RE: Sex Kahani चाचा बड़े जालिम हो तुम
हरी की गांद हाथो से फैलाते रज़िया ने 1 - 2 बार चाटी. एक पनजेंट स्मेल और टेस्ट का अनुभव हुआ उसे. फिर 1 - 2 बार गंद चाट के वो बोली, "लेकिन चाचा कुछ तो बोलती ना मेरी सास मेरे पहनावे पे? कि रज़िया ऐसा मत पहनो, ऐसा मत करो, पर उन्होने तो मुझे कभी नही टोका. नॉर्मल रहती थी वो तो. और क्या चाचा, हर कोई मर्द ऐसा तो नही सोचता ना जैसा आप और केलेवाला सोचते है. शायद उस. वजह से सास ने मुझे कभी टोका नही किसी बात पे."
अपनी गांद और झांट और गांद को चटवाकर हरी को अच्छा लग रहा था. यह साली रज़िया तो एकदम रंडी निकली. कैसे बिना बोले हरी की गांद चाट रही थी. जब रज़िया ने जीब हरी की गंद के छेद पे दबाई तो हरी उसका सिर गांद पे दबाते बोला, ". और अच्छे से चाट बेटी अपने हिंदू बाप की गांद, मज़ा आ रहा है तेरे चाटने से रंडी बेटी. रज़िया तेरी सास तुझे कभी कोई पहरावे के बारे मे टोकती नही वो इसलिए कि तेरी सास को तेरा सजना धजना अच्छा लगता है. वो मुझसे बोली कि लाखो मे एक बहू है मेरी. कितना अच्छा दिखती है पर ज़रा भी घमंडी नही, ना किसी दूसरे मर्द को देखती है ना कोई दर्द किसी से शेअर् करती है, सबको खुश रखती है मेरी प्यारी बहू. देख अभी तू कैसे तेरे हरी चाचा को खुश कर रही है."
हरी को टर्न करके झुकाते रज़िया उसकी गांद खोलके चाटने लगी. इससे उसके मम्मे हरी की नंगी जाँघो पे रगडे जा रहे थे. ऐसे ही गांद चाटते और मम्मे झांग पे रगड़ते रज़िया बोली, ". आप ठीक कहते है चाचा. इसलिए मेरी सास कभी मुझे टोकती नही क्योकि मैने आजके पहले कभी छिछोरिपन नही किया था जैसे आज आपके साथ कर रही हूँ. चाचा मैं ऐसे चाट्ती हूँ और आप को अच्छा लगता है तो क्या सभी मर्दो को आता है ऐसा मज़ा? मैं अपने पति की भी यही सेवा करती हूँ तो वो इतना उछलता नही जैसे आप कर रहे है. शायद उसका खून आपके इतना गर्म नही होता होगा. पर चाचा, पता नही मुझे बोहुत मज़ा आता है ऐसा करने मे. मेरे जिस्म मे मानो सरसराहट सी होती है, मर्द का लिंग मूह मे लेने और उसका पिछवाड़ा चाटने मे."
रज़िया का एक हाथ अपने लंड पे रखते हरी बोला, "हां बेटी, तेरी जैसे जवानी औरत से गांद चाटवाके सब मर्दो को मज़ा आता है. आजतक जितनी औरतो ने गांद चाती मेरी वो तेरे सामने कुछ नही. तू जी जान से गांद चाट्ती है, पूरे प्यार से चाट रही है, तू मेरी गांद चाट और मैं तेरी गांद मारूँगा. बेटी तूने यह बताया नही कि तुझे तेरा यह हिंदू बाप पसंद है या नही? इस हिंदू बाप की रंडी मुसलमान बेटी बनके रहेगी?"
रज़िया हरी को तुर्न करके सोफे पे बिठाते उसकी गोदी मे अपना मूह डालके उसकी झांट को चाटने लगी. झतो से आती खुशुबू से रज़िया मदहोश होके अपनी टाँगे खोलके हरी को अपनी नंगी चूत का दर्शन करवाते बोली, "हाई रब्बा, इसका मतलब मेरे जैसी कई लड़कियो के साथ..चाचा? और हां चाचा, मुझे आपकी रंडी मुसलमान बेटी बनके रहना पसंद है. आजसे यह रंडी मुसलमान बेटी अपने हिंदू बाप की जो वो चाहे वैसे सेवा करेगी."
रज़िया का मूह झांतो पे दबा कर पैर के अंगूठे से रज़िया की चूत कुरेदते हरी बोला," हां बेटी, तेरी जैसे बहुत लड़कियो को चोदा है मैने , कमसिन और शादी शुदा औरतो को चोदना मेरा शौक है. मेरा लॉडा देखके तेरी जैसे लड़किया कुछ भी करने लगती है मेरे लिए. वैसे तू लंड , झाट और गांद चाटने मे बड़ी माहिर लगती है रज़िया? कितने लॉड चूसने है तूने आज तक?"
पैर फैलाक़े चौड़े करते रज़िया हरी के अंगूठे को चूत मे घुसने के लिए चूत का मूह खोलके लंड को मूह से निकालते उसकी तरफ मूह करते बोली, "आपकी कसम चाचा, आज से पहले सिर्फ़ अपने मिया का ही लंड चूसा और उसकी गांद चाती थी. पर पता नही आज मुझे क्या हो गया है. कुछ पता ही नही चलता कि मैं ऐसा क्यूँ करती हून. शायद इतने तगड़े लंड के सामने होने से मैं बेशर्म हो गये हूँ और रंडी जैसे बर्ताव कर रही हूँ.
क्रमशः.......
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