RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
मेरी मा को मेरी आँखों के सामने ज़लील होते देख मेरे आँखों से आँसू निकलने लगे. मा ने अब पूरे ज़ोर से अपनी जीब को आगे धकेल के डिज़िल्वा की गान्ड के छेद में डाल दी. ‘आआआआआहह.. मेरी चिकनी रांड़ आआआआहह…’ डिज़िल्वा को मज़ा आ गया था. मेरी अपनी मा मेरी आँखों के सामने इस आदमी की गान्ड में अपनी पूरी जीब डाल के अंदर बाहर कर रही थी. डिज़िल्वा ने अपने हाथ से अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया. कुछ देर तक मा ऐसे ही डिज़िल्वा की गान्ड को अपनी जीब से चोदति रही. आख़िर डिज़िल्वा का झरना शुरू हो गया. मा अपनी जीब डिज़िल्वा की गान्ड में और ज़ोर से हिलाने लगी. ‘आआआआआहह…’ डिज़िल्वा के लंड से ढेर सारा वीर्य छूटना शुरू हो गया. सारा वीर्य मेरे पेट पे गिर रहा था. आख़िर डिज़िल्वा का झरना बंद हुआ, मेरा पूरा पेट उसके वीर्य से गीला हो गया था. उसने मूड के मा से कहा ‘अब इसको ज़ोर से किस करना शुरू कर’. मा ने बात मानकर अपना सर नीचे कर के अपने होंठ मेरे होंठो पे लगाने की कोशिश की. मैने अपना सर मोड़ लिया. मा के नरम होंठ मेरे गालो पे लगे. मा को मेरी मखमल जैसी चमड़ी का अपने होंठो पे एहसास पा के बहुत अच्छा लगा और वो अब मुझे जम के चूमने लगी. उसने अपने होंठ मेरे गालो से ला कर मेरे गले पे ला दिए और मुझे जम कर चूमने और चाटने लगी.
डिज़िल्वा खड़ा हो गया और अपने हाथ से मेरे चेहरे को पकड़ उसे सीधा कर के उसे हिलने से रोक लिया. मा ने अपने होंठ मेरे होंठो को लगा दिए.
‘अरे, तुम्हारे मूह में ये कपड़ा क्यूँ लगा हैं’ मा ने मेरे मूह से पैंटी निकाल दी और अपने होंठ मेरे होंठ से लगा दिए. में जानती थी कि अब अगर मा को पता चला कि क्या हो रहा हैं तो उसके दिल को ठेस पहुचे गी और में चुप चाप सब सहती गयी. मा अब बहुत उत्तेजित हो गयी थी और पूरे ज़ोर से मेरे होंठो को चूम और चाट रही थी. ‘है… कटरीना कैफ़’ वो सोच रही थी. उसने दस मिनिट तक मुझे ऐसे ज़ोर ज़ोर से चूमा और चाटा. कुछ मिनिट पहले जो जीब डिज़िल्वा की गान्ड में थी अब वो जीब से मा मेरा चेहरा चाट रही थी. मेरा सारा चेहरा उसकी थूक से गीला हो गया था. डिज़िल्वा ने झुक के उसको कहा ‘इतना हसीन चेहरा हैं, सिर्फ़ मूह से चूमोगी इसको, अपनी चूत से क्यूँ नही चूमती?’ मा ये बात सुनकर मुस्कुरा उठी.
डिज़िल्वा ने मेरा सर पकड़ के रखा. मा ने अब अपने घुटनो को मेरे सर के दोनो तरफ रख अपनी चूत को मेरे चेहरे पे नीचे लाने लगी. उसकी आँखे बंद थी इस कारण उसकी चूत मेरी नाक पे आ गयी और मेरी नाक उसकी चूत में चली गयी.
‘आआअहह….’ इसके एहसास से मा को बड़ा मज़ा आया और वो धीरे धीरे अपनी गान्ड आगे पीछे कर के मेरे चेहरे पे अपनी चूत रगड़ने लगी.
‘इतना धीरे से क्यूँ कर रही हैं मेरी जान, थोड़ा ज़ोर लगा’ ऐसा कह के डिज़िल्वा मेरा सर छोड़ के मा के दोनो निपल को उंगलियों के बीच ले के मसल्ने लगा. मैने अपना सर डिज़िल्वा के छोड़ते ही मोड़ दिया पर अब मा बहुत उत्तेजित हो गयी थी. उसने दोनो हाथो से मेरे बाल पकड़ मेरा सर सीधा कर दिया और अपनी चूत मेरे चेहरे पे रगड़ना जारी रखा. मा को पता नही था कि वो अपनी ही बेटी का बलात्कार कर रही थी. डिज़िल्वा ने मा के निपल को अचानक ज़ोर के खीच दिया इससे मा के बदन में सनसनी फैल गयी और उसने अपनी चूत मेरे चेहरे पे ज़ोर ज़ोर से रगड़ना शुरू कर दिया. उसकी गीली चूत के पानी से मेरा चेहरा पूरा गीला हो गया था. डिज़िल्वा उससे गंदी बात करके और उत्तेजित कर रहा था.
‘ज़ोर से रगड़ अपनी चूत, साली रांड़, और ज़ोर से’ मा का अब झरना शुरू हो गया. वो अब पूरे ज़ोर से अपनी चूत नीचे दबा कर अपनी गान्ड को आगे पीछे करके ‘आआआअहह.. आआआआहह…’ की आवाज़े निकाल रही थी. तीन चार मिनिट तक उसने ऐसा ही किया. मेरएए नाक में ज़ोर से दर्द होने लगा था. आख़िर उसका झरना बंद हुआ, और मा मेरे उपर लेट गयी. मा अब पूरी मेरे उपर थी और धीरे धीरे मेरे होंठो और चेहरे को चूम रही थी. उसका मखमल जैसा बदन मेरे जिस्म पे था और उसका एहसास मुझे अच्छा लग रहा था. वो अपना बदन धीरे धीरे उपर नीचे कर अपने बूब्स मेरे बूब्स पे रगड़ रही थी.
डिज़िल्वा को ये सब देख के बहुत मज़ा आ रहा था. उसने मेरे बँधे हाथ खोल दिए थे. उसका लंड अब फिर से खड़ा हो गया था और उसका चुदाई करने का मन हो गया था, उसको मेरे उपर लेटी हुई मा की गोरी गान्ड अपने सामने नज़र आई. डिज़िल्वा थोड़ा भी वक़्त ज़ाया किए बिना मा के पीछे बैठ गया और अपने दोनो हाथों से मा की गान्ड को मसल्ने लगा.
‘अरे ये क्या कर रहे हो’ मा ने पूछा.
डिज़िल्वा मेरी ओर देख के बोला ‘सुहाग रात हो, और औरत कुँवारी रह जाए ये तो ठीक बात नही, तो मैने सोचा कि अगर मैने सावित्री देवी की गान्ड को कुँवारा रखा, तो बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी’
‘ये क्या बकवास कर रहें हो’ मा बहुत डर गयी थी. मुझे मेरी मा की हालत पे तरस आना चाहिए था, पर पता नहीं क्यूँ में चाहती थी कि डिज़िल्वा उसकी गान्ड को बेरहमी से मारे. मा का चेहरा मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने थे, और उसका डरा हुआ चेहरा मुझे बहुत सेक्सी लग रहा था.
डिज़िल्वा ने अपना मोटा लंड मा के गान्ड के छेद पे रख के रगड़ने लगा
‘नही प्लीज़ अमित, ऐसा मत करो, मुझे बहुत दर्द होगा’
डिज़िल्वा ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसका लंड का उपर का हिस्सा मा की गान्ड में घुस गया.
‘आाआईयईईईई’ मा चीख पड़ी
‘निकालो इसको प्लीज़, बहुत बड़ा हैं आाऐययईई’ उसके आँखों से आँसू निकलने लगे. डिज़िल्वा का लॉडा अभी तो सिर्फ़ 3 इंच तक ही गान्ड में घुसा था.
‘ज़रा दिलासा दो इसे’ डिज़िल्वा ने मुझे कहा.
मा की गान्ड का बलात्कार मेरे सामने होने से मुझे मज़ा आ रहा था और मुझे अब सेक्स चढ़ गया था. मैने अपने हाथों से मा का सर पकड़ लिया और उसके होंठो को अपने होंठो से लगा कर ज़ोर से चूमने लगी.
डिज़िल्वा ने अपना लंड और ज़ोर से आगे धकेला और 6 इंच तक मा की टाइट गान्ड में घुसा डाला.
मा ‘म्म्म्ममममम…. म्म्म्मह’ करके चीखने की कोशिश कर रही थी पर मैने अपने दोनो हाथों से उसका सर पकड़ के रखा था और उसका मूह मेरे मूह से बंद कर के रखा था. में अपनी जीब मा मे मूह के अंदर डाल रही थी.
कुँवारी गान्ड में अपना मोटा लंड डालके डिज़िल्वा को बहुत ही मज़ा आ रहा था. डिज़िल्वा को ऐसा लग रहा था जैसे मा की गान्ड ने उसके लंड को कस के पकड़ लिया हो.
‘आआआहह… सावित्री, तेरी गान्ड बहुत ही टाइट हैं आआआहह….’
डिज़िल्वा ने अब मा की गांद की चुदाई शुरू करदी थी. मा के चेरे पे दर्द देख मुझे मज़ा आ रहा था, में उसके गालों से उसके आँसू चाट रही थी. मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे मा की गान्ड का रेप देख के इतना अच्छा क्यूँ लग रहा था. डिज़िल्वा अब लगातार मा की छोटी सी गान्ड में अपना मोटा लॉडा अंदर बाहर कर रहा था. ‘आआआआअहह….’
कुछ मिनिट डिज़िल्वा ऐसे ही लगातार धक्के लगाता गया. मा का दर्द कम होने का नाम नही ले रहा था, उसका चीखना बंद हो गया था, पर उसके चेहरे पे दर्द सॉफ दिखाई दे रहा था, उसके आँखो से आँसू बह रहे थे. मुझे अब बहुत ही सेक्स चढ़ गया था, और मैने अपने हाथों से मा को जाकड़ लिया था और उसके चेरे और होंटो पे ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया था.
दस मिनिट तक मा की गान्ड को चोदने के बाद डिज़िल्वा झरने के बहुत नज़दीक आ गया था. उसको मा और बेटी दोनो के चेहरे पे एक साथ अपना वीर्य निकालना था, उसने अपना मोटा लंड मा की गान्ड से बाहर निकाला और मुझे और मा को बैठा दिया और अपना लंड हमारे चेहरे के नज़दीक ला दिया.
डिज़िल्वा ने हम दोनो के बाल अपने हाथो से पकड़ के रखे और कहा.
‘अब तुम दोनो मिलके मेरा लंड चाटो…’
में और मा दोनो ने अपने होंठो और जीब को चलाना शुरू कर दिया.
वो नीचे , एक मा और बेटी को अपना लंड चाटते देख रहा था. ये नज़ारा उसको पागल बना रहा था. दो चिकने चेहरे को अपना लंड चाटते देख उससे रहा नही गया, उसने हम दोनो के सर को एक दूसरे के नज़दीक ला कर अपना लंड तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया.
‘ये लो मेरा पानी आआअहह… ’
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