RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
मैंने समझया- ““देख ये रियर एन्ट्री है, इसमें लड़की हाथ और घुटने के बल झुक जाती है, और मर्द पीछे से घचाघच चोदता है, जैसे कुतिया चुदवाती है वैसे। इसलिये, इसे डागी पोजीशन भी कहते हैं। इसमें मर्द को बहुत मजा आता है क्योंकी वो कसकर चूची की रगड़ाई मसलाई करते हुये हचाहच चोद सकता है। इसके कई तरीके और भी हैं जैसा तुम्हें मैंने फोटो में दिखाया था ना… जैसे तुम पेट के बल लेट जाओ, और कुशन या तकिया लगाकरके वो तुम्हारे चूतड़ ऊपर उठाकरके पीछे से चोदे…”
गुड्डी- “भाभी, इसमें मुझे क्या करना होगा?” बड़े भोलेपन से उसने पूछा।
“तुम्हें? तुम अपनी चूत से लण्ड को सिकोड़ो और हर धक्के के साथ-साथ, जवाब में पीछे की ओर अपने चूतड़ से धक्के मारो कस-कस के…”
गुड्डी ने वैसा ही किया। मैं खचाखच वाइब्रेटर से चोदते हुये बोली- “देख, इस पोजीशन में लड़की को मजा खूब आता है क्योंकी लण्ड चूत में घच्चा-घच्च रगड़ते हुए अंदर जाता है और मर्द को भी बहुत अच्छा लगता है क्योंकी वह खूब ताकत से चोद पाता है। चूचियों की जम के रगड़यी मसलाई, साथ-साथ क्लिट को भी छेड़ने का मजा, और गाण्ड में भी उँगली कर सकता है। हां, कई बार घुटने में दर्द होता है, तो अगर तुम घुटने के सहारे हो तो उसके नीचे कुशन लगा सकती हो…” इसके बाद मैंने उसे साइड इन्ट्री के तरीके, खड़े-खड़े चुदाने के तरीके सब सिखाये। मैंने बताया की मर्द पीछे से भी, लेटकर ले सकता है, टांगें उठाकर। इसमें चिपका-चिपकी पूरी होती है लेकिन सेक्स की स्पीड धीमी होती है।
गुड्डी- “भाभी, आपको कितने आसन पता हैं? भैया करते हैं इस तरह?” हँसकर उसने पूछा।
“हां, सोने के पहले। इसको स्पूनिंग कहते हैं क्योंकी चम्मच की तरह इसमें एडजस्ट हो जाते हैं। ऐसा अकसर वो अंत में करते हैं और चोदते-चोदते हम सो जाते हैं। झड़ के उनका लण्ड मेरी चूत में ही पड़ा रहता है। वो पीछे से मेरी चूचियां पकड़े-पकड़े सो जाते है, और मुझे भी उनकी देह का अहसास नींद में भी होता रहता है। और सुबह उनका हरदम खड़ा होता है तो वो फिर से चालू हो जाते हैं…”
गुड्डी- “और भाभी, जब आप ऊपर होती है तो?”
“अच्छा तो तेरा खुद चोदने का मन कर रहा है? चल वो भी सिखा देती हूं। पर ये ध्यान रखो की किसी भी आसन में तीन बातें होनी चाहिये, पहली बात उसमें तुम दोनों कम्फरटेबल हो, दूसरा उसमें चुदाई के साथ और क्या-क्या कर सकते हो और तीसरा उसमें आगे-पीछे धक्का लगाने में कितनी आसानी है। और इसके अलावा मौके और मूड पे भी डिपेंड करता है। उस दिन तुम्हारे घर पे इत्ते मेहमान थे पर राजीव में मुझे इशारा करके बाथरूम में बुलाया और खड़े-खड़े मैंने साड़ी उठा ली और उन्होंने सिर्फ जिप खोली। टांग उठाकर मैंने जम के चुदवा लिया। हां जो मैंने तुम्हें एक्सरसाइज़ बतायी थी ना वो जरूरी हैं टांग, जंघाओं, कमर इन सबकी मजबूती के लिये। तभी चुदाई का भरपूर मजा ले सकती हो…”
फिर मैंने उसे औरत ऊपर आकर कैसे चोद सकती है, खूब डिटेल में समझाया। मैं वाइब्रेटर इश्तेमाल तो कर रही थी पर इस बात का ध्यान रख रही थी कि वो कहीं झड़ ना जाये या ज्यादा उत्तेजित न हो क्योंकी फिर उसका ध्यान सीखने की बजाय मजा लेने में लग जाता। लेकिन हालत तो हम दोनों की खराब हो रही थी। वो बेचारी खुलकर बोली- “भाभी बहुत मन कर रहा है…”
“ठीक है लेकिन बहुत हो गया मर्द बने। चल, अब लड़कियों की तरह मजा लेते हैं…”
गुड्डी- “हां भाभी हां। बस, मुझे किसी तरह एक बार झाड़ दो…”
“उंहं, ऐसे नहीं मैंने तुम्हें इत्ती ट्रेनिंग दी, चल पहले मुझे गुरूदक्षिणा तो दे। चाट मेरी बुर…”
गुड्डी- “ठीक है भाभी, लेकिन आपको मुझे सिखाना पड़ेगा…”
“एकदम, चल नीचे मेरी टांगों के बीच बैठकर किस कर पहले, अरे सीधे चूत पे नहीं पहले आस-पास…” और उसने ऐसा ही करना शुरू किया।
मेरी चूत तो पहले ही गीली हो रही थी। अब एकदम पानी फेंकने लगी- “हां चूस अब, जैसे संतरे की फांक चूसती है ना वैसे ही पहले हल्के-हल्के। हां, अब कस-कसकर… हां, अब जीभ अंदर ठेल, हां हां ऐसे ही…”
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