RE: Sex Kahani चाचा बड़े जालिम हो तुम
हरी फिर मम्मा नंगा करते उसे टटोलते बोला, "अच्छी बात है, यह बता रज़िया तुम हफ्ते मे कितनी बार मस्ती करती हो? मस्ती समझी ना? बिस्तर मे कपड़े उतार के एक दूसरे की प्यास बुझाते हो ना?
हरी के हाथ पे हाथ रखते रज़िया बोली, "चाचा मेरे कपड़ो और आपके इलाज के बीच के संबंध मे मस्ती कहा से आई? उससे मेरे इलाज का क्या वास्ता?"
रज़िया का मम्मा हल्के हल्के दबाते हरी बोला, "देख तू ऐसे सवाल पूछेगी तो इलाज़ नही कर सकता? डॉक्टर के पास जाती है तो सब पूछता है ना वो? अब मुझे डॉक्टर समझके जवाब दे."
रज़िया हरी के हाथ मम्मे से हटा अपनी नंगी जाँघ पे रखते बोली, "हां लेकिन मेरे सवाल का जवाब पहले देता है और मुझे समझाता है फिर आगे सवाल करता है डॉक्टर."
जांघे सहलाते अब दूसरा हाथ नंगे मम्मे पे रखते हरी बोला, "मैं अलग किसम का डॉक्टर हूँ इस लिए पहले सब सवाल पूछके बाद मैं इलाज़ बताउन्गा. अब बता कितनी बार मस्ती करते हो तुम दोनो?"
रज़िया बोली,"महीने मैं एक दो बार,बस."
"क्या बोलती हो? बस 1-2 बार? क्यों ऐसा क्यो रज़िया? तुझे इच्छा नही होती और करने की या वो नही करना चाहता और मस्ती?
हरी की गले मे एक हाथ डालते रज़िया बोली,"वो महीना-महीना भर तो बाहर रहते है तो कैसे हम ज़्यादा मस्ती कर सकते है चाचा.और वैसे भी मुझे ही पहल करनी पड़ती है. रहमान बोलता है कि वो थक गया है और मस्ती नही करना चाहता."
हरी रज़िया को अब पूरी तरह गोद मे लिटाके उसके सिर के नीचे लंड रखता है.रज़िया के मम्मे नंगे करके गाउन कमर तक उप्पर करता है.रज़िया की चूत अब नंगी होती है. मम्मे मसल्ते निपल से खेलते चूत को देखते हरी बोला,"हां बेटी,बहुत मर्दो को वो काम करने के बाद यह काम करने की ताक़त नही रहती.जाने दे वो बात,अब यह कपड़े क्यों पहनने को कहा मैने यह बताता हूँ.देख बेटी,तुझे यह निघ्त्य इसलिए पहनाई क्योकि जब तेरा इलाज़ करू तब तेरे दिलो दिमाग़ मे वासना भरनी चाहिए.तुझे ऐसा लगे कि तेरा पति तेरे साथ खेल रहा है,तू इतनी उत्तजीत हो कि बेशर्म बनके बिना रोक टोक के इलाज़ करके ले.अच्छा अब यह बता बेटा कि तेरे पति का हथियार कितना लंबा और मोटा है?यह भी बता कि उसका हथियार तेरी जाँघो के बीच की दरार मे जाता है तो कितना टाइम लेता है पानी उगलने?बेटी बेशर्म होके मेरी बात का जवाब दे तो इलाज़ अच्छा होगा तेरा समझी?"
अपने सिर के नीचे गर्म लंड का टच,मम्मो पे हरी के कड़क हाथ और उसके सामने नीचे फैली नंगी चूत यह हाल रज़िया को अजीब लगा.एक पराए मर्द ने उसे करीब-करीब नंगी किया हुआ था और अब पर्सनल सवाल पूछ रहा था.जाँघो मे अपनी चूत छुपाते हरी की तरफ देखते रज़िया एकदम ही बेशर्मी से बोली, "पति खेल रहा है ऐसा लगना चाहिए ना चाचा? लेकिन कभी उसने खेला हो तब पता चले ना कि खेल किसे कहते है? वो तो बस कपड़े निकालके ज़रा चूमता है और घुसा देता है. रही बात रहमान के औज़ार की, तो होगा उसका औज़ार कोई 4-4.5" का. पानी छोड़ने की बात करते हो चाचा मेरे छेद मे जाने से पहले ही या तो हमारी रज़ाई या कंबल गीली हो जाती है तो मैं क्या करू? चाचा आपने यह सब पूछा और मैने जवाब दिया लेकिन ऐसी नाइटी से वासना कैसे बढ़ेगी यह तो बताओ ना?"
एक हाथ से मम्मे मसल्ते दूसरा हाथ रज़िया की नंगी जाँघ पे घूमते हरी बोला, "ओह अच्छा? मतलब वो क्या तुझे नंगी करके घुसाता है? तुझे नंगी करके, जिस्म मसलके, होत, सीना पेट नही चूमता? तेरे यह नोकिले निपल बच्चे जैसा नही चूस्ता? तेरी जाँघो के बीच की दरार सहला के कभी चाटता नही ? सिर्फ़ 4-4.5" का हथियार है उसका? तभी इतनी जल्दी पानी छोड़ देता है साला. अब रही बेटी इन कपड़ो की बात, रज़िया अब तू एक पराए हिंदू मर्द के सामने ऐसे आधी नंगी गाउन मे रहेगी तो तेरी वासना भड़केगी ना? तेरी वासना भड़की तो मुझे तेरा इलाज़ करने मे आसानी होगी क्योकि तू मेरी सब बाते मानेगी."
|