RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
डिज़िल्वा नंगा मा के पास जा के खड़ा हो गया. डिज़िल्वा का लंबा लंड उसके चेहरे से दो इंच दूर था.
मा ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी और डिज़िल्वा के लंड को देखती रही.
‘और कितना देखोगी बहेनजी, अब चूसने का वक़्त हैं’ डिज़िल्वा ने कहा.
पिताजी के मरने से पहले मा उनके साथ काफ़ी सेक्स करती थी लेकिन तब भी मा ने कभी उनका लंड मूह में नही लिया था. लेकिन पिताजी का लंड था सिर्फ़ 6 इंच का और उतना मोटा भी नही था. डिज़िल्वा का लंड अपने चेहरे के इतने नज़दीक पा कर मा का मूह अपने आप खुल गया और जीब बाहर निकल गयी. इस मोटे लंड को वो चखना चाहती थी.
मा नें अपनी जीभ पूरी बाहर निकालके डिज़िल्वा का लंड पूरा नीचे से उपर तक चाटना शुरू कर दिया. मा का सारा बदन गरम हो गया था. उसने लंड को मूह में ले के चूसना शुरू कर दिया. उसको डिज़िल्वा के लंड का स्वाद बहुत अछा लग रहा था.
डिज़िल्वा ने मा के सर पे हाथ रख उसको और नीचे धकेला और मा का मूह अपने बड़े बॉल के नज़दीक ला दिया.
‘मेरे बॉल को चूसो’ जैसा डिज़िल्वा चाहता था, मा अब डिज़िल्वा की पूरी गुलाम बन गयी थी. उसने डिज़िल्वा के बॉल को चूसना और चाटना शुरू कर दिया. दो तीन मिनिट तक बॉल चूसने के बाद माँ ने अपनी जीब फिर से उपर कर के डिज़िल्वा का लंड चाटना शुरू कर दिया.
डिज़िल्वा ने मा के बाल दोनो हाथो से पकड़ के ज़ोर से खीच लिए.
‘किसने कहा बॉल पे से मूह हटाने को’
‘आऐईयईईई…’ मा डिज़िल्वा के इस बर्ताव से चोंक गयी. पर पता नहीं क्यूँ मा को ये अछा भी लगा. असल में इतने साल बिज़्नेस और घर पे दूसरे मर्दो को ऑर्डर करते करते मा को किसी मर्द के हाथो इस्तेमाल होने पे अच्छा लग रहा था.
‘साली, मैने कहा मेरे बॉल चाट’ डिज़िल्वा ने अपने बॉल मा के मूह पे लगा के ज़ोर्से घिसने लगा.
डिज़िल्वा कुछ देर तक ऐसे ही मा के बाल पकड़ के उसके मूह को अपने बॉल पे दबा के रखा और अपनी गांद हिला हिला के अपने बॉल को मा के चेहरे पे रगड़ता रहा.
डिज़िल्वा ने अब अपना एक पैर उठा के मा के छाती पे रख के मा को पीछे धकेल दिया. मा ज़मीन पे गिर पड़ी. मा को अब डिज़िल्वा के लंड की प्यास पागल बना रही थी. ज़मीन पे लेट के वो डिज़िल्वा का मोटा लंबा लंड देख रही थी. डिज़िल्वा वही पे खड़ा रहा. मा ने अपनी साड़ी उपर करदी.
‘प्लीज़ अब मुझसे रहा नही जाता’
डिज़िल्वा ने उसकी पैंटी देखी. मा की सफेद पैंटी अब पूरी गीली हो गयी थी. डिज़िल्वा ने अपना पैर आगे कर के अपने पैर का अंगूठा मा की चूत पे रख दिया
‘बहुत गीली हो गयी हैं तुम्हारी पैंटी’ ऐसा कह के डिज़िल्वा ने अपने अंगूठे को मा की चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया. मा के बदन में एक करेंट सा फैल गया.
मा के मूह से सिसकारी निकल रही थी ‘आअहह…. प्लीज़ मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता, और मत छेड़ो मुझे’
डिज़िल्वा अंगूठा मा की चूत पे घिसता रहा ‘अगर तुम मुझे कहोगी नही तो मुझे पता कैसे चले गा कि तुम्हे क्या चाहिए’
‘प्लीज़ मुझे तुम्हारा …. चाहिए’ मा ने लंड की ओर इशारा करते हुए कहा
‘मेरा क्या ?’ डिज़िल्वा जान बूझ कर मा को छेड़ रहा था.
‘तुम्हारा लंड, मुझे तुम्हारा लंड चाहिए’ मा ने डिज़िल्वा से विनती की.
डिज़िल्वा भी अब चुदाई करने के लिए बेताब था. वो ज़मीन पे मा के पैरों के बीच बैठ गया और एक झटके से मा की पैंटी को खीच के निकाल दिया.
‘प्लीज़ थोड़ा धीरे से, मुझे कई साल हो गये हैं ऐसा करे हुए’ मा ने कहा. डिज़िल्वा के मोटे लंड से वो थोड़ी घबरा रही थी.
डिज़िल्वा अपना लंड चूत पे रख के उपर नीचे रगड़ने लगा. मा इतनी उतेज़ित हो गयी कि वो क़िस्सी भी वक़्त झर सकती थी. डिज़िल्वा ने आख़िर अपने लंड मा की चूत पे रख एक तगड़ा झटका मारा. उसका लंड मा की चूत में 4 इंच तक घुस गया. इतनी गीली होने के बावजूद मा की चूत को इतनी टाइट पा के डिज़िल्वा चोंक गया. मा इतनी उतीजित हो गयी थी की अपनी चूत में लंड के एहसास से उसका झरना शुरू हो गया. ‘आआआआअहह….. आआआआहह……’ करके मा का झरना शुरू हो गया. उसकी चूत डिज़िल्वा के लंड के उपर सिकुड रही थी. इससे डिज़िल्वा को मज़ा आ रहा था.
‘साली इतनी जल्दी झरने लगी ? तू तो एक नंबर की रांड़ हैं’ ऐसी बात सुन कर मा का झरना और बढ़ गया, आज तक सारे मर्द उससे मेडम या मेम्साब ही कहते थे और यहाँ डिज़िल्वा ने उसको रांड़ कह दिया. डिज़िल्वा ने मा को 4 इंच तक ही चोदना जारी रखा मा ज़ॉरो से झर रही थी. चार पाँच मिनिट तक मा झरती रही फिर आख़िर उसका झरना बंद हुआ. डिज़िल्वा सारे वक़्त उससे 4 इंच तक चोदता रहा.
‘मज़ा आया’ डिज़िल्वा ने मा को पूछा. मा के चेहरे पे संतुष्टि की मुस्कान थी.
‘अब असली चुदाई शुरू करते हैं’ ऐसा कह के डिज़िल्वा ने एक ज़ोरदार झटका मारा. उसका पूरा 10 इंच का मोटा लंड मा की चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया.
‘आऐईयईईईईई…..’ मा के मूह से चीख निकल पड़ी. ‘प्लीज़ निकालो, ये बहुत बड़ा हैं’. डिज़िल्वा कुछ सुनने को तैयार नही था. मा की चूत को इतनी टाइट पा के वो खुश हो गया था. मा की चूत ने उसके लंड को जैसे जाकड़ लिया था. ‘बाहर निकालु ? अभी तो में शुरू हुआ हूँ मेरी जान’ ऐसा कह के डिज़िल्वा ने अपने लंड मा की चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. डिज़िल्वा को मा की टाइट चूत को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था वो सोच रहा था ‘इसकी चूत तो इसकी बेटी जितनी टाइट हैं’
पाँच मिनिट ऐसे चुदाई का मज़ा लेने के बाद मा का दर्द कम हो गया था और उसके बदन में फिर से गर्मी बढ़ने लगी थी. डिज़िल्वा लगातार मा की चूत मैं अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था. मा को यकीन नहीं हो रहा था कि चुदाई में इतना मज़ा आ सकता हैं. वो अब जन्नत में पहुच गयी थी, अपनी गांद उछाल उछाल के डिज़िल्वा का लंड ले रही थी और ‘आआआअहह…. आआआहह…’ की आवाज़ निकाल रही थी वो अब दूसरी बार झरने वाली थी.
डिज़िल्वा मा को इस तरह देख खुश हो गया था. चुदाई का मज़ा लेते लेते मा की साड़ी सरक के साइड पे हो गयी थी और अब वो सिर्फ़ अपनी ब्लाउस पहने हुई थी. डिज़िल्वा को मा के बूब्स चूसने का मन हो रहा था. उसने अपना हाथ आगे कर के मा का ब्लाउस और ब्रा ज़ोर से खीच के फाड़ दिया. अगले ही पल डिज़िल्वा ने मा के बड़े बूब्स दोनो हाथो से मसल्ने लगा. उसने झुक के एक बूब को अपने मूह मे ले ज़ोर से चूसने लगा. सारे वक़्त वो मा को चोदता जा रहा था. मा ऐसे अपनी बूब की चुसाइ झेल नही पाई और उसका झरना फिरसे शुरू हो गया
|