RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
‘नहियीईईई…’
एक ही पल में मेरी दुनिया उजड़ गयी.मेरी आँखों के सामने मेरे प्यारे पति की मौत हो गयी. गोली की आवाज़ सुनके ससुरजी और सुभाष नंगे ही कमरे में दौड़ के आ गये. दोनो ने किशोर जी की लाश देख के रोना शुरू कर दिया.
मेरे पति ने मेरे सामने आत्मा हत्या कर दी. 18 साल की कमसिन उमर में ही मैं विधवा हो गयी. एक ही पल में मेरिदुनिया उजड़ गयी. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि में क्या करूँ और मेरे जीवन का क्या होगा.
पति के मरने के कुछ दिन बाद मेंअपने कमरे में बैठे रो रही थी. मुझे नीचे से ज़ोर से आवाज़े सुनाई दी. मेने कमरे का दरवाज़ा खोल नीचे देखा. ससुरजी नौकरो को बहुत हीगूस्सा हो कर डाट रहे थे. मैने उनको इतना गुस्से में कभी नही देखा था.
‘साले हरामी, मैने कहा कि घर जा तो घर जा, मालकिन से पूछने की क्या ज़रूरत हैं’
मंगु ने घबराते हुए कहा ‘जी साब वो छोटी मालकिन ने कहा था कि …’
‘साले मदेर्चोद, ज़बान चलाता हैं’ऐसा बोलके ससुरजी ने एक ज़ोर का तमाचा लगा दिया. मंगु बेचारा ज़मीन पेगिर पड़ा.
‘बहन चोद तेरी ये मज़ाल’ बोलके ससुरजी ने ज़मीन पे पड़े मंगु को दो तीन ज़ोरदार लात मार दी. बेटे की मौत सेससुरजी का दिमागी संतुलन बिगड़ गया था.
‘तुम सब हरामी सुन लो अगर तुम सब केसब घर नही गये तो सबको नौकरी से निकाल दूँगा, तुम लोगो की तन्खा अबमें देता हूँ समझे, मेरे बेटे के स्वरगवास का शोक मनाने के लिए तुमलोगो को छुट्टी देना ज़रूरी हैं, चलो अब तुम सब यहाँ से दफ़ा हो जाओ, और दस दिन तक कोई नज़र नही आना चाहिए मुझे’ ये बात सुनकर सारे नौकरघर से निकल गये. मुझे कुछ समझ में नही आया, में नीचे गयी. मुझे थोड़ा डर था कि शायद ससुरजी पहले की तरह घर पे कोई ना होने से मेरी इज़्ज़त पे हाथ डालेंगे. लेकिन ऐसे दुख के समय पे वो ऐसी गंदी चीज़ थोड़ी ना करेंगे और फिर अगर कुछ हुआ तो में आपने बेटे सुभाष को बुला लूँगी.
‘जी पिताजी आपने सब को दस दिन की छुट्टी क्यू दे दी ?’
ससुरजी ने मुझे मूड के देखा.
उनकी आँखें गुस्से से लाल थी, उनका चेहरा देख में डर गयी ‘साली कुत्ति, तेरी वजह से मेरा बेटा मर गया,तुझे क्या लगा में तुझे इसकी सज़ा नही दूँगा ?’
‘ये आप क्या कह रहें हो पिताजी’
‘अगर तूने अपने रंग रूप से मुझेफ़साया नही होता तो आज मेरा बेटा ज़िंदा होता, अब तो तेरी खैर नही’
ससुरजी सच में ही पागल गये थे. मेरे पास आकर उन्होने मुझेज़ोर से एक तमाचा लगा दिया. तमाचा इतना तगड़ा था कि में नीचे ज़मीन पेगीर पड़ी, मेरा गाल पहले गुलाबी फिर लाल हो गया और दर्द से मेरे आँसू निकालने लगे. मेरे गिरने से मेरा स्कर्ट उपर हो गया और मेरे गोरे पैर और मेरी सफेद पैंटी ससुरजी को दिख गये. ‘तू सुधरेगी नही साली कमिनि,अपने ससुर को चड्डी दिखा के फिरसे फ़सा रही हैं, अब में दिखता हूँ की तुझ जैसी लड़की के साथ क्या सलूक किया जाना चाहिए’ ऐसा कह के ससुरजी ने अपनी बनियान और लूँगी निकाल दी और पूरे नंगे हो गये.उनका लंड पूरा खड़ा हो चुका था. मैं घुमके खड़ी होने ही वाली थी कि ससुरजी ने अचानक मुझे पीछे से जाकड़ लिए और किसी जंगली की तरह मेरे कपड़े फाड़ के निकालने लगे, में उनके चंगुल से निकलने की कोशिश कर रही थी लेकिन ससुरजी के सर पर भूत सवार था. दो ही मिनिट में ससुरजी ने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. में अब सिर्फ़ मेरी पैंटी में थी और ससुरजी पूरेनंगे थे. अब उन्होने मुझे पकड़ कर उठा लिया और पास में पड़े बिस्तर पे पटक दिया.
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