RE: Muslim Sex Kahani अम्मी और खाला को चोदा
मुझे सिर्फ़ पुलीस के आने का ही खौफ नहीं था। होटल में खानदान के और लोग भी ठहरे हुए थे। अगर उन्हें पता चलता के शराब के नशे में चूर अम्बरीन खाला को मैं चोदना चाहता था तो क्या होता? अम्बरीन खाला की कितनी बदनामी होती। खालू नवाज़ क्या सोचते? उनका बेटा राशिद मेरा दोस्त था। अगर उसे पता चलता के मेरी नियत उसकी अम्मी की चूत पर थी तो उस पर क्या गुज़रती? मेरे अब्बू ने सुबह पिंडी पुहँचना था। उन्हें पता चलता तो क्या बनता? बड़ी खाला के बेटे की शादी अलग खराब होती। मेरा दिल डूबने लगा। अम्बरीन खाला ने हल्की सी लड़खड़ाई हुई आवाज़ में कुछ कहा। नज़ीर उनकी तरफ मुड़ा और उन्हें मुखातिब कर के बड़ी बे-बाकी से बोला के अगर वो अपनी चूत उसे दे दें तो कोई मसला नहीं होगा। लेकिन उन्होंने इनकार किया तो पुलीस ज़रूर आएगी। अम्बरीन खाला चुप रहीं मगर उनके चेहरे का रंग ज़र्द पड़ गया। उन्होंने अपनी क़मीज़ अपने नंगे ऊपरी जिस्म पर डाली हुई थी।
नज़ीर ने मुझसे पूछा के क्या मैंने पहले किसी औरत को चोदा है। मैंने कहा – “नहीं!” वो बोला के औरत नशे में हो तो उससे चोदने का मज़ा आता है लेकिन अम्बरीन खाला कुछ ज्यादा ही नशे में थी। वो अम्बरीन खाला के लिये तेज़ कॉफी ले कर आता है जिसे पी कर उनका नशा थोड़ा कम हो जायेगा। फिर वो चुदाई का जायेगा मज़ा देंगी भी और लेंगी भी। उस ने अपना मोबाइल जेब में डाला और तेज़ क़दम उठाता हुआ कमरे से निकल गया। अम्बरीन खाला ने उसके जाते ही अपनी क़मीज़ ब्रा के बगैर ही पहन ली।
जब उन्होंने क़मीज़ पहनने के लिये अपने हाथ उठाये तो उनके मोटे-मोटे मम्मे हिले लेकिन उनके नंगे मम्मों की हरकत का मुझ पर कोई असर नहीं हुआ क्योंकि अब उन्हें चोदने का भूत मेरे सर से उतर चुका था। उनके नशे पर भी खौफ गालिब हो रहा था। उन्होंने कहा कि – “शाकिर तुमने ये क्या कर दिया? अब क्या होगा? ये कमीना तो मुझे बे-आबरू करना चाहता है!” उनकी परेशानी वाजिब थी। अगर हम नज़ीर को रोकते तो वो हमें जान से भी मार सकता था या कोई और नुक़सान पुहँचा सकता था। अगर हम होटल में मौजूद अपने रिश्तेदारों को खबर करते तो हमारे लिये ही मुसीबत बनती क्योंकि नज़ीर के फोन में हमारी तस्वीर थी। मैंने अम्बरीन खाला से अपनी हरकत की माफी माँगी। वो कुछ ना बोलीं।
कुछ देर में नज़ीर एक मग में कॉफी ले आया जो अम्बरीन खाला ने पी ली। उनका नशा कॉफी से वाक़य कुछ कम हो गया और वो पहले से काफी हद तक नॉर्मल नज़र आने लगीं। नज़ीर ने मुझे कहा कि – “मैं आज तुम्हें भी मज़े कराऊँगा क्योंकि तुम्हारा दिल अपनी खाला पर है। वैसे तुम्हारी खाला है नंबर वन माल। इस कुत्तिया का नाम क्या है?” मुझे उसकी बकवास सुन कर गुस्सा तो आया मगर क्या करता। मैंने कहा – “अम्बरीन!” उस ने होठों पर ज़ुबान फेर कर अम्बरीन खाला की तरफ देखा। वो बोलीं कि उन्हें पेशाब करना है और अपना ब्रा उठा कर लड़खड़ाती हुई बाथरूम चली गयीं। जब वापस आईं तो उन्होंने अपना ब्रा पहन रखा था और आकर कुर्सी पर बैठ गयीं। उनके आते ही नज़ीर ने अपने कपड़े उतारे और अलिफ नंगा हो गया।
उसका क़द बहुत छोटा था मगर जिस्म बड़ा घुटा हुआ और मज़बूत था। उस का लंड इंतेहाई मोटा था जो उस वक़्त भी आधा खड़ा हुआ निस्फ़ दायरे की तरह उसके मोटे-मोटे टट्टों पर झुका हुआ था। उस के लंड का टोपा निस्बतन छोटा था मगर पीछे की तरफ इंतेहाई मोटा हो जाता था। उसकी झांटो के बाल घने थे और घुंघराले थे और उन के अलावा उसके जिस्म पर कहीं बाल नहीं थे। टट्टे बहुत मोटे-मोटे थे जिनकी वजह से उसका लंड और भी बड़ा लगता था। अम्बरीन खाला नज़ीर के लंड को देख कर हैरान रह गयीं। इतना मोटा लंड शायद उन्होंने पहले कभी नहीं देखा होगा। मेरा ख़याल था कि अपने शौहर के अलावा वे कभी किसी से नहीं चुदी होंगी लेकिन बाद में पता चला कि ये मेरी गलत फ़हमी थी। वो तो अल्लाह जाने अपनी ज़िंदगी में पता नहीं कितने ही लंड ले चुकी थीं।
नज़ीर ने देखा कि अम्बरीन खाला उसके लंड को हैरत से देख रही हैं तो उसने अपना लंड हाथ में ले कर उसे ऊपर नीचे हरकत दी और इतराते हुए अम्बरीन खाला से पूछा कि उन्हें उसका लंड पसंद आया या नहीं। वो खामोश रहीं लेकिन उनकी निगाहें नज़ीर के लंड पर ही जमी हुई थीं। मैंने नोट किया कि उनकी आँखों में अजीब सी चमक थी पर फिर लगा कि शायद मेरा वहम था। वो फिर बोला – “जब ये लंड तेरी फुद्दी में जायेगा तो तुझे बहुत मज़ा देगा!” अम्बरीन खाला ने अपनी नज़रें झुका लीं और उनके गाल सुर्ख हो गये थे। नज़ीर ने अपना फोन और चाक़ू बेड के साथ पड़ी हुई छोटी सी मेज़ पर रखे और मुझे भी कपड़े उतारने को कहा। मैं खौफ के आलम में चुदाई का कैसे सोच सकता था। मैंने इनकार कर दिया।
वो अम्बरीन खाला के पास गया और उनका हाथ पकड़ कर उन्हें कुर्सी से उठाने लगा। उन्होंने अपना हाथ छुड़ाना चाहा तो नज़ीर उन्हें ग़लीज़ गालियाँ देने लगा। कहने लगा – “तेरी चूत मारूँ कुत्तिया... अब शरीफ़ बनती है! तेरे फुद्दे में लंड दूँ हरामज़ादी, कंजरी, बहनचोद! तेरी बहन को चोदूँ... अभी कुछ देर पहले तो तू शराब पीके नशे में मस्त होके अपने भांजे से चुदवाने वाली थी और अब शरीफ़ बन रही है!” इस बे-इज़्ज़ती पर अम्बरीन खाला का चेहरा फिर लाल हो गया। वो जल्दी से खड़ी हो गयीं। मैं भी अंदर से हिल कर रह गया। उस वक़्त मुझे एहसास हुआ के मैं नादानी में क्या गज़ब कर बैठा था।
नज़ीर ने अम्बरीन खाला को खड़ा किया और उनसे लिपट गया। उस का क़द अम्बरीन खाला से तीन इंच छोटा तो ज़रूर होगा। अम्बरीन खाला ने ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल भी पहने हुए थे। वो उनके दिलकश चेहरे को ‘चपड़-चपड़’ चूमने लगा। उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा हुआ था और अम्बरीन खाला की चूत से नीचे रानों में घुस रहा था। मैं जो थोड़ी देर पहले तक अम्बरीन खाला को चोदने के लिये बेताब था अब खौफ और पशेमानी की वजह से सब कुछ भूल चुका था। मुझे अपना दिल पसलियों में धक-धक करता महसूस हो रहा था।
नज़ीर ने अम्बरीन खाला के होठों को मुँह में ले कर चूसा तो उन्होंने अपना मुँह कुछ ऐसे दूसरी तरफ फेरा जैसे उन्हें घिन्न आ रही हो। इस पर नज़ीर ने उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत को हाथ में पकड़ लिया और कहा – “बाज़ आजा, कुतिया तेरी फुद्दी मारूँ। अगर मुझे रोका तो तेरी इस मोटी फुद्दी को नोच लुँगा।“ अम्बरीन खाला तक़लीफ़ में थीं जिसका मतलब था के नज़ीर ने वाक़य उनकी चूत के अपनी मुट्ठी में जकड़ रखा था। उन्होंने फौरन अपना चेहरा उसकी तरफ कर लिया। नज़ीर ने उनकी चूत छोड़ दी और दोबारा अपने होंठ उनके होठों पर जमा दिये। उस का काला बदसूरत चेहरा अम्बरीन खाला के गोरे हसीन चेहरे के साथ चिपका हुआ अजीब लग रहा था। नज़ीर उनका मुँह चूमते हुए कपड़ों के ऊपर से ही उनके मोटे मम्मों को मसलने लगा।
कुछ देर बाद उसने मेरी तरफ देखा और कहा – “इधर आ, चूतिये मादरचोद। अपनी खाला की क़मीज़ उतार और इस की बाड़ी खोल।” वो ब्रा को बाड़ी कह रहा था। मैंने फिर इनकार कर दिया। सिर्फ़ एक घंटा पहले मैं अम्बरीन खाला के मम्मों की एक झलक देखने के लिये बेताब था मगर अब बिल्कुल ठंडा पड़ चुका था।
मेरे इनकार पर नज़ीर अम्बरीन खाला को छोड़ कर मेरी तरफ आया। क़रीब आ कर उस ने एक ज़ोरदार थप्पड़ मेरे मुँह पर रसीद कर दिया। मैं इसके लिये तैयार नहीं था। मेरा सर घूम गया। उस ने एक और तमाचा मेरे मुँह पर लगाया। मेरा निचला होंठ थोड़ा सा फट गया और मुझे अपनी ज़ुबान पर खून का ज़ायक़ा महसूस हुआ। अम्बरीन खाला शायद घबरा गयीं और नज़ीर से कहा – “इसे मत मारो। तुम्हें जो करना है कर लो।” नज़ीर गुस्से में उनकी जानिब पलटा और कहा – “चुप! तेरी बहन की चूत मारूँ रंडी! अभी तो मुझे तेरी फुद्दी का पानी निकालना है।” फिर मुझे देख कर कहने लगा – “तेरी अम्मी को अपने लंड पर बिठाऊँ... वो भी तेरी इस गश्ती खाला की तरह जबर्दस्त माल होगी। बता क्या नाम है तेरी अम्मी का?” में चुप रहा तो उस ने एक घूँसा मेरी गर्दन पर मारा।
इस पर अम्बरीन खाला बोलीं – “इस की अम्मी का नाम यास्मीन है!” नज़ीर ने कहा – “मैं इस यास्मीन की भी जरूर चोदुँगा।” मैंने बेबसी से उस की तरफ देखा तो कहने लगा – “तेरी अम्मी की चूत में भी ज़रूर अपनी मनि निकालुँगा कुत्ती के बच्चे। उसकी फुद्दी जिससे तू निकला है वो तेरे सामने ही मेरा ये मोटा लंड लेगी। चल जो कह रहा हूँ वो कर वरना मार-मार कर हड्डियाँ तोड़ दूँगा।”
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