RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
सेक्स की पुजारन पार्ट- 9
गतान्क से आगे.............
चार घंटे तक मेरी चुदाई सुनते सुनते डिज़िल्वा ने ठान लिया था की वो मुझे ज़रूर चोदेगा. उपर से मेने हेसियत की बात करके उससे गुस्सा दिला दिया था. में अब डर गयी थी की डिज़िल्वा अपने लंड से मेरा क्या हाल करेगा.
‘बहुत नखरे दिखाती हैं. जेंट्स टाय्लेट में अंजान मर्द का लंड चूस्ति हैं और फिर हसियत की बात करती हैं’
यह कह कर वो नीचे मेरी टाँगो के बीच में बैठ गया. मेरे सारे बदन में दर्द था और मुझे गुस्सा भी बहुत था लेकिन फिर भी ऐसे तगड़े लंड को देख मेरा मन उछाल रहा था. अब डिज़िल्वा पूरा नंगा था और ज़मीन पे बैठा था. उसने मेरे दोनो हाथों को अपने एक हाथ से पकड़ उपर कर लिया. मैं अब ज़मीन पर बैठी थी, डिज़िल्वा ने मेरे दोनो हाथ मेरे सर के उपर पकड़ के रखे थे और मेरे नंगे जिस्म को देख रहा था.
‘चार घंटे से तेरी चुदाई सुन के लंड से खेल रहा था मैं, अब तुझे चोद चोद के अपनी भाड़ास निकालूँगा’
उसने मुझे ज़मीन पे धक्का मार के लेटा दिया. उसने मेरे पैर फैला कर उसका लंड मेरी चूत पे रख एक ज़ोरदार झटका दिया. उसका लंड चीरते हुए पूरा मेरी चूत में घुस गया. में ज़ोर से चीख पड़ी ‘आआईयईई... प्लीज़ निकालो इसे. बहुत बड़ा हैं’.
‘अब में तुझे दिखा ता हूँ तेरी हेसियत. साली रांड़’
उसने अब एक जंगली जानवर के जैसे मुझे ज़ोर ज़ोर सेचोदना शुरू कर दिया. उसकी आँखों में बहुत गुस्सा था. वो झुक कर मेरा एक बूब अपने मूह मे लेकर उसे अपने दातों से काटने लगा. में और चीख पड़ी. ‘आाआईयईईई.... रहम करो में माफी मांगती हूँ’ मैने कहा. पर वो कुछ सुनने को तैयार नही था. वो लगातार ज़ोर से धक्के लगाता रहा और में चिल्लाति रही. कुछ देर बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होता गया और मज़ा बढ़ता गया. मेरी चूत में फिर से गर्मी बढ़ गयी.
मुझे अब डिज़िल्वा के ज़ोरदार धक्के में मज़ा आने लगा. में भी अपनी गांद उछाल उछाल के उसके धक्के का जवाब देने लगी.
‘अब मज़ा आ रहा मेरी रांड़’ डिज़िल्वा ने कहा. मेने कुछ नहीं कहाँ. मुझे गुस्सा आ रहा था कि मैं अपने आप पे काबू रख नही पा रही थी और अपने जिस्म की भूक की गुलाम हो गयी थी.
अचानक डिज़िल्वा ने धक्के मारना बंद कर दिया. मेरे मूह से ‘प्लीज़ अब मत रोको’ निकल गयी.
‘क्यूँ’
‘क्यूंकी मुझे मज़ा आ रहा हैं’ मुझे ऐसा कहने में बहुत शरम आ रही थी.
‘क्या करने में मज़ा आ रहा हैं ?’
में कुछ नहीं बोली. डिज़िल्वा ने तब कहा ‘अगर लंड से चुदवाने में मज़ा आता है तो बोलो मुझे तुम्हारा लंड चाहिए’
‘मुझे तुम्हारा लंड चाहिए’ मैने दबी हुई आवाज़ मैं कहा.
वो जान भुज कर मुझे ज़लील करना चाहता था.
‘मुझे सुनाई नही दिया, ज़ोर से बोल’
मैने फिर से कहा ‘मुझे तुम्हारा लंड चाहिए’ मैने ज़िंदगी में कभी ऐसी गंदी बातें नही कही थी.
उसने अब धीरे से मुझे चोदना शुरू कर दिया. ‘ज़ोर से करो प्लीज़’ मैने कहा
‘क्यूँ तू रंडी है क्या कि तुझे ज़ोर से चुदवाना हैं’
में कुछ नहीं बोली तो उसने चोदना फिर से बंद कर दिया.
में समझ गयी की वो क्या सुन ना चाहता हैं. ‘हां हां में रांड़ हूँ मुझे ज़ोर से चोदो’ मैने कहा.
ये सुनकर उसने फिर से चोदना शुरू कर दिया.
‘यह हुई ना बात, जब तक तू यह बोलती रहेगी में तेरी चुदाई चालू रखूँगा. और धीरे से नहीं चिल्ला कर बोल’
मुझे उसके मोटे लंड से ज़ोर से चुदवाने की बहुत तलब हो गयी थी. मेरा दिमाग़ ने अब काम करना बंद कर दिया था.
मैने अब चिल्ला चिल्ला कर उसे सुनना था वो बोलने लगी.
‘चोदो मुझे अपने लंड से’. उसने यह सुनकर ज़ोरदार झटके मारना शुरू कर दिया
में ज़ॉरो से सिसकियारी भर रही थी ‘आआआआआहह......आआआआआअहह’ और सिसकियारीओं के बीच में गंदी बातें कर रही थी
‘तू मेरी रांड़ हैं समझी’
‘हां आआअहह...... चोदो मुझे..... चोदो अपनी रांड़ को..... आआअहह’
‘मज़ा आ रहा हैं मेरा लंड ले के’ डिज़िल्वा हरेक धक्के पे लगभग पूरा लंड बाहर निकाल के उसे फिर से अंदर घुसेड रहा था.
‘आआआआहह..... आआआआआआअहह. .... गधे जैसा लंड हैं तुम्हारा बहुत मज़ा आ रहा हैं. और ज़ोर से चोदो मुझे’
आधे घंटे तक हम ऐसे ही ज़ोरदार चुदाई करते रहें और में ऐसी गंदी बातें करती रही. हम दोनो का सारा बदन पसीने से लत पथ हो गया था.
में अब झरने के बहुत करीब आ चुकी थी. डिज़िल्वा भी झरने वाला था.
वो अब पूरे ज़ोर से मेरी चुदाई करने लगा. चार घंटे हिलाते हिलाते डिज़िल्वा के बॉल पूरे भर गये थे और अब वो सारा वीर्य मुझ में निकालने वाला था.
‘आआअहह.........आआआआआआआहह साली गटर की रांड़. यह ले मेरा पानी’ यह कह के उसने अपना वीर्य मेरी चूत में निकालना शुरू कर दिया.
‘आआआआहह...... हां में गटर की रंडी हूँ, निकाल दो अपना पानी मेरी चूत में... आआआआहह....’ मेरा भी झरना शुरू हो गया था. हरेक धक्के पे डिज़िल्वा के लंड से ढेर सारा वीर्य निकल रहा था. हम दोनो 5 मिनिट तक यूँ ही कुत्तों की तरह चोद्ते रहें और झरते रहे. डिज़िल्वा ने इतना सारा वीर्य निकाला की वो अब मेरी चूत से बह कर बाहर आ रहा था और हरेक धक्के पे ‘चुप चुप’ की आवाज़ आ रही थी. वीर्य निकालते निकालते डिज़िल्वा का लंड झटके खा रहा था और उससे मुझे और मज़ा मिल रहा था. आख़िर हम दोनो का झरना बंद हुआ. डिज़िल्वा अपना लंड धीरे से अंदर बाहर करता रहा. हम दोनो ज़ोर से साँसें ले रहे थे. डिज़िल्वा का लंड अभी भी झटके खा रहा था. में इतनी ज़ोर से झार गयी थी की मेरा सारा बदन अभी भी काँप रहा था. मुझे डिज़िल्वा के लंड से प्यार तो पहले से ही हो गया था, पर अब तो में इस लंड की गुलाम हो गयी थी. डिज़िल्वा मुझ पर पूरा लेट गया था. धीरे धीरे उसका लंड मेरी चूत में ही छोटा हो रहा था.
आख़िर उसने अपना लंड बाहर निकाला और खड़ा हुआ.
‘तुम्हारा लंड तो कमाल हैं’ मैने शरमाते हुआ कहा.
‘सच कहता हूँ मानसी. सारी ज़िंदगी में आज तक तेरे जैसी सेक्सी लड़की नही देखी और नही तेरे जैसी रांड़. चल अभी में चलता हूँ फिर मिलेंगे. तू थोड़ा आराम कर और ये ले अपने मूह में’ डिज़िल्वा ये कह के मेरे पास में पड़ी मेरी गीली पॅंटी को मेरे मूह में ठूंस दिया. सारी पॅंटी मेरे मूह में ठूंस दी और खड़ा हो के वहाँ से चला गया.
में अब होटेल की ज़मीन पर अकेली पड़ी थी. मेरा सारा बदन इतनी सारी चुदाई से दर्द कर रहा था. में किसी भी तरह खड़ी हो कर शीशे के सामने आ गयी. शीशे मैं मेने अपनी हालत को देखा. मेरे बाल बिखरे हुए थे मेरे चेहरा पूरा लाल हो गया था मिस्टर वेर्मा की गांद के रगड़ने से, मेरी गांद और चूत से अभी भी वीर्य निकल रहा था और मेरे पैरों से बह कर नीचे जा रहा था, मेरे बदन के दूसरी जगह पे वीर्य सूख चुक्का था और मुझे सूखे हुए वीर्य की बास आ रही थी और मेरे मूह में मेरी पॅंटी थुसि हुई थी.
मेरे सारे बदन में दर्द था जो अगले दिन थोड़ा कम हो गया लेकिन सिवाय मेरी गांद का. मिस्टर शर्मा ने मेरी छोटी सी गांद की ऐसी हालत की थी की मुझे चलने में और बैठने मैं तकलीफ़ हो रही थी. मैने बुखार का बहाना बना के कुछ दिन स्कूल जाना बंद कर दिया और डॉक्टर से दर्द की दवाई लेने लगी. एक हफ्ते बाद मेरा दर्द कम हो गया और में स्कूल जाने के काबिल हो गयी. सारे हफ्ते मुझे सिर्फ़ डिज़िल्वा का लंड ही दिमाग़ में आ रहा था. में अब उस लंड की गुलाम हो गयी थी.
अगले दिन से में स्कूल जाने लगी. जब में स्कूल से घर जा रही थी तो मेने देखा के बाहर डिज़िल्वा खड़ा था. पर में अपनी कुछ सहेलिओं के साथ थी इसलिए उसने कुछ नही कहा और चुप चाप मेरे पीछे चलता रहा. थोड़ा चलने के बाद मैने सहेलिओं को बहाना बनाया की में स्कूल में किताब भूल गयी और पीछे रह गयी और उनको आगे जाने दिया. अब डिज़िल्वा मेरे बगल में आ गया और मुझे खीच के एक पास वाले मकान के पीछे ले गया. मकान पुराना सा और बंजर था और उसमे कोई नही रहता था.
उसने मुझे बाहो में जाकड़ लिया और कहा ‘कैसी हो जानेमन, इतने दिनो से कहा थी, मेरी चुदाई से मज़ा आया ?’
मैने कुछ नही कहा. उसने मेरे बाल खीच लिए जिस से मेरा सर उपर हो गया और वो मेरे गले को चूमने और चाटने लगा. में ‘आआअहह….. सस्स्स्स्स्स्सस्स……. ’ करके सिसकियारी भर रही थी.
अब उसने मेरा हाथ पकड़ के मोड़ दिया. में दर्द से ‘आआईयईईई…’ कर के घूम गयी. मेरे घूमने पे उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और अपनी ओर खीच लिया. दोनो हाथ उसके मेरे बूब्स पे थे और वो उनको मसल रहा था. उसने मुझे कस के पकड़ा था और अपना लंड मेरी गांद पे घिस रहा था. मुझे उसका लंड धीरे धीरे खड़ा होते महसूस हो रहा था. दो मिनिट में उसका लंड एक दम खड़ा हो गया था. वो अपनी जीब निकाल साइड से मेरे गले और गालो को चाट रहा था. मैने अपना सर मोड़ दिया और उसकी बाहर निकली मोटी जीब को अपने होंठो के बीच ले कर चूसने लगी.
डिज़िल्वा सोच रहा था की कैसे मैं अब कुछ भी कहे बिना उसके साथ सेक्स करने लगी थी. ऐसी सोलह साल की जवान लड़की, वो भी इतने उचे घराने की. उसने ज़िंदगी में इतनी खूबसूरत लड़की नहीं देखी थी बिल्कुल कटरीना कैफ़ जैसी. और अब वो लड़की वो जब चाहे इस्तेमाल कर सकता था उसे अपने नसीब पे विश्वास नहीं हो रहा था.
डिज़िल्वा अब अपना एक हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर ले कर मेरी पॅंटी को नीचे उतार ने लगा. उसने मेरी पॅंटी मेरे घुटनो तक उतारी और फिर अपनी उंगलियाँ मेरी चूत पे लगा दी. दूसरे हाथ से उसने अपनी पॅंट का बटन खोल दिया. उसका पॅंट नीचे गिर पड़ा. उसने मेरा स्कर्ट उठा के अपना लंड मेरे गांद पे लगा दिया और रगड़ना शुरू कर दिया. सारे वक़्त में अपने होंठो से उसकी पूरी जीब को चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. डिज़िल्वा ने अपनी बीच वाली उंगली ले कर मेरी चूत में डाल दी. उसका लंड के मेरी गांद पे महसूस करके मेरे बदन में सनसनी फैल गयी. मैने ब्रा नहीं पहनी थी और डिज़िल्वा मेरी शर्ट के उपर से ही मेरा एक निपल अपनी उंगलियो के बीच ले कर उससे मसल्ने लगा. में पागल हो रही थी. उसका गरम विशाल लंड मेरे गांद पे रगड़ रहा था. में झरने के बहुत करीब आ गयी थी. डिज़िल्वा को पता चल गया था और अब उसने और एक उंगली मेरी चूत में डाल दी और अपनी दोनो उंगलियाँ पूरी मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा और साथ ही मेरे निपल को भी ज़ोर से खीचता रहा. मेरा झरना शुरू हो गया. में अपनी गांद ज़ोर से आगे पीछे करने लगी. मेरा सारे बदन में सनसनी फैल रही थी. में ज़ोर से डिज़िल्वा को चूम रही थी और ‘म्म्म्ममममम……. ……म्म्म्मममममम………’ की आवाज़े मेरे मूह से निकालते हुए झार रही थी. डिज़िल्वा अपने हाथ से मेरा बूब दबा रहा था और अपनी उंगलियो से मेरे निपल मसल के खीच रहा था. दो तीन मिनिट तक में ऐसे ही झरती रही. आख़िर मेरा झरना ख़तम हुआ.
‘अब मेरी बारी’ ये कह के उसने मुझे उसकी तरफ घूमा दिया और नीचे झुक के मेरी शर्ट के उपर से ही मेरे बूब को मूह में ले के चूसने लगा. एक के बाद दूसरा, वो पागल की तरह मेरे दोनो बूब्स को चूस रहा था. मेरा शर्ट उसके थूक से गीला हो गया था और मेरे बूब्स से चिपक रहा था. गीले शर्ट से मेरे निपल साफ दिखाई दे रहे थे
मैं ज़मीन पे घुटनो तले बैठ गयी. डिज़िल्वा का मोटा लंबा लंड मेरे सामने था. उसे देख मेरे मूह में पानी आ गया. मुझे उससे मूह में लेना था पर में डर रही थी कि वो अगर मेरे मूह को पूरे 10 इंच से चोदेगा तो में मर जाउन्गि. मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया. मैने अपना शर्ट निकाल दिया और उसका लंड मेरे दो बूब्स के बीच लगा दिया. डिज़िल्वा ने अपना लंड उपर नीचे करना शुरू कर दिया.
‘क्या बूब्स है तेरे मेरी जान आआआआहह’
डिज़िल्वा का लंबा लंड मेरे बूब्स के बीच रगड़ रहा था. में उसकी आँखो में आँखें मिला के देख रही थी
‘हाई क्या चिकनी हैं तू मेरी रानी’ मुझे ऐसे गंदी बातें सुन के अच्छा लग रहा था.
डिज़िल्वा का गरम लंड मेरे बूब्स के बीच रगड़ रहा था. 10 मिनिट तक वो मेरे बूब्स को ऐसे ही चोद्ता रहा. तभी मैने अपना सर नीचे की ओर मोड़ा और अपना मूह खोल दिया और डिज़िल्वा के लंड का उपर का हिस्सा अपने मूह में ले लिया. मेरे बूब्स चोद्ते चोद्ते डिज़िल्वा के लंड का उपर का हिस्सा मेरे मूह के अंदर बाहर हो रहा था. मेरा ऐसा करने से डिज़िल्वा से रहा नही गया और वो झरने लगा
‘हाई तू तो पूरी रांड़ बन गई हैं आआआआहह…. ये ले आआआअहह…’ करके उसने अपना वीर्य निकालने लगा. वो मेरे बूब्स को ज़ोर से दबा रहा था और अपना लंड तेज़ी से उपर नीचे कर रहा था
उसके लंड से इतना वीर्य निकला कि मुझे यकीन नहीं हो रहा था. इतना सारा वीर्य तो मिस्टर शर्मा और वेर्मा ने मिलके भी नहीं निकाला था. इतनी तेज़ी से वीर्य निकल रहा था की मुझे पिया नही जा रहा था और मेरे मूह से थोड़ा वीर्य निकल कर मेरे बूब्स पे गिर रहा था. डिज़िल्वा चार पाँच मिनिट तक वीर्य निकालता रहा और झरता रहा. मेरे बूब्स भी मेरे मूह से गिरे वीर्य से गीले हो गये थे. आख़िर उसका झरना ख़तम हुआ और उसने अपनी पॅंट चढ़ा ली. मैं अपने बूब्स और गले से वीर्य सॉफ करने लगी. तब वो बोला
‘सुन ऐश्वर्या का नाम सुना हैं तूने’
‘हां ऐश्वर्या राई का नाम किसने नहीं सुना’
‘तू जानती हैं उसे मर्द नहीं पर लड़कियाँ ज़्यादा पसंद हैं ?’
‘तुम्हे कैसे पता’
‘अरे मेरा तो काम ही ये हैं. मैने उसके लिए कई लड़कियों का इंतज़ाम किया हैं. तूने कभी दूसरी लड़की के साथ सेक्स किया हैं’
‘नहीं’
‘ऐश्वर्या के साथ सेक्स करेगी’
अरेरेरेरेरे भाई ये क्या कह रहा है क्या वास्तव मे ऐश्वर्या राय मेरा मतलब ऐश्वर्या बच्चन को मर्द नही लड़कियाँ पसंद है सेक्स के लिए दोस्तो हमारी ये सेक्स की पुजारन क्या ऐश्वर्या के साथ मस्ती करेगी या डिसिल्वा वैसे ही लंबी लंबी फैंक रहा है ये जानने के लिए पढ़ते रहे सेक्स की पुजारन आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः..........
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