Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
11-11-2017, 12:10 PM,
#7
RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
सेक्स की पुजारन पार्ट- 7

गतान्क से आगे.............

मिस्टर वेर्मा ने अब मेरी पॅंटी के अंदर हाथ डाल दिया था और मेरी चूत को उपर उपर से सहला रहे थे. उनकी उंगलियाँ और मिस्टर शर्मा की बातें से में बहुत गरम हो रही थी.

‘तुम्हारा कप साइज़ क्या हैं बेटी’

‘जी डबल डी’

‘वाह बहुत खूब. हमे दिखाओ गी ?’ यह कह के मेरे जवाब देने से पहले उन्होने मेरे बटन फटाफट खोल दिए और मेरा शर्ट खोल दिया. मैने ब्रा नहीं पहनी थी मेरी शर्ट के खुलने से मेरे बूब्स दोनो के सामने आ गये. दोनो की आँखों में चमक आ गयी. कुछ कहे बिना ही दोनो मेरे बूब्स पे टूट पड़े. दोनो बूढ़े मेरे बूब्स को ज़ोर से चाटने और चूसने लगे. उनके मूह से ‘स्ल्ल्ल्ल्लर्र्र्र्र्र्र्र्रप्प्प्प्प्प... स्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लर्र्र्र्र्र्र्र्रप्प्प्प्प्प्प’ की आवाज़े आ रही थी, मेरे दोनो बूब्स उनकी थूक से पूरे गीले हो कर चमक रहे थे. बीच बीच में वो मेरे निपल को दांतो तले काट लेते तो मेरे सारे बदन में करेंट दौड़ जाता. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने अपने हाथ बढ़ा कर दोनो के पॅंट के उपर से उनके लंड को पकड़ खिच ने लगी. उन्होने तुरंत अपना मूह मेरे बूब्स से हटाए बिना अपनी पॅंट उतार दी.

मैं दोनो के लंड देख के खुश हो गयी. लंड 8 इंच लंबे और मोटे थे बिल्कुल टीचर के लंड जैसे और पूरे टाइट हो कर खड़े हुए थे. दोनो के लंड के बाल पूरे सफेद थे. लंड पर भी काफ़ी झुर्रियाँ(रिंकल्स) थी. मुझे ये लौडे देख के बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे दोनो लंड अपने मूह में लेके चूसने का मन कर रहा था. मैने दोनो लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया. वो दोनो मेरे बूब्स को पागल कुत्तों की तरह नोच रहे थे. मिस्टर वेर्मा मेरी पॅंटी निकाल कर मेरी चूत में अब दो उंगलियाँ डाल कर अंदर बाहर कर रहे थे. उनकी उंगलियाँ मेरी चूत में और दोनो के होठ और जीब मेरे बूब्स पे मुझे दीवाना बना रहा था और में झरने के बहुत करीब थी. अचानक मैने मिस्टर वेर्मा का लंड और ज़्यादा सूजता महसूस किया, वो झरने वाले थे. मैं उनका लंड पूरी ज़ोर से हिलाने लगी, उनके लंड से पानी फव्वारे की तरह निकलना शुरू हो गया. लंड से बहुत सारा पानी निकल रहा था, उनका पूरा लंड और मेरा हाथ गीला हो गया था, धीरे धीरे पानी नीचे बह कर उनके बल्ल को भी पूरा गीला कर दिया. सारे वक़्त उन्होने मेरी चूत में उंगलियाँ हिलाना ज़ारी रखा था अब में झरने के बिल्कुल पास थी. यहा मिस्टर शर्मा भी झरने वाले थे. उन्होने मेरा हाथ उनके लंड से अलग कर दिया और मेरे सामने खड़े होकर अपना लंड मेरे चेहरे के नज़दीक लाकर ज़ोर से उसे हिलाने लगे. में अब झार रही थी. मिस्टर वेर्मा ने तीसरी उंगली मेरी चूत में डाल दी और एक दम तेज़ी से उसे अंदर बाहर करने लगे. मेरे सारे बदन में सनसनी फेल गयी. मैं अपना मूह खोल कर ‘आआअहह.. आआआआआअहह’ करके सिसकियारी भर रही थी और ज़ोर से झार रही थी. उसी वक़्त मिस्टर. शर्मा भी झरने लगे ‘आआहह.... आआआआआआआआहह’ उनके लंड से वीर्य की मेरे चेहरे पे जैसे बारिश होने लगी. उनका वीर्य कुछ मेरे चेहरे पे और कुछ मेरे खुले मूह में गिर रहा था. में अभी भी झार रही थी और ये सारा वीर्य मुझ पर गिरने से में और ज़ोरो से झरने लगी. मिस्टर शर्मा ने ढेर सारा वीर्य मेरे चेहरे पे निकाल दिया. अब वो पूरा झार गये थे और अपने लंड को धीरे धीरे हिला रहे थे. में भी झार चुकी थी. मेरे झार जाने के बाद भी मेरा सारा बदन कपकपा रहा था.

मिस्टर शर्मा के लंड से इतना वीर्य निकला के मेरा सारा चेहरा गीला हो गया और मेरे मूह में भी काफ़ी वीर्य पड़ गया था. मेने मेरे मूह के अंदर के वीर्य एक घुट में पी लिया और शर्मा जी के लंड पे जो थोड़ा वीर्य चिपक के रह गया था उसे मैने अपनी जीब निकाल कर चाट चाट कर सॉफ कर लिया. मिस्टर वर्मा ने मुझे लंड चाट ते देखा और कहा ‘तुम तो बहुत सेक्सी हो बेटी, पर मेरा लंड तो पूरा वीर्य से गीला है. इसको भी चाट के सॉफ करदो’. यह कह कर वो मेरे सामने आ कर खड़े हो गये. उनका लंड अब पूरी तरह बैठ गया था. मैने उनके लंड को हाथ में ले के चाटना शुरू कर दिया. दो मिनूट मैं लंड का सारा वीर्य सॉफ हो गया. इसी दौरान मिस्टर शर्मा ने खड़े हो कर अपने सारे कपड़े उतार दिए थे. उन्होने मेरा शर्ट और स्कर्ट भी उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया. मिस्टर. वेर्मा ने कहा ‘अब मेरे बॉल से भी वीर्य सॉफ कर दो बेटी’

‘ठीक हैं’ मैने कहा

‘ज़मीन पर बैठों गी तो आसानी होगी’

में ज़मीन पर घुटनो तले बैठ गई. मिस्टर वेर्मा ने अपना एक पैर सोफा पर रख दिया ताकि मुझे उनके बॉल चाटने में आसानी हो. मैने जीब निकाल कर उनके बॉल चूमते और चाटते सॉफ करना शुरू कर दिया. मिस्टर शर्मा मुझे बॉल चाटते देख अपने लंड को हिला कर धीरे धीरे खड़ा कर रहे थे. मिस्टर. वेर्मा भी अपने लॉड को धीरे धीरे हिला कर खड़ा कर रहे थे. मेने चाटते हुए अब मिस्टर वेर्मा के बॉल सॉफ कर दिए और अपना सिर उपर किया. शर्मा जी और वेर्मा जी के लंड अब आधे खड़े हो गये थे.शर्मा जी ने मेरा स्कर्ट अपने हाथों में ले कर मेरे चेहरे से अपना वीर्य सॉफ कर दिया. दोनो ने अपने लंड मेरे चेहरे के नज़दीक ला कर मेरे गालो पर रगड़ने लगे. दो बड़े बड़े गरम लंड मेरे चेहरे पर एक साथ महसूस कर के मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने अपना मूह खोल के अपनी जीब पूरी बाहर कर दी. ‘लगता हैं बिटियाँ रानी को लंड चखना हैं’ यह कह के मिस्टर शर्मा ने अपना आधा खड़ा लंड मेरे मूह में दे दिया और में उसे मस्त होके चूसने लगी. मेरे चूसने से उनका लंड मेरे मूह मे मैने सुजता महसूस किया. एक ही मिनिट में लंड पूरा कड़क हो गया था. मैने उसे मूह से निकाल कर मिस्टर वेर्मा का लंड चूसने लगी. उनका भी लंड मेरे मूह में जाते ही सूजने लगा और पूरा टाइट हो गया.

अब दोनो के लंड पूरे टाइट हो गये थे. मिस्टर शर्मा ने तुरंत ही मुझे खड़ा कर लिया.

मिस्टर. वेर्मा को देखते हुए उन्होने कहा ‘अब हम बिटियाँ रानी की चुदाई करेंगे’.

उन्होने मुझे सोफा पर कुतिया की तरह बिठा दिया. और मेरे पीछे बैठ के मेरी चूत को चाटने लगे. इस तरह से चूत चटवा कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी चूत चाटते चाटते वो अपनी नाक मेरे गांद के छेद पे रगड़ रहे थे. में पागल हो रही थी मुझे अब अपनी चूत में लंड चाहिए था. में आँखें बंद कर के ‘आआअहह.... आआआआआहह’ कर रही थी . में मिस्टर शर्मा को मुझे चोदने को कहना चाहती थी पर मुझे शरम आ रही थी.

मिस्टर. शर्मा ने आख़िर चूत चाटना बंद कर दिया. मेरी चूत पूरी गीली हो गयी थी. उन्होने अपना लंड मेरी चूत के छेद पे रखा. मैने 8 इंच के लंड से सिर्फ़ एक बार चुदाई की थी उसके अलावा तो सिर्फ़ विवक के 4 इंच के लंड के साथ खेली थी. मैं भूल गयी थी कि मेरी छोटी सी चूत में 8 इंच का लंड जाने से कितना दर्द होता हैं. शर्मा जी ने एक ज़ोरदार धक्के से अपने आधा लंड मेरी चूत में डाल दिया. में चिल्ला उठी ‘आआऐईइ’. शर्मा जी ने अपने मोटे लंड से मुझे 4 इंच तक चोदना शुरू किया. दो मिनिट में ही मेरा दर्द चला गया और मुझे मज़ा आने लगा. ‘अब दर्द कम हुआ बेटी?’ शर्मा जी ने पूछा.

‘हां’

मैं सोच रही थी कि कितने आछे गेंटल्मन हैं कि मेरे दर्द का ख्याल रख रहे हैं. असल में वो सिर्फ़ इसलिए जानना चाहते थे ताकि वो और लंड घुसेड के मुझे और दर्द दे. मेरे हां कहते ही उन्होने और एक ज़ोरदार धक्का मारा और उनका पूरा लंड मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया. में दर्द से ज़ोर से चिल्ला बैठी ‘आआऐईईइ.....’. तभी मिस्टर. वेर्मा मेरे सामने आ गये और मेरे बाल पकड़ के मेरा सर उपर कर दिया और अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया. में अब ‘म्‍म्म्मममममम.. म्‍म्म्मममम’ कर चिल्लाने की कोशिश कर रही थी. मिस्टर. शर्मा अब मुझे लगातार धक्के लगा रहे थे.

‘आआअहह.. बहुत टाइट हो तुम बेटी आआआआअहह’

मिस्टर वेर्मा अपना पूरा लंड मेरे मूह में ठुसने की कोशिश कर रहे थे. मेरे बॉल पकड़ के उन्होने मेरा सर हिलने से रोक लिया था. आख़िर थोड़ी देर ज़ोर लगाने के बाद उनका पूरा लंड मेरे मूह में घुस गया. सारे वक़्त मिस्टर. शर्मा अपने तगड़े लंड से मेरी चूत को चोद रहें थे. मेरा दर्द अब कम होने लगा. मुझे डॉग्गी स्टाइल में चुदाई का अब बहुत मज़ा आ रहा था. पूरे 8 इंच का लंड मेरे अंदर बाहर हो रहा था इससे मुझे पता चला कि विवेक से चुदाई कर के मैने भूल की थी. मेरा चूत का दर्द अब बिल्कुल चला गया था और ज़िंदगी में पहली बार असली चुदाई का मज़ा आ रहा था. मिस्टर वेर्मा मेरे मूह को ज़ॉरो से पूरे 8 इंच लंड से चोद रहे थे. इससे मुझे तकलीफ़ तो हो रही थी पर चुदाई का मज़ा इतना था कि मुझे इसकी कोई परवाह नही थी.

मिस्टर शर्मा अपने दोनो हाथो से मेरी गांद मसल रहें थे. उन्होने ऐसा करते करते अपनी एक उंगली मेरी गांद में डाल दी. उंगली डाल के उन्होने अपने लंड के धक्कों के साथ उंगली भी अंदर बाहर करने लगे. इस से मेरा मज़ा और भी बढ़ गया और में अपनी गांद पीछे धकेल धकेल के मिस्टर शर्मा के धक्को का जवाब देने लगी. ‘लगता हैं बिटिया रानी को बहुत मज़ा आ रहा हैं’

ये कह के मिस्टर शर्मा ने धक्को की रफ़्तार और बढ़ा दी. में झार ने के बहुत करीब थी और मिस्टर शर्मा की इस हरकत से अब मेरा झरना शुरू हो गया. मिस्टर वेर्मा और मिस्टर शर्मा का भी झरना शुरू हो गया था. दोनो ‘आआआआअहह..... आआआआअहह’ करके आवाज़े निकाल रहें थे.

मिस्टर. वेर्मा ज़ॉरो से अपना लंड मेरे मूह में अंदर बाहर कर रहें थे और पानी निकाल रहें थे, इतना ढेर सारा पानी निकल रहा था कि में पूरा निगल नही पाई और मेरे मूह के साइड से वो नीचे बहने लगा. मिस्टर. शर्मा का लंड भी मेरी चूत में वीर्य निकाल रहा था. चूत में गरम वीर्य का एहसास हो के मेरा झरना और बढ़ गया. में जैसे जन्नत में पहुच गयी थी. लगभग 5 मिनिट तक हम तीनो ऐसे ही झरते रहें. मिस्टर शर्मा ने इतना सारा वीर्य निकाला कि वीर्य मेरी चूत से निकल के मेरे पैरो पे नीचे बहने लगा.

आख़िर तीनो का झरना बंद हुआ. दोनो नें अपना लंड मेरे अंदर ही रखा. कुछ देर बाद दोनो के लंड बैठ गये और दोनो ने लंड बाहर निकाले. में थक के सोफा पे लेट गयी. मिस्टर शर्मा और मिस्टर वेर्मा भी थक के सोफा पे बैठ गये.

कुछ देर बाद मिस्टर. वेर्मा ने मुझ से कहा

‘अरे बेटी तुम्हारे तो सारे शरीर पे वीर्य चिपक के सूख गया हैं. तुम ऐसा करो जल्दी से शवर लेलो’

‘ठीक हैं’

में शवर की तरफ जाने लगी. दोनो मेरे जवान नंगे जिस्म को देख रहे थे. में सोच रही थी कि ये दोनो कितने आछे गेंटल्मन थे और मुझे कितना मज़ा दिया दोनो ने. पता नही क्यूँ डिज़िल्वा ने कहा कि दोनो जंगली जानवर हैं. में जानती नही थी कि मिस्टर शर्मा मेरी छोटी सी गोरी गांद को देख कर क्या प्लान बना रहें थे और कुछ ही देर में मुझे पता चलने वाला था कि वो कितने जंगली थे और में उन जानवरों का शिकार बनने वाली थी...

में शवर के नीचे जा कर खड़ी हो गयी और अपने आप को पानी से सॉफ करने लगी. मेने अपने पूरे बदन पर साबून रगड़ रगड़ के ठीक से सॉफ किया. दस एक मिनिट में पूरी सॉफ हो कर में शवर से निकलने के लिए तैयार हो गयी. मैं मूडी तो मैने देखा कि मिस्टर वेर्मा और मिस्टर शर्मा दोनो बाथरूम में आ गये थे और मुझे नहाते हुए मेरा नंगा जवान जिस्म अपनी आखों से पी रहे थे. दोनो के चेहरे से एक हल्की सी मुस्कान और आँखों में हवस थी. उनके लंड आधे खड़े थे. उनको मुझे घूरते देख मैने सोचा क्यों ना में उनको थोड़ा और मज़ा दूं. मैने दूसरी तरफ मूड गयी और झुक के उनके सामने अपनी गांद को दोनो हाथो से फैला कर मसल्ने लगी. मेरी पानी से चमकती गांद दोनो को पागल बना रही थी. मुझे दोनो के सामने अपने नंगे बदन की नुमाइश करके बहुत मज़ा आ रहा था. मैने एक उंगली अपनी गांद में डाल दी तो मेरे मूह से ‘आआआहह… म्‍म्म्मममममम…’ की सिसकियारी निकल गयी. अब में अपनी उंगली को अपनी गांद में अंदर बाहर करने लगी. मुझे अब बहुत सेक्स चढ़ गया था दोस्तो मैं सेक्स की पुजारन तो बन ही चुकी थी कुछ देर ऐसा करने के बाद मैने गांद से उंगली निकाल दोनो की तरफ मूड गयी. मैने देखा तो दोनो के लंड अब पूरे कड़क हो कर खड़े थे और वो अपने लंड को धीरे धीरे सहला रहें थे. मैं दोनो हाथों से अपने बूब्स दबाने लगी और अपने निपल को खीचती रही. में अब बिल्कुल पागल हो रही थी. मुझे फिर से चुदाई करनी थी. वहाँ मिस्टर शर्मा और मिस्टर वेर्मा भी मेरी जवानी लूटने के लिए उतावले हो रहे थे. दोस्तो कैसा लगा ये पार्ट हमारी सेक्स की पुजारन और भी मस्ती मे आती जेया रही मुझे तो लगता है अब शरमाजी और वर्मा जी इसकी गान्ड का भी उद्घाटन करने वाले है आगे जानने के पढ़ते रहिए सेक्स की पुजारन आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः..........
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