क्या है तो मैं ने बताया के यह मशीन है यहा मेंबर इस सीट पे लेट जाती है और अपनी आपको ऐसे अड्जस्ट करती है के और फिर लंड पे हाथ फेरते हुए बोला के ऐसे अड्जस्ट करने मे यह औरत के अंदर
मेकॅनिकली अंदर बाहर होने लगता है और लड़की को जितनी अंदर तक लेना हो वो अपने आप ही अड्जस्ट कर लेती है और अगर इस से भी मोटा चाहिए तो इस आल्मिराह मे स्पेर डिल्डोस रखे है वो अपनी मर्ज़ी से जितना बड़ा और जितना मोटा होना है वो लगा लेती है. यह देखिए यहा इसके बेस मे चेंजबल थ्रेड्स बने हुए है. अगर किसी को छोटा या बड़ा लगाना हो तो यहा से घुमा के निकाल सकते है और अपनी मर्ज़ी का मोटा लगा सकते है.
इसको पहले यहा से रोटेट करते हुए मॅन्यूयेली पोज़िशन अड्जस्ट की जाती है और जब पोज़िशन अड्जस्ट हो जाती है तो अपनी मर्ज़ी से जितनी ज़ोर से अंदर बाहर करवाना चाहते है हो जाता है. और यह जो दूसरी मशीन है इस मे डबल वाला लगा हुआ है कुछ औरतों को दोनो होल्स मे एक साथ चाहिए होता है तो यह देखिए एक सीधा है और दूसरा थोडा सा आंगल बनाए हुए है, एक सामने से जाता है और दूसरा पीछे से. इस पे लड़की उल्टा लेट ती है और डॉगी स्टाइल मे हो जाती है तो आंगल और पोज़िशन सही मिलती है. यह मशीन भी कंट्रोल्ड है जितनी तेज़ चलना चाहे चला सकते है. और यह देखिए यह जो पाइप मे निज़्ज़ल लगा हुआ है उस मे से पानी की धार बोहोत तेज़ी से निकलती है और यहा बेड पे लेट के औरत अपनी टाँगें खोल के उसकी धार को डाइरेक्ट अपने क्लाइटॉरिस पे लेती है और फिर उसको ऐसा मज़ा आता है के पूछो मत और तेज़ धार के कंटिन्यू क्लाइटॉरिस पे पड़ते वो झाड़ जाती है. वो हैरत से इन मशीन्स को देखने लगी जैसे उनको अपनी आँखो पे यकीन नही आ रहा था के दुनिया मई ऐसी औरतें भी है जो सेक्स की इतनी दीवानी है.
एलेक्ट्रॉनिक सेक्स मशीन फॉर बिज़ी विमन
मैं ने देखा के वो उस एक्विपमेंट के करीब चली गई और उसपे लगे लंड को अपने हाथो मे ले के प्यार से धीरे धीरे आगे पीछे कर के सहलाने लगी. शाएद वो यह भूल गई थी के मैं भी रूम मई हू. और फिर उस रब्बर के लंड को अपने हाथ मे पकड़ के उसका मूठ मारने लगी. मैं वाहा से थोड़ा सा हट गया ता के वो मज़े ले सके. वो अपने ख़यालो मे खोई रही और उनका हाथ उस ड्यूप्लिकेट लंड का मूठ मारता रहा. थोड़ी देर मे जब उनको एहसास हुआ के वो क्या कर रही है तो वो एक दम से चौंक गई और इधर उधर देखने लगी जैसे कोई उन्हे देख तो नही रहा. मैं जान बूझ के दूसरी ओर मूह करके ऐसा पोज़ दे रहा था जैसे किसी मशीन का कोई स्क्रू टाइट कर रहा हू. मैं तिरछी नज़रो से उनको देख भी रहा था और डेफनेट्ली वो लंड को मूठ मारते मारते अपनी चूत का भी मसाज कर रही थी. उनका मूह मेरी तरफ नही था लैकिन उनके हाथ के मूव्मेंट्स से पता चल गया के वो चूत की मसाज ही कर रही है. हा थोड़ी देर के बाद उन्हो ने इधर उधर देखा और मेरी तरफ चली आई. अब उनकी साँस बोहोत ही तेज़ चल रही थी उनके मूह से आवाज़ नही निकल रही थी.
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