RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
" अरे भाभी उसे इतना सीधा मत समझना, एक तो वो पहना के ही माना." खिलखिला के वो बोली, और उसने अपने ड्रेस का शोल्डर स्ट्रॅप नीचे सरका दिया. एक प्यारी सी गुलाबी हाफ कप लेसी ब्रा मे उसके जोबन छलक रहे थे. " भाभी प्लीज़, मेरी एक रिक्वेस्ट है, प्लीज़ मेरी अच्छी भाभी, मना मत करना." मुझे बाहों मे कस के भर के वो बोली.
" ठीक है बोल... आज तक तेरी कोई बात मैने टाली है, पर पहले मेरी फीस." और मैने भी उसे कस के भींच के, उसकी ब्रा का कप स्ररका उसके गुलाबी निपल अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. और कुछ देर चूस के बोली, " बोल, लेकिन ये बता... क्या क्या किया उसने ..."
" भाभी, ऑलमोस्ट सब कुछ, सिवाय उसके जो आपने मना किया था. हाँ कल उसने रिक्वेस्ट किया है मुझसे अपने साथ चलने को. उसके फार्म हाउस पे. कल सनडे है, इसलिए उसकी भी दुकान बंद रहेगी. यहाँ पे वो कहता है कि उसके सर्वेंट्स रहते है और किसी ने उसके पेरेंट्स से कह दिया तो... इसी लिए... 5-6 दिन मे उसके पेरेंट्स फिर आ जाएँगे.. प्लीज़ भाभी. खाली दिन भर की बात है. बहोत रिक्वेस्ट कर रहा था... कह रहा था कि इतने दिन से इसी दिन का इंतजार था उसे." वो बोली.
" और तेरी पहले वाली ब्रा पैंटी..."
" वो उसने अपने पास रख ली... निशानी के तौर पे. पर भाभी कल का प्रोग्राम पूरा आपके उपर है. कुछ करिए ना.
" चल ठीक है देखती हू, पर पहले घूस दे तो मुझे" और उसकी ड्रेस कमर तक नीची कर के,उसकी ब्रा से दोनों कबूतरों को मैने आज़ाद कर दिया और दोनों को बारी बारी से चूसने लगी. थोड़ी देर मे ही वो सिसकिया भर रही थी.
" अच्छा बोल, पकड़ा था उसका. कितना बड़ा है." रुक के मैने पूछा.
" भाभी अच्छा ख़ासा लंबा है, मोटा भी है. पकड़ाया तो था उसने पर. मारे शर्म के मैने आँखे बंद कर ली. हंस के वो बोली.
" अच्छा, तो सारी अदा, लटके झटके सीख लिए तूने." मैने चिढ़ाया.
वह बस फिर से हंस दी.
" बस एक प्राब्लम है. कल तेरे भैया घर पे रहेंगे, तो....दिन भर के लिए ..कैसे... चल मैं कोई रास्ता निकालती हू. और हाँ मैं जा रही हू, चाय बनाने और तू ये ड्रेस उतार के अपने असली रूप मे आ जा, फ्रॉक मे. और तुझे तो आज म्यूज़िक क्लास मे भी जाना होगा.
" हाँ भाभी. बस मैं ये ड्रेस चेंज करके आती हू अभी."
चाय पीते हुए मैने उससे कहा," मेरी प्यारी ननद रानी, मेरा एक काम कर दोगि, म्यूज़िक क्लास के बाद. ज़रा ख़लील के यहाँ चली जाना, उसे पेमेंट देना है. ये ले 500 रुपये. और हाँ अपनी नाप भी दे देना. उसे तेरे लिए मैं कुछ कपड़े दे आई थी उसे. ज़रा जल्दी जाना. आज कल वो दुकान थोड़ा जल्दी बंद कर देता है. और वैसे भी पहले तुझे म्यूज़िक क्लास से ज़्यादा तो. यार के साथ आँख मटक्का मे समय लगता था पर अभी तो वो गाव गया है.. जल्दी जाना. ये नही कि किसी नये यार को पटाने लग जाना."
" ठीक है, भाभी." चाय का प्याला रखते हुए वो बोली.
" अरे रुक ज़रा, ये बता तेरे यार के जो दोस्त थे ना, जो उसके साथ रहते थे. उनमे से तो कोई नही तुझे लाइन मारता."
" मरते है भाभी.. लड़कों को तो आप जानती ही है. कुछ कुछ बोलते है...कई तो फ्लाइयिंग किस भी देते है."
" अरे तू फिर जवाब क्यों नही देती. बेचारों का थोड़ा तो दिल रख दिया कर, ज़रा आँखों की बांकी अदा, थोड़ा कमर और चूतड़ मटका के, कभी मुस्कान, कभी जलवे."
" ठीक है भाभी." मुस्करा के वोबोली और जैसे ही वो चलने को हुई मैने फिर रोक लिया.
" मालूम है मैने उसे बोला है. आज तेरी वो नाप वैसे ही लेगा जैसे वो मेरी चोली की लेता है, तो फिर अपनी ये चढ्ढि बनियान उतार के जाना." और उसने मेरे सामने, दोनो उतार के मुझे दे दिया और चूतड़ मटकाती चल दी.
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