Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
11-11-2017, 12:08 PM,
#1
Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
सेक्स की पुजारन पार्ट -1

मेरा नाम मानसी हैं. मैं 24 साल की हूँ. मुंबई के एक मशहूर और बहुत राईस परिवार में मेरी 6 साल पहले शादी हुई. मेरे घर में मेरे ससुर जो 66 साल के हैं, मेरे पति जो 44 साल के हैं और मेरा सौतेला बेटा जो अब 17 साल का हैं रहतें हैं. नौकर चाकर तो इतने हैं कि मैं गिनने की कोशिश भी नहीं करती. मेरे पति का नाम देश के टॉप राईसो मैं आता है.

में दिखने में बहुत ही गोरी और क्यूट हूँ. लोग कहते है कि में बिल्कुल कटरीना कैफ़ जैसी दिखती हूँ. मेरा फिगर भी एक मॉडेल की तरह सेक्सी हैं. मेरे बूब्स बड़े हैं और मेरी कमर पतली. में अपने फिगर का बहुत ख़याल रखती हूँ और हर रोज़ एक घंटा उसको मेनटेन करने के लिए एक्सर्साइज़ करती हूँ. मुझे बचपन से ही मेरी सुंदरता पे नाज़ रहा हैं. सारे लड़के मुझ पे मरते थे और मुझ से बातें करने की कोशिश करते थे. मेरी मा ने मुझे बचपन से सीखा के रखा था कि ‘किसी भी लड़के के चक्कर में मत पड़ना, तू इतनी सुंदर है कि बड़ी होकर तुझे बहुत अछा और राईस पति में ढूंड के दूँगी. मेरी बात याद रखना बेटी. यह सेक्स वेक्स से शादी से पहले दूर ही रहना. यह सेक्स एक गहरी खाई की तरह हैं. अगर इस में गिरगी तो गिरती ही चली जाऊगी’. मुझे अपने आप पर पूरा विश्वास था. में अपने मा से कहती ‘फिकर मत करो मा. तुम्हारी बेटी बहुत स्ट्रॉंग हैं. मेरे मनोबल को कोई नही तोड़ सकता’ . उस वक़्त मुझे वासना की ताक़त का अंदाज़ा नही था. आज जब मैं उस समय के बारे में सोचती हूँ तो लगता हैं कि कितनी बेवकूफ़ थी में. मेरी मा की सलाह कोई आम लड़की के लिए ठीक होगी लेकिन में आम लड़कियों के जैसे नही हूँ. में सेक्स की पुजारन हूँ. मेरा ज़िंदगी का एक ही मकसद हैं और वो हैं चुदाई.

यह कहानी तब से शुरू होती हैं जब मैं 16 साल की थी और 10थ क्लास में पढ़ती थी. मैं एक अमीर घर में बड़ी हुई थी. मेरे घर में सिर्फ़ मैं और मेरी मा थे. पिताजी का स्वरगवास कई साल पहले हो चुक्का था. पढ़ाई में ठीक ठाक ही थी लेकिन मेरी मा की तरह दुनियादारी के मामले काफ़ी होशियार थी. उस वक़्त सारी लड़कियों की तरह मुझे भी सेक्स मैं बहुत इंटेरेस्ट था पर में अपनी मा की सलाह मानते हुए लड़को से दूर ही रहती थी. मेरी सारी सहेली कहती थी की मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी हैं. मेरे बड़े बूब्स और पतली कमर काफ़ी लड़को को पागल कर रहा था पर मेने मेरी मा की बात मान कर ठान लिया था के शादी से पहले में लड़को के चक्कर में नहीं पाड़ूँगी. मेरी सारी सहेली अपनी अपनी चुदाई की बातें करती थी. दो लड़कियाँ ने तो अपने बाप के साथ भी चुदाई का मज़ा लिया था. उनकी बातें सुनकर मुझे बहुत जलन होती थी. में उन सबसे से कई ज़्यादा सेक्सी थी फिर भी में ने आज तक किसी लड़के को कपड़े बिना नही देखा था. मुझे कई बार अपनी सहेली के सेक्स के किस्से सुन कर बहुत सेक्स चढ़ जाता. ऐसे मोके पे में अपने आप को अपनी उंगलियाँ से संतुष्ट कर लेती. पर में जानती थी के जो मज़ा किसी मर्द के लॉड से मिल सकता हैं वो उंगलियों से कभी नही मिल सकता हैं. मैं कई बार सारी सारी रात सेक्स के बारे में सोच कर अपनी चूत से खेलती रहती लेकिन हमेशा मन मे यह बात रखती की कुछ भी हो जाए शादी से पहले में किसी लड़के को हाथ नहीं लगाने दूँगी और अपने होने वाले पति के लिए बिल्कुल कुँवारी रहूंगी.

एक दिन में स्कूल से निकल कर घर जा रही थी. मुझे बहुत ही जोरो से मूत लगी थी. मुझे स्कूल के मूत्रालय में जाना अछा नही लगता था क्यों कि वहाँ बहुत बदबू आती थी. मेने सोचा कि स्कूल के बगल में ही पब्लिक टाय्लेट था में वाहा मूत लूँगी. वाहा जाने पर पता चला कि लॅडीस टाय्लेट पे ताला लगा था. मुझसे अब रुका नही जा रहा था. मेने सोचा क्यों ना जेंट मूत्रालय में मूत लूँ अगर कोई अंदर ना हो तो किसी को पता नही चले गा. मेने जेंट्स मूत्रालय के पास जा कर उसका दरवाज़ा खोल दिया. वहाँ अंदर काफ़ी अंधेरा था और में 1 मीं. तक दरवाज़े पर ही खड़ी रही. धीरे धीरे मुझे दिखाई देने लगा. अंदर सामने तीन टाय्लेट थे. तीन मैं से एक कोने वाला टाय्लेट बंद था और उसके अंदर से कुछ अजीब सी आवाज़ आ रही थी. मुझे और कोई नज़र नही आया तो मैने 2 कदम अंदर बढ़ा लिए. अंदर जाने पे पता चला के दूसरे कोने में एक और आदमी मूत रहा था, उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और वो हस्ते हुए बोला ‘कुछ चाहिए बेबी?’

यह कह हर वो मेरी तरफ मूड गया. मेरी नज़र उसके लंड पे गिरी जो उसके पॅंट के ज़िप से बाहर लटक रहा था. वो आदमी लगभग 50 साल की उमर का होगा और दिखने में मुझे कादर ख़ान जैसा लग रहा था. उस आदमी का लंड खड़ा नही था पर फिर भी इतना बड़ा था कि मुझे यकीन नही हुआ. मैने आज तक किसी आदमी का लंड नहीं देखा था. में डर गयी और डर के मारे भाग के बीच वाले टाय्लेट में जा कर दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया.

अंदर जा कर में चुप चाप 2 मिनिट खड़ी रही. फिर में ने मूत लिया. मुझे बाजू वाले टाय्लेट की आवाज़ अब सॉफ सुनाई दे रही थी. ऐसा लग रहा था कि कोई चीखने की कोशिश कर रहा हो पर उसका मूह किसी ने दबा के रखा हो. मैने देखा कि टाय्लेट के साइड में कई बड़े छेद थे. में अपने हाथ और घुटनो के बल कुत्ति की तरह ज़मीन पर बैठ कर आपनी आँखे ऐसे ही एक छेद पर लगा कर बाजू की टाय्लेट के अंदर का नज़ारा देखने लगी. अंदर मैने जो देखा वो देख कर मेरे होश उड़ गये. मेने देखा की अंदर एक लड़का जो मेरी क्लास में पढ़ता है और लगभग मेरी ही उमर का होगा, अपने घुटनो तले ज़मीन पर बैठा था. लड़के का नाम विवेक था. उसके सामने हमारा स्पोर्ट्स का टीचर जो एक बड़ा काला सा मोटा आदमी हैं अपने लंड को उसके मूह में घुसेडे हुए था. विवेक एक दम ही गोरा और चिकना था और पूरा नंगा था. मेने देखा कि उसका का छोटा सा लंड खड़ा था. वो अपने हाथो से टीचर को दूर धकेलने की कोशिश कर रहा था. लेकिन टीचर ने अपने दोनो हाथ लड़के के सर पे रख के उसके सर को अपने लंड की ओर खीच लिया था और पूरा लंड उसके मूह में घुसेडे हुआ था. दो मिनिट बाद किसी तरह से विवेक ने अपना मूह टीचर के लंड से दूर किया. जब स्पोर्ट्स टीचर का लंड उसके के मूह से निकला तो में दंग रह गयी. वो लगभग 8” लंबा होगा और मोटा भी बहुत था और एकदम काला था. मुझे यकीन नही हो रहा था कि इतना बड़ा लंड उस लड़के के मूह में समा केसे गया. विवेक अब ख़ास रहा था. इतना बड़ा लंड मूह में लेकर उसका हाल बहाल हो गया था. उसने कहा ‘बस अब और नही होगा टीचर जी’. टीचर ने कहा ‘साले मदारचोड़ चुप चाप मेरा लंड चूस वरना तुझे फैल कर दूँगा’. लड़के ने उपर देखते कहा ‘नही टीचर मुते फैल कर दोगे तो ....’. लड़के की बात पूरी होने से पहले ही टीचर ने अपना लंड उसके मूह मे फिरसे डाल दिया. टीचर ने फिर से उसके सर को अपने हाथो से पकड़ा और अपना लंड उसके मूह में अंदर बाहर करने लगा. मुझे विवेक का खड़ा लंड देख कर लग रहा था कि शायद लड़के को भी मज़ा आ रहा था.

मुझे ये सारा नज़ारा देख कर बहुत मज़ा आ रहा था. मैने आज तक किसी भी आदमी का लंड नही देखा था. और अब मेरे सामने दो लंड थे. मेरे बदन में एक गर्मी सी छा गई थी. हैरत की बात तो मुझे ये लगी की विवेक से ज़्यादा मुझे वो काले टीचर का बड़ा लंड अच्छा लग रहा था. मेरी नज़र वो मोटे लंड से हट नही पा रही थी. में मन ही मन में सोच रही थी कि काश मुझे वो काला लंड चूसने को मिल जाए. में वाहा टाय्लेट में कुत्ति की तरह ज़मीन पर बैठी थी. मेरी पॅंटी पूरी गीली हो गयी थी. मैने अपनी स्कर्ट उपर कर ली और पॅंटी उतार दी. मेने एक हाथ से अपने चूत को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ की उंगली को अपने गांद के छेद पे फिराने लगी. मुझे ये बिलकूल खबर नही थी कि जिस तरह में बाजू की टाय्लेट में झाक रही थी वैसे हे तीसरी टाय्लेट के छेद से मुझे कोई झाक रहा था. जिस आदमी ने मूत्रालय में आते ही मुझे आपना लंड दिखाया था वो मेरे पीछे मेरे बाजू के टाय्लेट में घुस गया था. उसे पता था की टाय्लेट के बीच में छेद हैं. अब उसे जो नज़ारा दिख रहा था वो उससे पागल हो रहा था. उसके सामने में घूम के पॅंटी निकाल के बैठी थी, मेरी चिकनी, गोरी गांद और चूत उसे साफ दिखाई दे रही थी. वो देख रहा था कि में अपनी चूत में दो उंगली डाल के ज़ोर से अंदर बाहर कर रही थी और अपनी गांद के छेद पे उंगली घुमा रही थी. उसका लंड खड़ा हो गया और वो उसे सहलाने लगा.

यहाँ टीचर और तेज़ी से विवेक का मूह चोद रहा था. विवेक भी अपना लंड ज़ोर से हिला रहा था. दो मिनिट मे टीचर ज़ोर से आवाज़ करने लगा ‘आआआआआअहह, आआआआआआः’ और पागल की तरह बहुत तेज़ी से लड़के के मूह में आपना लंड अंदर बाहर करने लगा. विवेक का बुरा हाल था. मैं अपने आप को झरने के करीब पा रही थी और ज़ॉरो से अपनी उंगलियाँ चूत के अंदर बाहर करने लगी. टीचर झड़ने के बहुत करीब था. ‘साले . के आआआअहह... आआआआआआः पी जा मेरा पानी आआअहह’ टीचर ने यह कहते अपना सारा पानी लड़के के मूह मे निकालना शुरू कर दिया. टीचर के साथ में भी अब झार रही थी. लड़के के लंड से भी फुवरे के जैसे पानी निकल रहा था. टीचर के लंड से इतना विर्य निकला के लड़का पूरा पी नही पाया और कुछ पानी उसके मूह के साइड से निकल कर नीचे बहने लगा. यह देख मेरा झरना और तीव्र हो गया. टीचर का झार ना ख़तम हो गया था पर उसने थोड़ी और देर तक अपना पूरा लंड लड़के के मूह में ही रखा. जब उसका लंड पूरा बैठ गया तब उसने उसको निकाला. उसका बैठा हुआ काला लंड भी बहुत बड़ा था और वीर्य और विवेक की थूक से चमक रहा था. लड़का नीचे देख कर ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रहा था और खास रहा था. टीचर के काले लंड ने उसकी हालत बूरी कर दी थी. टीचर के मोटे लंड पे काफ़ी सफेद वीर्य अभी भी चिपका हुआ था. टीचर ने विवेक से कहा ‘मेरा लंड कौन साफ करेगा ? तेरा बाप. चल इसको ठीक से चाट कर साफ कर’. लड़का उस काले लंड को पकड़ अपनी जीब निकाल के चाटने लगा और पूरा वीर्य लंड से साफ कर दिया. टीचर ने अब उसका हाथ हटा के पॅंट पहेनना शुरू किया और कहा ‘कल इसी वक़्त यहाँ मिलना. कल में तेरी गांद मारूँगा’ यह कह कर टीचर बाहर चला गया. लड़का भी अपने कपड़े पहन के वहाँ से चला गया.

वो दोनो चले गये थे पर मेरी बदन की आग अभी भी भड़की हुई थी. में टाय्लेट के ज़मीन पे लेट गयी. मेने अपने टॉप के उपर से ही एक हाथ से अपने बूब्स को दबा दबा कर उंगलियों से निपल को खीच रही थी. दूसरे हाथ से में अपनी चूत में दो उंगलियों डाल कर अंदर बाहर कर रही थी. मेरी मूह से सिसकियारी निकल रही थी ‘उम्म्म्ममम.... आआहह’. वो काला लंड मेरे दिल और दिमाग़ पर छा गया था.

तब अचानक मैने आवाज़ सुनी ‘मज़ा आ रहा है बेबी ?’. मेने आँख उठा कर देखा तो मुझे पता चला कि टाय्लेट के दूसरी साइड पे भी कई छेद थे और वैसे ही एक छेद से मुझे उस आदमी की आँखे दिखाई दी. में एक सेकेंड के लिए डर गयी खड़ी हो गयी. ‘डरो मत बेबी, तुम इतनी गरम हो गयी हो मेरे पास तुम्हे ठंडा करने के लिए कुछ हैं’ ऐसा कह कर उसने अपना लंड एक छेद में डाल दिया. उसका लंड भी वो काले टीचर की तरह मोटा और लंबा था.

‘यह लो बेबी तुम अपनी चूत के साथ साथ इस से भी खेलो. तुम्हे और मज़ा आएगा’. में तो वो लंड को देख के पागल सी हो गयी. मेरा सिर चकराना शुरू हो गया. मेरा सारा बदन एकदम गरम सा हो गया था. में लंड को छूना चाहती थी पर डर भी बहुत लग रहा था. मेरा दिमाग़ मुझसे कह रहा था कि में वहाँ से भाग कर घर चली जाउ पर मेरी नज़र उस लंड से नही हट रही थी. मैने अपने आप से कहा कि ‘ऐसा तो नही कि मैं किसी लंड से चुदवा रही हूँ. इस लंड से थोड़ा खेल लूँ फिर भी मैं कुँवारी ही रहूंगी’. एक बड़े लंड को अपने इतने करीब पा कर में अपनी मा की सलाह को बिल्कुल भूल गयी और धीरे से अपना हाथ उस लंड की तरफ बढ़ाने लगी. मुझे तब यह नही पता था कि जिस गहरी खाई से मेरी मा दूर रहने को कहती थी मैं उसी में कूदने जा रही थी. और एक बार कूदने के बाद में गिरती चली जाउन्गि.

मेरा हाथ मैने धीरे से बढ़ा कर वो लंड पे रख दिया. वो लंड गरम था और कड़क भी और मेरे हाथो में थोड़े हल्के से झटके खा रहा था. मेरे छूते ही उस आदमी के मूह से आवाज़ निकल गयी ‘आआआहह... क्या मुलायम हाथ है तुम्हारा बेबी. इसे पकड़ कर थोड़ा हिलाओ’. मुझे यह पता था कि लड़के अपने लंड को हिलाते हैं, पर यह नहीं पता था कि कैसे हिलाना चाहिए लंड को. मैने लंड को पकड़ लिया और लंड को उपर नीचे करने लगी.

‘ऐसे नहीं करते बेबी. हाथ को आगे पीछे करो उपर नीचे नहीं.’ मैने हाथ आगे पीछे करना शुरू कर दिया. हाथ पीछे करने से लंड की चमड़ी पीछे हो गयी और लंड का गुलाबी हिस्सा मुझे दिखाई दे रहा था. मेरा जी कर रहा था कि में उसे मेरे होंठो के बीच में ले लू और अपनी जीब से उसे चाटू, मेरे मूह में पानी आ गया. लेकिन में काफ़ी डरी हुई भी थी. मैने हिलाना ज़ारी रखा.

‘वेरी गुड बेबी आआआअहह.... तुम तो बिल्कुल कटरीना कैफ़ जैसे दिखती हो बेबी. मेरी तरफ़ ज़रा देखो. शरमाओ मत’. मुझे बहुत शरम आ रही थी और डर भी बहुत लग रहा था लेकिन मेने हिम्मत कर के अपनी आँखे लंड पे से ले कर उस आदमी की आँखों से मिला ली और हिलाते रही.

क्रमशः..........
Reply


Messages In This Thread
Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन - by sexstories - 11-11-2017, 12:08 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,467,326 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,641 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,218,508 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,340 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,633,918 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,867 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,923,978 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,967,651 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,997,299 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,675 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)