RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
‘प्लीज़ और ज़ोरो से करो’ डिज़िल्वा ने ये सुनकर अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी. मा की चूत झरते वक़्त डिज़िल्वा के लंड पे सिकुड जाती और डिज़िल्वा को इसी और मज़ा आता. तीन चार मिनिट तक मा का झरना जारी रहा. आख़िर उसका झरना बंद हुआ तो डिज़िल्वा ने कहा
‘चलो अब बेडरूम में चलते हैं’ डिज़िल्वा ने अपना लंड मा की चूत के अंदर ही रखा और मा को उठा के खड़ा हो गया. उसका लंबा लंड मा की चूत में था, एक हाथ उसका मा की गान्ड पे और दूसरा हाथ मा के पीठ पे था. मा ने गिरने के डर से अपनी दोनो टाँग और हाथ से डिज़िल्वा को जाकड़ लिया था. डिज़िल्वा ऐसे ही मा को उठा के बेडरूम मे पहुँच गया.
बेडरूम में जा के डिज़िल्वा ने बिस्तर पे मा की ज़ोरदार चुदाई फिर से चालू कर दी. अपना पूरा लंबा लंड वो मा की चूत में अंदर बाहर कर रहा था. वो अब झरने के करीब था और इसके वजह से उसने चुदाई की रफ़्तार बहुत तेज़ करदी थी. इससे मा को भी बहुत मज़ा आ रहा था. डिज़िल्वा ने अपना मूह झुका के मा के होंठो पे अपने होंठ लगा दिए और मा को चूमने लगा.
‘अपनी जीब बाहर निकाके किस कर मुझे’ डिज़िल्वा ने मा को कहा. मा ने उसकी बात मान अपनी पूरी जीब बाहर निकाल दी. डिज़िल्वा ने भी अपनी जीब आगे कर के मा की जीब पे उसको रगड़ना शुरू कर दिया. इस तरह से किस कर के मा और उत्तेजित हो गयी और फिर से झरने लगी. देसील्वा का भी अब झरना शुरू हो गया ‘आआअहह…. आआआआआआआहह’
दोनो इसी तरह तीन चार मिनिट तक ज़ोर से चुदाई करते रहे और झरते रहे. आख़िर दोनो का झरना बंद हुआ. डिज़िल्वा ऐसे ही अपना लंड मा के अंदर रख के उसके उपर लेट गया. दोनो ज़ोर से साँसें ले रहें थे. कुछ देर बाद डिज़िल्वा मा के उपर से हट के उसके बगल में लेटके सो गया, मा भी ऐसे ही खुश हो के सो गयी.
सुबह होने तक डिज़िल्वा ने मा को रात में दो बार और चोदा. दोनो सुबह 11 बजे तक सोते रहे. फिर मा की आँख खुली और वो शवर करने गयी, डिज़िल्वा उठ कर उसके पीछे पीछे बाथरूम में चला गया और वहाँ जाके मा को खड़े खड़े पीछे से एक और बार चोदा. आख़िर दुपेहर का लंच करके डिज़िल्वा चला गया. जाते जाते मा ने उससे रात को फिर से आने की विनती की. डिज़िल्वा समझ गया था कि मछली जाल में फस गयी हैं.
डिज़िल्वा की तो जैसे लॉटरी ही लग गयी थी. उसने अब हर रोज़ मा को मिलना शुरू कर दिया. रोज़ रात वो मा की जम कर चुदाई करता. मा का जीवन तो अब आनंद से भर गया था. डिज़िल्वा भी इतनी खूबसूरत औरत की चुदाई करके बहुत मज़े ले रहा था. डिज़िल्वा को औरत को ज़लील करके चोदने में बहुत मज़ा आता था और मा को ज़लील हो कर चुदने में मज़ा आता था. दोनो जैसे एक दूसरे के लिए बने थे. कुछ ही दिनो में, मा और डिज़िल्वा की गहरी दोस्ती हो गयी. में फार्महाउस पर अपनी दसवी की पढ़ाई कर रही थी. मा के साथ फोन पे बात करके में जान गयी थी कि मा और डिज़िल्वा में दोस्ती हो गयी हैं, मा डिज़िल्वा की तारीफ करने से थकती नही थी, पर मुझे ये पता नही था कि दोनो सारे वक़्त चुदाई कर रहे थे. मुझे मा और डिज़िल्वा की दोस्ती पे बहुत गुस्सा आ रहा था. में नहीं चाहती थी कि मा, देसील्वा जैसे गिरे हुए आदमी से दोस्ती रखें.
एग्ज़ॅम शुरू होने के कुछ दिन पहले में वापस घर आ गयी. में घर में आई तो देखा कि डिज़िल्वा हमारे घर पे था, मा उपर के बेडरूम में आराम कर रही थी.
‘तुम यहाँ क्या कर रहे हो’ मैने डिज़िल्वा से पूछा. उसको देख के मुझे गुस्सा आ गया था.
डिज़िल्वा ने मुस्कुरा के कहा ‘तुम्हारी मा से मिलने आया था, आज कल हम रोज़ मिलते हैं’
‘मा कहाँ हैं’
‘वो उपर आराम कर रही हैं’
‘देखो तुम मेरी मा से मिलना बंद करदो, वरना में उसको बता दूँगी कि तुम कैसे आदमी हो’
‘तुम्हारी मा को बहुत अच्छी तरह पता हैं कि मैं किस तरह का आदमी हूँ, तुझे क्या लगता हैं हम रोज़ मिलके क्या करते हैं, तेरी मा मुझसे और मेरे लंड को अच्छी तरह से जान गयी हैं’ डिज़िल्वा ने हँसते हुए कहा.
‘देखो मेरी मा के बारे में ऐसी गंदी बातें मत करो’
‘यकीन नही होता तो ऐसा कर, पाँच मिनिट रुक के उपर आजाना और देखना मैं और तेरी मा क्या कर रहें हैं’ ऐसा कह के डिज़िल्वा उपर चला गया.
मुझे यकीन नही हो रहा था कि मा डिज़िल्वा जैसे आदमी के साथ सेक्स कर सकती हैं. पाँच मिनिट रुक के में उपर गयी और मैने मा की बेडरूम का दरवाज़ा धीरे से थोड़ा खोलके अंदर देखा. अंदर का नज़ारा देख में दंग रह गयी. अंदर डिज़िल्वा पूरा नंगा बिस्तर पे लेटा हुआ था. उसका मोटा काला लंड पूरा खड़ा था. मा उसके उपर लेटी हुई थी, उसकी चूत में डिज़िल्वा का लंड था और वो अपनी गान्ड उपर नीचे कर रही थी. मा की गोरी गान्ड मुझे दिखाई दे रही थी, उसका चेहरा दूसरी तरफ था और वो ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी.
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