Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
11-11-2017, 12:09 PM,
#6
RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
सेक्स की पुजारन पार्ट- 6

गतान्क से आगे.............

फिर अचानक टीचर ने एक धक्के में पूरा 8 इंच का मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत में घुसेड दिया. इतना दर्द हुआ कि मेरा चिल्ला ना बंद हो गया. मेरी आँखों के सामने एक ढुँधलापन छाने लगा और मैं बेहोश होने वाली थी. तभी टीचर नीचे झुक अपनी मोटी जीब मूह से निकाल मेरे चेहरे को नीचे से उपर चाटने लगा. मेरी आँखे खुल गयी और मेने टीचर से रोते रोते भीक माँगी

‘प्लीज़ टीचर, अब और नही सहा जाता’. पर टीचर तो जैसे अपनी ही दुनिया में था. उसे कुछ सुनाई या देखाई नही दे रहा था. सिर्फ़ अपने मोटे लंड पे एक टाइट चूत का एहसास हो रहा था.

टीचर अब पूरा मुझ पे लेट गया था और मेरे चेहरे को कुत्ते के जैसे चाट रहा था. मुझे उसके पूरे शरीर का वज़न अपने पर महसूस हो रहा था.

उसने अपना 8 इंच का लंड धीरे से आधा बाहर खीचा और वापस अंदर डाला. में फिर से चीख पड़ी. मेरी चीख रोकने के लिए टीचर ने अब अपने होंठ मेरे होठों को लगा दिए और चूसने लगा. मैं अपने सारे शरीर से टीचर को अपने उपर से धकेलने की कोशिश कर रही थी. लेकिन इतनी तो मुझ में ताक़त थी नही. विवेक अपने छोटे से लंड को सहला कर नज़रो का मज़ा ले रहा था.

टीचर अब मेरी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाने लगा और खटखट मेरी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. मैं उसके नीचे फड़फड़ाती रही और चीखने की कोशिश करती रही पर उसने अपने होंठ मेरे होंठो पे ज़ोर से चिपका के रखे. 15 मिनिट तक टीचर मुझे ऐसे ही चोद्ता रहा. आख़िर मेरा दर्द थोड़ा कम होने लगा और मैने चीख ने की कोशिश करना बंद कर दिया. मैने रोना भी अब बंद कर दिया था. टीचर ने अपने होंठ मेरे होठों से दूर ले कर कहा

‘अब मज़ा लेना शुरू कर’

मुझे अब थोड़ा थोड़ा मज़ा आ रहा था. टीचर ने अचानक अपना लगभग पूरा लंड बाहर निकाल के फिर से अंदर डाला और मुझे ऐसे चोदने लगा. मेरा मज़ा और बढ़ गया.

मुझे अभी भी काफ़ी दर्द हो रहा था पर बहुत मज़ा आ रहा था. टीचर का गरम लंड मेरे चूत में अंदर बाहर हो रहा था. हरेक धक्के पे मेरा दर्द कम और मज़ा ज़्यादा हो रहा था. में सिसकारियाँ भरने लगी ‘आआआआआअहह.... .आआआआआआआहह... म्‍म्म्ममममम............. आआआआआआआआअहह......’ टीचर जम कर मेरी चुदाई कर रहा था. कुछ देर चुदाई होने के बाद टीचर ने लंड निकाले बिना मुझे अपने उपर ले लिया. मैं अब टीचर के उपर लेटी मेरे बूब्स टीचर के चाहती पे थे और में टीचर के लंड पे उपर नीचे हो रही थी. मेरे बूब्स टीचर के चाहती पे रगड़ रहे थे. टीचर ने अपने दोनो हाथो से मेरी गांद मसलना शुरू कर दिया. टीचर के मोटे शरीर पे मेरा छोटा सा बदन था. टीचर का काला लंड मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा था. मैं अब मस्त हो गयी थी और चुदाई का मज़ा ले रही थी. मैने कभी ज़िंदगी में इतना आनंद नहीं पाया था. मैने अब टीचर का पूरा लंड अपनी चूत में ले कर अपनी कमर गोल गोल घुमाने लगी

‘आआआआहह...... बहुत खूब मानसी’

टीचर अब झरने के बहुत करीब था. अचानक टीचर ने अपने दोनो हाथों से मुझे ज़ोर से जाकड़ लिया. मैं हिल नही पा रही थी और टीचर भी लंड अंदर बाहर नही कर रहा था. मुझे कुछ समझ नही आया. तभी मैने विवेक के हाथों को मेरी गांद मसल्ते हुए महसूस किया. फिर उसने अपना छोटा सा लंड मेरी गांद के छेद पे लगा दिया. मैं समझ गयी कि ज़रूर टीचर और विवेक ने पहले से ये प्लान बनाया होगा.

‘साले कुत्ते ये क्या कर रहा है’ मैं चिल्लाई विवेक पर.

‘वाह मेरे चेले. चोद डाल इसकी गांद को जैसे मैं तेरी चोद्ता हू. कोई रहम मत करना’ टीचर ने कहा

‘नही प्लीज़, मुझे जाने दो’ मैं बहुत डर गयी थी अब. विवेक ने दोनो हाथो से मेरी गांद फैलाई हुई थी और अपने लंड को मेरी गांद के छेद में घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था.

‘ज़ोर लगा साले कुत्ते’ टीचर ने उसको चिल्ला के कहा. विवेक ने एक ज़ोरदार धक्का लगाया और उसके लंड का उपर का हिस्सा मेरी गांद में घुस गया

‘आआआआऐययईईईईईईई’ में ज़ोर से चीख पड़ी. मुझे बेहद दर्द हो रहा था. मैने आज तक गांद में उंगली भी नही डाली थी. विवेक ने और एक धक्का लगाया और एक और इंच लंड अंदर चला गया.

‘आआऐईईई.... प्लीज़ जाने दो...आआऐईई’ में चिल्ला रही थी. टीचर को मेरा हाल देख और सेक्स चढ़ गया और उसने मेरी चूत में अपना लंड ज़ोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. वो झरने के बहुत करीब था. टीचर के धक्के से मेरी गांद आगे पीछे हो रही थी और विवेक का दो इंच तक घुसा लंड बाहर निकल गया. विवेक ने फिर से मेरी हिलती गांद को फैलाया और अपना लंड एक ज़ोरदार झटके से पूरा अंदर घुसेड दिया.

‘आाआऐययईईईई जाने दो मुझे प्लीज़..’ में चिल्लाई. विवेक लंड पूरा अंदर डाल ऐसे ही खड़ा रहा. टीचर के ज़ोरदार धक्के से मेरी गांद आगे पीछे हो रही थी और उसके वजह से विवेक का लंड भी अंदर बाहर हो रहा था.

‘आआआआहह...... आआआआआआअहह’ कर के टीचर ने झरना शुरू किया.

‘आआईयईईईई मेरे अंदर पानी मत निकालना सर आऐईयईईईई’ मैने टीचर से विनती की. पर उसने मेरी एक ना सुनी. और अपना वीर्य मेरी चूत में निकालना शुरू कर दिया. मुझे अपनी चूत में गरम वीर्य का एख्सास हो रहा था. मुझे ये अछा लग रहा था पर गांद के दर्द से मेरा सारा मज़ा दूर हो गया था.

विवेक भी आवाज़े निकाल कर मेरी गांद में झार रहा था. मुझे उसका वीर्य मेरी गांद में निकलता महसूस हो रहा था. झारके उसने लंड बाहर निकाल दिया पर मेरा दर्द अभी भी बहुत था. टीचर ऐसे ही पागल की तराह मुझे ज़ोर से तीन चार मिनिट और चोद्ता रहा और झरता रहा. आख़िर उसका झर ना बंद हो गया. उसने मुझे ज़मीन पे लेटा दिया. मेरा थकान से और दर्द से बुरा हाल था. टीचर ने मेरे पैर फैला कर उपर कर दिए और नीचे झुक के मेरी चूत और गांद के छेद को देखने लगा. विवेक भी उसके बगल में आ गया. मेरी गांद और चूत से थोड़ा सा वीर्य बाहर बह रहा था.

‘ऐसे मत देखो प्लीज़’ पर वो दोनो ने मेरी नही सुनी. कुछ देर वो ऐसे ही देखते रहे. फिर टीचर ने मुझे क्लास में जाने को कहा. में बहुत ही मुश्किल से खड़ी हुई. नीचे देखा तो ज़मीन पे काफ़ी खून था. ‘डर मत पहली बार खून निकलता हैं’ टीचर ने मुझे कहा. में कपड़े पहन कर लूड़कते लूड़कते अपनी क्लास में जाने लगी. क्लास में जाते वक़्त मैने प्रिन्सिपल को टीचर के ऑफीस में जाते देखा. मैने सोचा पता नही अब क्या होगा, वो दोनो तो अभी भी नंगे ज़मीन पे थे. मेरे क्लास में जाने के आधे घंटे बाद पोलीस को स्कूल में आते देखा. प्रिन्सिपल ने टीचर को विवेक के साथ नंगा देख लिया था और पोलीस को बुला लिया था. टीचर को पोलीस जैल ले गयी. मैने सोचा पता नही टीचर का क्या होगा.

टीचर के जैल जाने के बाद दो तीन दिन मे ही मुझे बैचानी होने लगी मैं सेक्स के लिए पागल हो रही थी. मैने विवेक के साथ चुदाई शुरू कर ली. पर वो चुदाई में बिल्कुल अनाड़ी था. एक तो छोटा सा लंड और वो कभी भी 5 मिनिट से ज़्यादा टिकता नही था. और इसके उपर वो सारे स्कूल में यह कहता फिर रहा था कि मैं उसकी गर्लफ्रेंड हूँ और उसने मुझे पटा लिया हैं. मुझे उस पर बहुत गुस्सा आता पर मेरी चूत की प्यास भी ऐसे थी कि हर रोज़ में उससे चुड़वाती. मेरी सेक्स की भूक बहुत बढ़ गयी थी. मैं अब सेक्स की पुजारन बन चुकी थी सेक्स के बिना रहना अब मुझे अच्छा नही लग रहा था

एक दिन स्कूल से घर जाते रास्ते में डिज़िल्वा मेरे सामने आ गया और मुझे रोक लिया.

‘कैसी हो जानेमन’. मैने कुछ कहे बिना वहाँ से चलने लगी. तभी विवेक ने डिज़िल्वा को मुझे छेड़ते देख लिया.

‘आए मिस्‍टेर क्या हो रहा हैं यहा’ विवेक ने गुस्से से कहा. असल में विवेक का गुस्सा ऐसा था कि कोई बच्चा भी ना डरे. मुझे तो हँसी आ रही थी. मैने अपनी हँसी रोक ली पर डिज़िल्वा खुले आम हँस पड़ा.

‘हस्ता क्या हैं. मज़ाक समझ के रखा हैं क्या. ज़्यादा नाटक नही करना समझे. यह मेरी गर्लफ्रेंड हैं’. मैने सोचा साले 5 मिनिट लंड खड़ा रख नही पाता और मुझे गर्लफ्रेंड बनाने चला. डिज़िल्वा अब हसना बंद कर के मुस्कुरा कर विवेक को देख रहा था.

‘अगर आज के बाद अगर उससे बात भी करने की कोशिश की तो तेरा बुरा हाल कर के रखूँगा.तेरी हेसियत ही क्या हैं’ पता नहीं क्यूँ पर हेसियत की बात सुन के डिज़िल्वा के चेहरे से हँसी उड़ गयी.

‘क्या करोगे’ डिज़िल्वा ने पूछा.

‘क्या करूँगा? साले तू मेरेको पहचानता नही है. मैं तेरी...’ विवेक की बात पूरी होने के पहले ही डिज़िल्वा ने अपना हाथ उठा के विवेक को एक ज़ोरदार तमाचा मारा. तमाचा इतना ज़ोरदार था कि विवेक ज़मीन पर गिर पड़ा.

‘चल घर भाग जा. और अपनी मम्मी के निपल मूह में लेके बैठ जा’ विवेक का मूह रोने जैसा था और वो डर के मारे खड़ा हो के वहाँ से भाग गया. मुझे विवेक की यह हालत देख हँसी आ गयी मैं डिज़िल्वा के सामने हसना नही चाहती थी पर मुझसे हँसी रोकी नही गयी. डिज़िल्वा ने मुझे देख कर कहा

‘ऐसे चुतिये को क्यूँ बाय्फ्रेंड बनाया ? मैं तुझे टाय्लेट मे ही पहचान गया था. तेरी प्यास ऐसा चूतिया कभी पूरा नहीं कर सकता’

मैं डिज़िल्वा की बात का जवाब दिए बिना वहाँ से घर की ओर चलने लगी. वो मेरे बगल में चलने लगा और बातें करने लगा.

‘तुझे एक तगड़े लंड की ज़रूरत हैं. चल मेरे साथ तुझे मैं ऐश कराता हूँ’

‘नहीं’

‘अरे इतनी नाराज़ क्यूँ हैं. मैने तेरा मूह चोदा था इसलिए क्या ?’

‘हां’

‘अरे तो ठीक हैं आज के बाद ऐसा नहीं करूँगा. मैं जानता हूँ तुझे मेरा लंड पसंद आया है’

‘मैं तुम्हारे साथ कभी सेक्स नहीं करूँगी’ मैने कह डाला.

‘अरे इतनी भी क्यों ज़िद करती हो.’

टीचर को जैल गये अब महीना हो गया था और एक तगड़े लंड की प्यास मुझे बहुत सता रही थी. पर मैं जानती थी कि मेने डिज़िल्वा से सेक्स किया तो वो ज़रूर मेरे साथ कोई ज़बरदस्ती करेगा और मैने ये उसे कह डाला.

‘तुम्हारा क्या भरोसा अगर फिर से तुमने ऐसा कर डाला तो मैं तो मर भी सकती हूँ’

देसील्वा को अब मोका मिल गया था. उसने मुझे से प्यार से कहा

‘ठीक है. ऐसा करते है मेरे दो दोस्त है. दोनो जवान हैं और एक दम सलमान ख़ान जैसे दिखते हैं और एक दम गेंटल्मन. दोनो के 8 इंच लंबे लंड है. मैं उनसे बात कर लेता हूँ. तुम उनसे चुदवा कर ऐश करो मैं तुम्हे देख के मज़े ले लूँगा’

यह बात सुन के मेरे मूह मे पानी आ गया. टीचर और विवेक ने मुझे मिलके चोदा था तब मुझे कितना मज़ा आया था वो मुझे याद था. और विवेक का तो लंड छोटा सा था. दो जवान और 8 इंच लंबे लंड से चुद कर कितना मज़ा आएगा यह मैं सोचने लगी. डिज़िल्वा मुझे देख जान गया कि मुझे दो लंड से चुदवाना था.

‘चल अभी टॅक्सी कर के होटेल निकल लेते हैं. मैं उनको फोन कर के वहाँ बुला लेता हूँ’ यह कह के उसने टॅक्सी बुला ली. मैं कुछ भी कहे बिना टॅक्सी मे उसके साथ बैठ गयी और हम एक 5 स्टार होटेल की ओर चल पड़े. मेरा जो हाल होने वाला था उसका मुझे कोई अंदेशा नही था...

टॅक्सी मैं बैठ डिज़िल्वा ने किसी मिस्टर शर्मा और मिस्टर. वेर्मा को होटेल बुला लिया. मैने भी अपने घर फोन करके कह दिया कि मैं दोस्त के घर जा रही हूँ और तीन चार घंटे बाद आऊँगी. फोन रखते ही डिज़िल्वा ने मुझे अपनी बाहों में जाकड़ लिया और मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगा और मेरे शर्ट के उपर से ही मेरे बूब्स को मसल्ने लगा.

‘कितने दिनो से इसका इंतेज़ार था मेरी रानी’

टॅक्सी ड्राइवर ने अपने काँच में देखा एक मोटा गेंड जैसा आदमी एक जवान स्कूल की लड़की को दबोच रहा था. काँच में मेरी आँखें ड्राइवर की आँखों से मिली. मैं बेशरम की तरह उसे देखती रही. उसके सामने ऐसी गंदी हरकत करने से मुझे मज़ा आने लगा.

डिज़िल्वा ने मेरा हाथ ले कर अपने लंड पे रख दिया. मैं लंड को पॅंट के उपर से सहलाती रही. लंड की लंबाई महसूस कर मुझे बहुत सेक्स चढ़ गया. इतने दिनो बाद कोई असली मर्द मेरा इस्तामाल कर रहा था और इससे मुझे बहुत मज़्ज़ा आ रहा था. मैने डिज़िल्वा का हाथ ले अपने स्कर्ट के अंदर डाल दिया.

‘बहुत सेक्स चढ़ गया है?’ वो मुस्कुरा के बोला. उसने अब मेरी पॅंटी के उपर मेरी चूत पे उंगलियाँ फिराना शुरू कर दिया. मैं पागल हो रही थी. मुझे अभी के अभी चुदाई करनी थी. मैने डिज़िल्वा की पॅंट को खोलने की कोशिश की. डिज़िल्वा हँसने लगा ‘इतनी उतावली मत हो मेरी जान. होटेल आ ही गया हैं. अंदर रूम में दो लौडे तेरा इंतेज़ार कर रहे हे’. अब मैं चुदाई के लिए पागल हो रही थी. होटेल पे पहुच के हम तुरंत अपने सूयीट में पहुच गये. सूयीट के अंदर घुसते ही डिज़िल्वा ने मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया. उसका एक हाथ मेरे बूब्स मसल रहा था और दूसरा हाथ स्कर्ट के अंदर जा कर मेरी चूत मसल रहा था. मैने होटो से ‘आआआअहह....सस्स्स्सस्स...’ की सिसकारी निकल रही थी. डिसिल्वा दस मिनिट तक मुझे मसलता रहा. मैं पागल हो रही थी. मुझे अब उसके मोटे लंड से चुदाई करनी थी. उसने अचानक मुझे छोड़ दिया और कहा.

‘बेडरूम में दो लोग तेरा इंतेज़ार कर रहे हैं. दोनो जंगली कुत्ते हैं तुझे बहुत मज़ा आएगा’ ये कह कर डिज़िल्वा मुझे बेडरूम तक ले गया. मैं अब बेकाबू हो रही थी. डिज़िल्वा बाहर ही रहा और मुझे बेडरूम में भेज दिया.

मैं रूम में गयी तो अंदर जो आदमी थे वो डिज़िल्वा के कहने से बिल्कुल अलग थे, वो जवान लड़के नहीं पर दो बूढ़े थे. वो दिखने में सलमान ख़ान नही पर शक्ति कपूर जैसे थे. दोनो के चेहरे पे काफ़ी झुर्रिया थी, मेरे हिसाब से वो करीब 60 साल के होंगे और सोफा पे बैठे थे. मुझे उनको देख के लगा कि ये तो बहुत बूढ़े हैं, ये क्या चुदाई करेंगे.

वो दोनो मुस्कुरा कर मुझे नीचे से उपर घूर रहे थे. उनमे से एक ने दूसरे से मुस्कुरा कर कहा ‘यह तो बिल्कुल मेरी पोती की उमर की हैं’. दूसरे ने कहा ‘बिल्कुल कटरीना कैफ़ दिखती हैं’ मेरी तरफ मूड के कहा ‘क्या नाम हैं तुम्हारा बेटी ?’.

‘मानसी’

’मानसी बेटी आओ यहाँ सोफा पर आके हमारे बीच में बैठो. मेरा नाम राज. शर्मा हैं और यह मेरे दोस्त मिस्टर. वेर्मा’

डिज़िल्वा ने मेरी चूत से खेल खेल के मुझे सेक्स के लिए भूका कर दिया था. मेने सोचा कि ये दो को 15 मिनिट में खुश करके में बाहर जा के डिज़िल्वा के साथ सेक्स करूँगी. मैं उनके बीच जाके बैठ गयी.

मैं अब दो 60 साल के बूढो के बीच बैठी थी. सोलाह साल का मेरा जवान जिस्म देख दोनो के लंड में हुलचूल हो रही थी. मुझे भी ऐसी गंदी चीज़ करने से मज़ा आ रहा था.

‘तुम्हारी उमर क्या है बेटी’ मिस्टर. वेर्मा ने कहा

‘में सोलाह साल की हूँ’

अब दोनो ने अपने हाथ मेरी जाँघो पे रख दिए थे और उसे सहला रहे थे.

‘स्कूल से सीधी आई हो ?’

‘जी हां’

दोनो के हाथ अब मेरी स्कर्ट के नीचे से हो कर सहलाते सहलाते मेरी पॅंटी तक पहुच गये थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

‘वेरी गुड. यह बताओ बिटियाँ रानी तुम कौनसी क्लास में पढ़ती हो’

‘जी में 10थ क्लास में पड़ती हूँ’

वो दोनो बुड्ढे पता नहीं क्यूँ मुझे बेटी और बिटियाँ कह रहे थे. मुझे लगा कि शायद उन दोनो को मुझे बेटी कह कर चोदने में और भी मज़ा आएगा.

मिस्टर. वेर्मा ने अब अपने हाथ से मेरी चूत को पॅंटी के उपर से सहलाना शुरू कर दिया. मैने अपनी टांगे फैला दी.

‘लगता हैं कि सोलाह साल की लड़की के हिसाब से तुम्हारे बूब्स काफ़ी बड़े हैं’ मिस्टर. राज शर्मा ने मेरे बूब्स को देखते हुए कहा.

‘जी हां मिस्टर. शर्मा’

तो दोस्तो आपने देख की हमारी सेक्स की पुजारन अपनी हवस की वजह से बूढो के पास अपनी जवानी लुटाने को बेताब है दोस्तो आगे और क्या क्या हुआ जानने के लिए पढ़ते रहे सेक्स की पुजारन आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः..........
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन - by sexstories - 11-11-2017, 12:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,467,242 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,632 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,218,477 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,315 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,633,872 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,827 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,923,891 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,967,491 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,997,211 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,669 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)