RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
अब वो सचमुच कसकर जैसे कोई लण्ड चूस रही हो, उसकी उँगली चूस रही थी। वो दूसरे हाथ से प्यार से उसके उभरे हुए कोमल नितंब सहला रहा था। अचानक उसने कसकर एक दोहत्थड़ उसके चूतड़ पे लगाया। उसके मुँह में उसकी उँगली घुसी हुई थी इसलिये बेचारी चीख क्या पाती, लेकिन उसके चेहरे पे दर्द की लहर दौड़ गयी। पर वह इतने पे रुका नहीं… दो, तीन, चार वो और ताकत से मार रहा था। उसके गोरे-गोरे चूतड़, चोट से लाल हो गये। पर मेरी आँखें विस्मय से फैल गयी जब मैंने गुड्डी के चेहरे को ध्यान से देखा। दर्द के साथ एक नये किस्म का मजा उसके चेहरे पे फैल रहा था, एक ऐसा मजा जो उसने पहले कभी ना चखा हो।
अजय ने चोदना कुछ देर के लिए रोक दिया था. उसका आधा लंड उसकी चूत मे अटका था और चुतडो पे पड़ता उसका हाथ अब सीधे गान्ड के छेद पे पड़ रहा था. वह एक उंगली से उसे रगड़ भी रहा था. कैमरे को मैने वहाँ ज़ूम किया. उसकी कसी कसी गान्ड का टाइट छेद. तभी उसने वो उंगली जिसे गुड्डी चूस रही थी, उसके मूह से बाहर निकाला, और उसके गान्ड पे लगा के रगड़ने लगा और फिर पूरी ताक़त से अंदर घुसेड दिया. दर्द के मारे उसकी हालत खराब थी पर वो इसका भी मज़ा ले रही थी.
मैं सोचने लगी कि इसका मतलब है इसे दर्द मे भी मज़ा..इस बात ने तो उसकी ट्रैनिंग और मज़े की नयी ढेर सारी सम्भावनए खोल दी थी. पहले दूबे भाभी ने और अब अजय...लगता है ये सब चीज़े वास्तव मे इसे अच्छी लगती है और राजीव को तो बी.डाइस.एम. बहोत पसंद है. मैने फिर ध्यान दिया तो अजय की उंगली अब उसकी गान्ड मे पूरी तरह घुसी थी. मुझे लगा कि रात जिस तरह इसने अजय के साथ भर पेट खाया है, इसका पेट तो एकदम और गान्ड भी...और मेरा अंदाज़ा एक दम सही निकाला, जब अजय ने उंगली गान्ड से बाहर निकाली तो उस पे सॉफ गान्ड का... माल दिख रहा था. सतसट...सतसट...गान्ड से उंगली अंदर बाहर हो रही थी.
दूसरे हाथ से वो कस कस के उसकी क्लिट को रगड़ मसल रहा था और थोड़ी देर मे उसी पॉज़ मे उसने अपना पूरा पूरा लंड बाहर निकाल के चोदना भी शुरू कर दिया. गान्ड मे उंगली अंदर जाती तो लंड बाहर आता और चूत मे लंड अंदर जाता तो गान्ड से उंगली बाहर..गुड्डी कमर हिला हिला के सिसकारी भर भर के मज़े ले रही थी. थोड़ी देर मे उसने अंदर बाहर के साथ उंगली गान्ड मे गोल गोल भी घुमाना शुरू कर दिया और अब तो जब वो बाहर आती तो उसमे...और कुछ देर बाद
उंगली पूरी तरह, पेल के छोड़ दी और दूसरे हाथ से लंड को पकड़ के गोल गोल घुमाने लगा. मैं सोच सकती थी कि.अजय की मजबूत टाँगों के बीच फँसी, उसकी चिपकी टाँगे और फिर गुड्डी की कच्ची चूत ...उसकी बुर की क्या बुरी हालत हो रही होगी. तभी अचानक उसकी पीठ पे उसके बालों को फिर लगाम की तरह खींचा और अब की कस के दर्द के मारे उसका मूह खुल गया.
अजय ने उसी के साथ उसकी गान्ड से अपनी उंगली निकाल ली थी...और उसके ...तभी एक खटका हुआ . मुझे लगा कि कही राजीव की नींद ना खुल गयी हो और मुझे अपने बगल मे ना पाकर वो कही नीचे ना आ जाय. मैने कैमरे को ऑटो पे लगा दिया और सोचा कि चलो बाकी का हाल कल फिल्म मे देख लूँगी. और मैं उपर चली आई.
सुबह मेरी नींद जल्दी खुल गयी. बेड टी ले के जब मैं उपर राजीव के पास जा रही थी तो उसके कमरे के पास से गुज़री तो जो आवाज़े निकल रही थी उससे सॉफ पता चल रहा था कि 'मैराथन' अभी चल रहा है. 7 बजे , 8 बजे, आख़िर मैने जा के बाहर से जो रात मे कुण्डी बंद की थी खोल दी. मैने ब्रेकफास्ट लगा लिया और उनके दरवाजे पे जा के हल्की सी दस्तक दी. मैने और राजीव ने ब्रेकफास्ट शुरू भी कर दिया, कि अजय बाहर आया और हम लोगों के साथ बैठ गया. मैने उसके प्लेट मे ओमलेट और सॅंडविच रखा. थोड़ी ही देर मे गुड्डी भी बाहर आई. मेरी निगाहे उस पे टिक के रह गयी. चितरि फैली टांगे, जैसे चलने मे उसे तकलीफ़ हो रही हो, गालों पे कच-कचा के काटने के निशान और सबसे बढ़ के उसके उरोजो के उपरी भाग पे लगी खरोचे, जैसे जबरदस्त सुहाग रात के बाद कोई दुल्हन निकल के बाहर आए बल्कि उससे भी ज़्यादा... अजय के मूह से उसने ओमलेट छीन के एक झटके मे गप्प कर लिया, उसकी प्लेट से सॅंडविच भी उठा ली और उसके बगल मे बैठ गयी. अजय ने भी अब बड़े अधिकार पूर्वक हाथ उसके कंधे पे रख दिया बल्कि उसके हाथ, थोड़ा और नीचे झुक के उसके उरोजो को छेड़ने भी लगे. बजाय उसका हाथ अपने सीने से हटाने के वो और उसके पास आ के सट गयी और उसके प्लेट से ले के खाने लगी.
अजय ने शिकायत की," दीदी, देखिए अपनी लालची ननद को, सब मेरी प्लेट का खा ले रही है."
मेरे मूह से निकलते निकलते रह गया कि रात भर घोंट के पेट नही भरा, पर मैं बोली , " अरे कोई बात नही तू और ले और ये फ्रूट क्रीम भी लो ना कल गुड्डी ने बनाई थी तेरे लिए."
तभी मेरी निगाह घड़ी पे पड़ी और मैं चीख पड़ी, " अरे गुड्डी तेरे स्कूल का टाइम हो गया है. देर हो रही है. एसा कर मैने तेरी यूनिफॉर्म प्रेस कर दी है, झट से पहन ले, अब नहाने धोने का टाइम तो है नही. लौट के नहा लेना.'
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