RE: Muslim Sex Kahani अम्मी और खाला को चोदा
मुझे अंदाज़ा तो था कि राशिद सही बोल रहा है लेकिन मैं फिर गुस्से से बोला – “क्या बकवास कर रहा है... मेरी अम्मी ऐसा क्यों करेंगी!” फिर राशिद ने तफ़्सील से बताया कि मेरी अम्मी एक नम्बर की ऐय्याश हैं और कईं गैर-मर्दों से उनके जिस्मानी ताल्लुकात हैं। अब्बू और हम भाई-बहन की गैर-हाज़री में अम्मी घर में अक्सर गैर-मर्दों से चुदवाती हैं और कईं दफ़ा तो दो-तीन मर्दों के साथ ग्रुप-चुदाई का मज़ा लेती हैं।
मुझे तो पहले से ही अपनी अम्मी की हरामकारी का अंदाज़ा था और अब राशिद ने भी तसदीक़ कर दी। मैंने राशिद से कहा कि – “जो भी हो लेकिन तूने मेरी अम्मी की चूत ली है, अब मुझे अपनी अम्मी की चूत दिला।” राशिद बोला – “भाई मैं ये कैसे कर सकता हूँ...? मैं अपनी अम्मी से ऐसी बात कैसे कर सकता हूँ? हाँ तुम खुद उन्हें तैयार कर लो तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है...।” यह सुन कर मेरी साँस में साँस आयी। खाला तो पहले ही मान चुकी थीं। मुझे सिर्फ राशिद के सामने ड्रामा करना था। मैंने कहा – “ठीक है, मैं ही कोशिश करता हूँ। पर तुम वही करोगे जो मैं कहुँगा?” राशिद बोला – “शाकिर भाई, मुझे तुम्हारी हर बात मंज़ूर है और तुम फ़िक्र ना करो... तुम्हारे लिये अम्मी को राज़ी करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा!”
मैंने पूछा – “क्या मतलब?” तो उसने बताया कि किस तरह उसकी अम्मी तो मेरी अम्मी से भी ज्यादा ऐय्याश और बदकार है। अपनी अम्मी और अम्बरीन खाला के ज़निब जो बातें मैं ऊपरी तौर पे जानता था वो अब राशिद तफ़सील से बता रहा था। उसने बताया कि मेरे नवाज़ खालू तो काफी वक़्त दुबाई में रहते हैं और अम्बरीन खाला रात-रात भर क्लबों और पार्टियों में गैर-मर्दों के साथ ऐय्याशियाँ करती हैं और अक्सर पूरी-पूरी रात घर नहीं आती। अक्सर घर पे भी रात को अपने बेडरूम में गैर-मर्दों के साथ चुदवाती हैं और उसने खुद छुपकर अपनी अम्मी को कईं दफ़ा गैर-मर्दों की बाहों में नंगी होकर चुदते देखा है। राशिद ने बताया कि उसकी अम्मी अपने ड्राइवर और नौकरों से भी चुदवाती है।
फिर राशिद बोला – “शाकिर भाई..., अब तो तुम मेरे से नाराज़ नहीं हो?” मैंने उसे कहा कि मैं चाहता हूँ कि वो अपनी अम्मी को मुझसे चुदते हुए देखे। मुझे लगा था कि ये बात सुनकर शायद राशिद मना करेगा लेकिन वो बोला कि – “शाकिर भाई, मैं तुम्हारी बात मानने के लिए तैयार हूँ पर तुम बुरा ना मानो तो मैं एक तजबीज तुम्हारे सामने रखूँ?” मैंने कहा – “ठीक है, बताओ।” तो वो बोला कि – “भाई थोडा मेरा भी खयाल रखना... आजकल यास्मीन खाला मुझे ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही हैं... मेरी अम्मी को चोदने के बाद किसी तरह मुझे भी मेरी अम्मी की दिलवा दो तो मेरा भी घर में ही इंतज़ाम हो जायेगा... तुम मेरी अम्मी के साथ आगे भी मज़े कर सकोगे... मैं तुम्हें कभी नहीं रोकुँगा।“ मैं उसकी बात सुनकर चौंक गया। अगर्चे मैं खुद अपनी अम्मी की ले रहा था पर राशिद को तो यह मालूम नहीं था।
मैंने कहा – “ये क्या कह रहे हो राशिद? अम्बरीन खाला को अपने ही बेटे से चुदवाने के लिये राज़ी करना आसान नहीं होगा!” राशिद बोला – “भाई, मैंने तुम्हें बताया ना कि अम्मी कितनी बड़ी बदकार है... मैं तो खुद ही कोशीश करने की सोच रहा था लेकिन तुम्हारी वजह से ये और आसान हो जायेगा!” मैंने कहा कि – “मैं कोशिश करके देखता हूँ।“
मैंने पहले अम्मी से बात की और उन्हें अम्बरीन खाला की शर्त और राशिद की ख्वाहिश के बारे में बताया। अम्मी को तो पहले ही कोई ऐतराज़ नहीं था और बोलीं कि वो खुद अम्बरीन खाला से बात करके प्रोग्राम तय कर लेंगी। दो दिन बाद अब्बू को फिर से कुछ दिनों के लिये कराची जाना था तो अम्मी और अम्बरीन खाला ने इस बार उनके घर पे मिलने का प्लैन बनाया। मैंने राशिद को भी फोन करके बता दिया कि उसकी अम्मी राज़ी हो गयी हैं कि हम चारों एक साथ चुदाई करेंगे लेकिन इसके लिये उसकी अम्मी को उसके अपनी खाला मतलब कि मेरी अम्मी के साथ ताल्लुकात के बारे में बताना पड़ा।
दो दिन के बाद मेरे छोटे भाई-बहन को नाना के घर छोड़ने के बाद शाम छः बजे मैं और अम्मी अम्बरीन खाला के घर पहुँचे। अम्मी आज भी खूब अच्छे से मेक-अप करके तैयार हुई थीं। अम्मी ने गुलाबी रंग की बगैर आस्तीनों वाली कमीज़ पहनी थी जिसका गला बेहद गहरा था। सफ़ेद रंग की टाइट सलवार के साथ काले रंग के ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल पहने थे और बेहद हसीन लग रही थीं। खाला भी बेहद खूबसूरत और सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने नीले रंग का डिज़ायनर जोड़ा और सफ़ेद रंग के ऊँची ऐड़ी वाले सैंडल पहने हुए थे। अम्बरीन खाला का छोटा बेटा अपने दादा के घर पर था। हम चरों ड्राइंग रूम में बैठ कर बातचीत करने लगे। खाला और अम्मी शराब पी रही थीं और मैं और राशिद जूस पी रहे थे। मैं थोड़ा नर्वस महसूस कर रहा था और दिल भी धड़क रहा था। राशिद का भी कुछ ऐसा ही हाल था लेकिन अम्मी और अम्बरीन खाला नॉर्मल थीं। शायद इसलिये कि उन दोनों को तो गैर-मर्दों से चुदवाते रहने की आदत थी। थोड़ी देर बाद खाला ने राशिद को मुझे बेडरूम में ले जाने को कहा और बोलीं कि वो और मेरी अम्मी भी थोड़ी देर में आ जायेंगी। हम दोनों अम्बरीन खाला के शानदार बेडरूम में आ गये।
थोड़ी देर बाद अम्मी और अम्बरीन खाला भी बेडरूम में आ गयीं। दोनों शराब के हल्के नशे में मस्त थीं। अम्बरीन खाला आकर बेड पर मेरे पास बैठ गयीं और मेरी गर्दन एक बाँह हाथ डाल कर मेरे गाल चूमने लगीं और एक हाथ मेरी रान पर रख कर सहलने लगी। मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैं भी शिद्दत से उन्हें चूमने लगा। अम्मी भी बेड पर दूसरी तरफ़ राशिद के बराबर में बैठ गयीं और दोनों मुझे और अम्बरीन खाला को आपस में चूमते हुए देख रहे थे। थोड़ी देर में अम्बरीन खाला ने लेटते हुए मुझे खींच कर अपने ऊपर झुका लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये। मैंने भी अपने होंठ उनके नर्म रसीले होंठों से चिपका दिये। मैं उनके बोसे लेता रहा और वो जवाब में अपने लिपस्टिक लगे होठों से मुझे चूमती रहीं। मेरा लंड तन कर फौलाद बन गया था। उनके होंठों और गालों को जी भर के चूसने के बाद मैं उठा और जल्दी-जल्दी अपने कपड़े उतारने लगा।
नंगा होने के बाद मैं खाला के सामने खड़ा हो गया और अपना लंड उनके मुँह के सामने कर दिया। खाला ने बिला-झिझक मेरा लंड हाथ में थाम कर मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं। उधर अम्मी ने भी राशिद को नंगा कर दिया था और उसका लंड चूस रही थीं। बेडरूम में स्प्लिट ए-सी की हल्की आवाज़ के बावजूद मेरा लंड चूसते हुए अम्बरीन खाला के मुँह से ‘सपड़-सपड़’ की आवाज़ें सुनायी दे रही थीं। थोड़ी देर लंड चुसाई के बाद खाला और अम्मी ने भी अपने-अपने कपड़े उतार दिये और ऊँची हील के सैंडल छोड़ कर बिल्कुल नंगी हो गयीं। मैं कईं दिनों बाद अम्बरीन खाला के नंगे जिस्म का दीदार कर रहा था। हम दोनों के लंड टनटना रहे थे। मैंने खाला को आगोश में ले लिया और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनके मांसल चूतड़ों को दबाने लगा। उधर राशिद भी यही कर रहा था। राशिद ने अम्मी को बिस्तर पर लेटा कर उनके होठों को अपने मुँह में लिया और दोनों हाथों से उनके मम्मे मसलने लगा। अम्मी अपना मुँह खोल कर उस का साथ दे रही थीं। दोनों बुरी तरह एक दूसरे को चूम-चाट रहे थे।
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