RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
इतनी बहरहमी से अपनी बेटी का बलात्कार देख नानाजी खुश हो रहें थे, वो आगे झुक के मा के चेहरे को देख रहें थे. मा के चेहरे पे दर्द देख उनको मज़ा आ रहा था. उनकी पतलून में उनका लॉडा खड़ा हो चुका था.
मा इतनी बुरी तरह से चुद कर दर्द के मारे मुनीम जी के नीचे छटपटा रही थी. दो तीन मिनिट की चुदाई के बाद ही मुनीम जी का झरना बंद हो गया और उन्होने अपना लॉडा बाहर निकाला. लंड निकालने के साथ मा की चूत से काफ़ी वीर्य भी निकलने लगा. मा की जाँघो पे काफ़ी खून भी बह चुका था. मा ने सोचा कि कम से कम अब तो उसकी तकलीफ़ कम होगी, पर उसको आगे जो होने वाला था उसका अंदेशा नही था.
नानाजी अब मा के पीछे आ गये थे और उसकी गोरी चिकनी गान्ड को देख रहे थे ‘साले हरामी मुनीम, 2 मिनिट में ही ख़तम ? में तुझे दिखाता हूँ ठीक से सज़ा कैसे दी जाती हैं’ ये बात सुनकर मा की आँखे फैल गयी. नानाजी ने अपनी पतलून खोलके अपना लॉडा बाहर निकाल दिया. इतना ख़तरनाक द्रिश्य मा ने ज़िंदगी में नही देखा था. नानाजी का लॉडा कोई इंसान नही पर कोई गधे के लंड के जैसा था. पूरा 10 इंच लंबा और बहुत ही मोटा.
‘इस बार छड़ी से नही में इससे तुझे सज़ा दूँगा हहहे’ करके नानाजी मा के पीछे आ कर खड़े हो गये.
मा को यकीन नही हो रहा था कि उसके पिता ऐसी गंदी हरकत कर सकते हैं. मैं कोने की टेबल के नीचे बैठ के सब कुछ देख रही थी.
‘ये आप क्या कह रहे हो पिताजी’
‘सुनाई नही दिया तुझे हहहे’ बोलके नानाजी ने दोनो हाथो से मा की गोरी गान्ड को मसलना शुरू कर दिया. गान्ड मसल्ते मसल्ते नानाजी गान्ड को फैला के उसके छोटे से गुलाबी छेद को देख रहें थे. उन्होने अब फ़ैसला कर लिया था कि इस छोटी सी गान्ड को वो अब अपने 10 इंच के लंड से फाड़ के रख देंगे.
नानाजी ने गान्ड को हाथो से मसलना जारी रखा और अपना लंड गान्ड के छेद पे टिका कर उसको उपर नीचे घिसना शुरू कर दिया. इसके एहसास से उनके शरीर में एक करेंट फैल गया. अपने खुद के पिता का लंबा लंड अपनी गान्ड पे रगड़ते महसूस करके मा को घिन आ रही थी. वो रोते हुए उनको रोकने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
‘आआआअहह बरसो की तमन्ना आज पूरी होगी हहहे बहुत मज़ा आएगा’
‘ये आप क्या कर रहें हो पिताजी, ये बहुत बड़ा पाप हैं’ माँ ने रोते हुए कहा
‘चुप बैठ साली, इतने साल तेरी मा ने तुम दो बहनों को बचा के रखा, लेकिन आज में बरसो की प्यास भुजा के ही रहूँगा’
दोनो हाथो से मा की छोटी सी गान्ड फैलाते हुए नानाजी ने अपने लौडे का उपर का हिस्सा मा की गान्ड के छोटे से छेद पे रखके ज़ोर से आगे धकेला
‘आाआऐययईईईईई’ मा ज़ोर से चिल्ला बैठी
‘अरे चिल्लाति क्यूँ हैं, अभी तो लंड अंदर गया भी नही’ ज़ोर लगाने के बावजूद नानाजी का लॉडा अंदर नही गया था. गान्ड का छेद बहुत ही छोटा था.
नानाजी ने नीचे देखते हुए मा की गान्ड के छेद पे दो तीन बार थूक दिया. फिर उन्होने अपने दोनो हाथ पे थूक दिया और थूक को दोनो हाथों से अपने मोटे लौडे पे फैला दिया.
‘अब देखते हैं अंदर कैसे नही जाता’
इस बार नानाजी ने लंड से और एक तगड़ा धक्का लगाया. उनका मोटा लॉडा मा की गान्ड को चीरते हुए दो इंच तक अंदर घुस गया.
‘आआअहह साली राआआंणनद आआहह कितनी छोटी गान्ड हैं तेरी’ नानाजी पागल की तरह चिल्ला रहें थे. अपनी ही बेटी की टाइट गान्ड में अपना लंड डाल उनको मज़ा आ गया था.
पूरे शरीर का वज़न नीचे की ओर धकेल नानाजी धीरे धीरे अपना लॉडा मा की छोटी से गान्ड में घुसेड रहें थे.
मा दर्द सहेन नही कर पा रही थी. जैसे जैसे नानाजी का लंड अंदर जा रहा था मा अपने होश खो रही थी.
आख़िर कुछ मिनिट ज़ोर लगाने के बाद नानाजी का पूरा लंड मा की छोटी सी गान्ड में घुस गया. कन्हैयालाल ने ज़िंदगी में कई लड़कियों की कुँवारी गान्ड का बलात्कार किया था, घर की नौकरानियाँ, अपने खेतों में काम करने वाले किसानो की बीवियाँ, कर्ज़दारों की बीवियाँ और यहाँ तक कि सुहाग रात पे भी उन्होने सबसे पहले अपनी पत्नी की कुँवारी गान्ड का ही बलात्कार किया था. लेकिन आज तक इतनी छोटी गान्ड मारना नसीब नही हुआ था.
‘आआआअहह क्या गान्ड हैं तेरी सावित्री, आज तक इतनी टाइट गान्ड की चुदाई नही की आआआहह अब हर रोज़ तेरी गान्ड मारूँगा आआआहह…’
पर मा बेहोश हो गयी थी.
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