RE: Muslim Sex Kahani अम्मी और खाला को चोदा
करामत ने इस पोज़िशन में अम्बरीन खाला के जिस्म को अच्छी तरह चूमने और चाटने के बाद उन्हें बेड पर लिटा दिया था। उसने उनके ऊपर आ कर उनकी चूत के अंदर एक ऐसा घस्सा मारा कि उसका पूरा लंड एक झटके से अम्बरीन खाला की चूत के अंदर चला गया। जब उसका लम्बा लंड अम्बरीन खाला की चूत में घुसा तो बे-साख्ता उनकी चींख निकल गयी। अम्मी ने नज़ीर के नीचे लेटे-लेटे अम्बरीन खाला की तरफ़ देखा और फिर अपनी आँखें बंद करके उस के मोटे लंड का मज़ा लेने लगीं।
कुछ ही देर में अम्बरीन खाला की चूत करामत का लंड ज़रा सहुलियत से लेने लगी और वो उन्हें तेज़-रफ़्तार से चोदने लगा। उसने अचानक अपने लंड को अम्बरीन खाला की चूत में गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया। अम्बरीन खाला का मुँह खुल गया और वो अपने चूतड़ों को ज़ोर-ज़ोर से ऊपर उठाने लगीं। अब करामत और अम्बरीन खाला दोनों ही घस्से मार रहे थे। अम्बरीन खाला करामत के लंड पर घस्से मार रही थीं और करामत अम्बरीन खाला की चूत में घस्से लगा रहा था। एक मिनट बाद ही अम्बरीन खाला छूट गयीं और उनके मुँह से निकलने वाली आवाज़ें पहले कुछ और तेज़ हुईं और फिर दम तोड़ने लगीं।
करामत उनके खल्लास होने से और बिफर गया और उसके घस्सों में शिद्दत आ गयी। उसका लंड अम्बरीन खाला की पानी से भरी हुई चूत में ‘शपड़-शपड़’ की आवाज़ों के साथ आ जा रहा था। चंद लम्हों के अंदर ही अम्बरीन खाला ने एक बार फिर तेज़-तेज़ “ऊँऊँहहह आआंआंह” शुरू की और बड़े खौफ़नाक तरीके से दूसरी दफ़ा खल्लास हो गयीं। उनकी चूत से निकलने वाले पानी ने बेड की नीली चादर पर काफी बड़ा गोल-सा निशान बना दिया था। करामत उनकी हालत से बे-नियाज़ उसी तरह अपने लंड से उनकी चूत की धज्जियाँ उड़ाता रहा और उसके टट्टे अम्बरीन खाला की गाँड के सुराख से ‘थप-थप’ टकराते रहे।
कुछ देर में नज़ीर ने अम्मी की चूत से अपना लंड निकाला और करामत से कहा कि वो अब अम्बरीन खाला की फुद्दी मारना चाहता है। करामत फौरन अम्बरीन खाला के ऊपर से उठ गया और आ कर अम्मी के मोटे मम्मे चूसने लगा। नज़ीर ने पहले तो अम्बरीन खाला के आठ-दस बोसे लिये और फिर उनके मम्मे मसलते हुए उनको अपने लंड पर बिठा लिया। उन्होंने इस दफ़ा नज़ीर का मोटा लंड बड़ी आसानी से अपनी चूत में ले लिया और उस पर ऊपर नीचे होने लगीं। कुछ देर तक अम्बरीन खाला के मम्मे हाथों में पकड़ कर नज़ीर उन्हें इसी तरह चोदता रहा।
फिर उसने अम्बरीन खाला को कुत्तिया बनाया और पीछे से उनकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसके घस्सों के ज़ोरदार झटकों से अम्बरीन खाला के मोटे मम्मे बे-काबू हो कर ज़ोर-ज़ोर से झूलने लगे। कोई आठ दस मिनट तक उन्हें पीछे से चोदने के बाद नज़ीर ने एक दफ़ा फिर उनका पानी छुड़ा कर उनकी चूत की जान छोड़ी और दो तकिये सर के नीचे रख कर बेड पर लेट गया। अम्बरीन खाला भी वहीं अपनी टाँगें फैला कर के लेटी हुई अपनी साँसें काबू करने लगीं।
करामत उस वक़्त अम्मी के चूतड़ों को खोल कर उनकी चूत और गाँड के सुराख को चाट रहा था। नज़ीर ने अम्मी से कहा कि वो उसका लंड चूसें और अपनी बहन की चूत के पानी का मज़ा लें। उसने हंस कर कहा कि आज वो उन्हें लंदन की सैर करायेगा। अम्मी मुस्कुराते हुए करामत के पास से हट गयीं। वो एक लम्हे के लिये रुकीं लेकिन फिर उन्होंने घुटनों के बल बैठ कर नज़ीर का गीला लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगीं। करामत ने भी अपना लंड उनके मुँह के सामने कर दिया और अम्मी बारी-बारी उन दोनों के लंड चूसती रहीं।
थोड़ी देर तक अम्मी से अपना लंड चुसवाने के बाद करामत उनके चूतड़ों की तरफ़ आ गया और अपना लम्बा लंड हाथ में पकड़ कर उनकी फूली हुई चूत में अपनी बड़ी उंगली डाल कर हिलाने लगा। अम्मी ने फुसफुसाते हुए कहा कि – “उंगली नहीं अपना लंड अंदर डालो!” इस पर करामत ने एक झटके से अपने लंड को अम्मी की चूत के अंदर घुसेड़ दिया। अम्मी उस वक़्त नज़ीर का लंड चूस रही थीं लेकिन जब करामत ने अपना लंड अचानक उनकी चूत में डाला तो नज़ीर का लंड उनके मुँह से निकल गया। करामत ने फौरन ही अम्मी के चूतड़ों को पकड़ा और उनकी चूत में घस्से मारने लगा। उसका ताकतवर लंड अम्मी कि चूत को जैसे फाड़ता हुआ उसके अंदर जा रहा था। अम्मी के चेहरे पर तक़लीफ के आसार थे और वो अपनी चूत में लगने वाले हर घस्से पर “आआंआंहह... आंआंआईईई.... आआंआंहह... आआंआंहह...” कर रही थीं। करामत का लंड उनकी चूत में तेज़ी से अंदर-बाहर हो रहा था।
अम्मी ने नज़ीर का लंड अपने हाथ में पकड़ा हुआ था लेकिन करामत के तेज़ झटकों की वजह से अब उसे चूस नहीं पा रही थीं। करामत का लंड अपने अंदर लेटे हुए अम्मी का तनोमंद जिस्म बार-बार दुहरा हो-हो जाता था। करामत ने अम्मी को काबू करने के लिये अपना एक हाथ उनकी गर्दन पर रखा और उन्हें नीचे दबा कर उनकी चूत में पूरी ताकत से घस्से मारने लगा। नज़ीर ने अम्मी के दोनों मम्मे हाथों में दबोच लिये और उन्हें अपनी चूत को करामत के लंड के ऊपर ही रखने पर मजबूर कर दिया। अम्मी अब आगे हो कर करामत के लंड से अपनी चूत को बचा नहीं सकती थीं। उन्होंने बे-बसी के आलम में अपना एक हाथ पीछे कर के करामत की रान पर रखा और उसे तेज़ घस्से मारने से रोकने की कोशिश की मगर वो अपने लंबे लंड से अम्मी कि चूत का कचूमर निकालने में मसरूफ रहा। वो इसी तरह अम्मी को चोदता रहा और अम्मी की मस्ती भरी चींखें बेडरूम में गूँजती रहीं। इसी तरह चींखें मारते मारते अम्मी फिर खल्लास हो गयीं।
अम्बरीन खाला नज़ीर के बिल्कुल साथ जुड़ कर लेटी थीं और अम्मी की मस्ती भरी चींखें उन पर भी असर कर रही थीं। मैंने उनके मम्मों के निप्पल अकड़ते हुए देखे। वो एक हाथ से अपना एक मम्मा मसल रही थीं और दूसरा हाथ से अपनी चूत। वो लंड लेने के लिये बेताब नज़र आ रही थीं लेकिन नज़ीर और करामत दोनों की तवज्जो अम्मी को चोदने पर मरकूज़ थी। बिल-आखिर नज़ीर ने अम्मी को करामत के हवाले किया और अम्बरीन खाला को अपने लंड पर बैठने को कहा। उन्होंने वक़्त ज़ाया किये बगैर नज़ीर के ऊपर टाँग पलटायी और उस का लंड अपनी चूत में ले लिया। दोनों बहनों को दो इंतेहाई तजुर्बेकार मर्द बे-तहाशा चोद रहे थे।
अम्बरीन खाला नज़ीर के लंड पर बैठी ही थीं कि तीन-चार मिनट में फिर खल्लास हो गयीं। नज़ीर हंसने लगा। उसने अम्बरीन खाला को बेड पर लिटाया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया। अभी उसने उनकी चूत में दस-बारह घस्से ही लगाये थे कि उसके मुँह से अजीब भोंडी आवाज़ें निकलने लगीं। उसके काले चूतड़ अकड़ गये और उसने खल्लास होते हुए अम्बरीन खाला की चूत में अपनी सारी मनि छोड़ दी। फिर उसने अपना लंड उनके अंदर से निकाला और उनके साथ लेट गया।
करामत अब भी अम्मी की चूत में घस्से मार रहा था और उसका मुँह जिस्मानी मुशक्कत से लाल हो रहा था। वो भी अब यकीनन छूटने के क़रीब था। उसने चंद ज़ोरदार घस्सों के बाद अपने लंड को अम्मी की चूत में पूरा घुसा कर दबा दिया और वहीं रुक गया। फिर अपना पूरा मुँह खोल कर उसने अम्मी के चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उनके अंदर अपनी मनि डालने लगा। अम्मी की चूत में अपनी मनि का आखिरी कतरा डालने के बाद वो उनके बगल में लेट गया।.
जब नज़ीर और करामत फारिग हुए तो मुझे लगा कि चलो काम निपट गया लेकिन मेरा ख्याल बिल्कुल गलत था। दो-तीन मिनट तो चारों बेड पर लेटे अपनी-अपनी साँसें संभालते रहे। फिर नज़ीर ने मेरी अम्मी और अम्बरीन खाला से पूछा कि उन्हें भी मज़ा आया कि नहीं। इस बार दोनों ने मुस्कुराते हुए “हूँहूँ” करके हाँ में जवाब दिया। चारों में से किसी ने भी अपने नंगे जिस्म को ढकने की ज़हमत नहीं की। उनके लिये मैं तो जैसे वहाँ मौजूद ही नहीं था। फिर अचानक नज़ीर मुझसे मुखातिब होते हुए बोला – “तुम्हें मज़ा आया अपनी अम्मी और खाला को चुदते देख कर?” मैं कुछ नहीं बोला और नज़रें झुका लीं। मेरा लंड अभी भी पैंट के अंदर तन कर खड़ा था लेकिन शर्मिंदगी भी महसूस हो रही थी। फिर वो मुझसे बोला कि उनके पीने लिये कुछ ठंडा ले कर आऊँ। मैं किचन में जाकर पाँच बड़े गिलसों में बर्फ़ के साथ पेप्सी डालने लगा। मुझे बेडरूम से अम्मी और अम्बरीन खाला के कुछ बोलने और खिलखिला के हंसने कि आवाज़ें सुनाई दे रही थी। जब मैं ट्रे में गिलास ले कर आया तो मैं बेडरूम के बाहर रुक कर अंदर चल रही गुफ़्तगू सुनने लगा।
नज़ीर बोल रहा था – “अभी तो और मज़ा आयेगा... जब हम दोनों मिल के तुम दोनों तो लंदन की सैर करवायेंगे!” अम्मी ने मुस्कुराते हुए पूछा – “लंदन की सैर? वो कैसे?”
“जब सैर करोगी तब देख लेना!” कहते हुए नज़ीर और करामत दोनों हंसने लगे और अम्मी और अम्बरीन खाला भी उनके साथ हंसने लगीं। ज़ाहिराना तौर पे दोनों बहनें इस हरामकारी में खुल कर शरीक़ हो रही थीं और बस मेरी मौजूदगी में शाइस्तगी का थोड़ा नाटक कर रही थीं। नज़ीर फिर बोला – “मेरी तो सलाह है कि थोड़ी शराब और पी लो तुम दोनों... मदहोशी में लंदन की सैर का पूरा मज़ा ले सकोगी।“
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