RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
फिर मैंने पोज बदली और उसकी टांगों को घुटने से मोड़कर, फैलाकर हल्के-हल्के चोदना शुरू किया और बताया की इस तरह थोड़ा टांगों को आराम मिलता है। इस आसन में जब लण्ड थोड़ा अंदर चला जाय तो तुम्हें भी धक्के लगाना चाहिये। एक हाथ से उसके चूतड़ को उठाके मैंने धीरे-धीरे पूरा वाइब्रेटर अंदर घुसेड़ दिया। अब मैं उसकी चूची रगड़ रही थी और गाल चूम रही थी।
उसकी आंखों में आँखें डाल के, मैंने समझाया- “अब तुम कैंची की तरह टांगें ऊपर करके चूतड़ पे बांध लो, और जब लण्ड अंदर जाय तो उसे साथ-साथ दबाकर के, खींच सकती हो…”
उसने वैसे ही किया। थोड़ी देर उस तरह करने के बाद, हम दोनों ने टांगें एक साथ सीधी कर लीं और मैंने उसे थोड़ा आगे करके वाइब्रेटर के बेस से उसकी क्लिट को रगड़ना शुरू किया। मजे से उसकी आँखें बंद होने लगीं। मैं बोली- “ये असली फायदा है इसका, देख क्लिट की इसमें रगड़ाई कैसे होती है…” इसी तरह करके मैंने सारे वैरियेसन बताये और उनके फायदे भी।
“देख, हर तरह की साइज, स्पीड वाले मर्द, मोटे और पतले, तुझे मिलेंगे। तो अगर ये मालूम हो तो तुम उसी तरह से पोजीशन बदल के पूरा मजा ले सकती हो। और ये तो हुई आसन की बात उसी के साथ है कैसे धक्के लगायेगा वो। हम औरतों के साथ सबसे गड़बड़ बात ये है की ज्यादातर किताबें मर्दों के लिये लिखी रहती हैं इसलिये मैं तुम्हें इतना डिटेल में समझा रही हूं…”
गुड्डी- “भाभी, आप तो मुझे एकदम एक्स्पर्ट बना देंगी…”
“अरे और क्या? देख क्रिकेट वालों को, कोई शाट पढ़ो तो कितना डिटेल में बताते हैं कि किस बाल पे क्या फुटवर्क होगा, कहां जोर देना होगा। लेकिन उसकी तैयारी करके नेट में प्रैक्टिस करके कैसे वो हर बाल पे चौके छक्के जड़ते हैं। इसी तरह से मेरी ननद पढ़ के फिर प्रैक्टिस करके चुदाई में चौके छक्के मारेगी…” और ये कह के, मैंने उसकी दोनों किशोर चूचियों को कसकर पकड़कर एक करारा धक्का मारा।
गुड्डी- “हां भाभी…” कहकर उसने भी चूतड़ उठाकर, धक्के मारकर जवाब दिया।
मैंने उसे उसी तरह, पकड़े पकड़े उठाकर गोद में बिठा लिया और उसे सिटिंग पोजीशन के बारे में बताने लगी, की इसमें मर्द कसकर चूची का मजा ले सकता है, चूम सकता है। मैं उसकी पीठ और चूतड़ पकड़ के हल्के धक्के मार रही थी और वो भी गांद हिला हिला के जवाब दे रही थी. एकदम नेचारूल चुदक्कड थी मेरी ननद और ज़रा सी ट्रैनिंग से वो पक्की छिनार बनने वाली थी. और मैं भी उस की ट्रैनिंग मे कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ने वाली थी. मैने उसे समझाया, " देख काम सूत्र मे भी इस पोज़िशन के बड़े तरीके बताए गये है. अगर मुख से मुख, जंघाओं से जंघाएँ, बाहों से बाँहे जुड़ी रहती है. ऐसे. हाँ इसी तरह, तो उसे कुर्म आसन कहते है अगर तुम्हारी जाँघो के बीच की गुफा मे डाल के, वो अपने नितंब, भौरे की तरह घुमाता है, तो उसे मरकट आसन कहते है. जब तुम्हारे उरोज उसके सीने से रगड़ खा रहे हो, तुम दोनों अपनी पैर क्रास कर के अपनी एडीया सटा के, झूले की तरह आगे पीछे होते हुए चुदाई करो तो उसे दोलित या झूला आसान कहते है." इस तरह मैने बैठ के चुदाई के सारे पॉज़ उसको अच्छी तरह दिखाए.
" पर भाभी, इस मे नुकसान क्या है,"
" देख, पहले फ़ायदा समझ ले. गोद मे बैठ के चुदने मे चुम्मा चाटि, चूंची की रगड़ा रगड़ी का खूब मज़ा है पर इसमे कस के धक्के, नही लग सकते. इसीलिए, ये आसन अक्सर शुरू या अंत मे नही इस्तेमाल कर के, चुदाई के बीच मे करते है. इससे मज़ा प्रोलॉंग हो जाता है."
धीरे धीरे दोपहर हो गयी थी. मैने कहा अब इंटरवल की छुट्टी, बाकी क्लास नहा धो के, खाने के बाद लगेगी. नहा हम साथ साथ रहे थे, और उसमे भी छेड़ खानी जारी थी. वो बोली, " भाभी, आज आप को मैं साबुन लगाउन्गि, जैसे भैया से आप लगवाती है." और हाथ मे साबुन ले के पहले तो उसने मेरे पीठ पे लगाया और फिर दोनो स्तनों पे रगड़ने लगी. मैं क्यों पीछे रहती. मैने नोज़ल शावर लेके, सीधे उसकी चूत पे हमला किया और उसकी चूत के बीच मे फिर क्लिट पे कस के धार छोड़ी. देख शावर से भी कैसे मज़ा ले सकते है,
शायद शावर का ही असर था, वो बोली, " भाभी, मुझे ...आ रही है..."
" क्या..बताओ ना." मुस्कराहट दबा के मैं बोली.
" वही...ज़ोर से लगी है."
" खुल के बोलो... तो करने दूँगी." उसे पकड़ के मैं बोली.
" मुझे ...पेशाब लगी है, बहोत ज़ोर से." किसी तरह रोकती वो बोली.
" उहू रानी ऐसे नही, जैसे मैने तुम्हे बाकी चीज़े सिखाई है ना, वैसे बोलो."
" ओहो भाभी, मुतना है मुझे."
" अरे तो मुतो ना, टाय्लेट तो है. जा के बैठ जा."
" ऐसे कैसे आप के सामने, आप प्लीज़ थोड़ी देर बाहर चली जाइए ना या आँखे बंद कर लीजिए."
" देख, हनिमून मे तुम्हारे भैया ने सिर्फ़ इसी लिए मुझे हड़काया था. हम लोग साथ साथ नहा रहे थे और यही बात मैने भी कही तो वो डाँट के बोले कि जब हम हर काम साथ साथ बिना किसी शर्म के कर रहे है तो इसमे कौन सी शर्म. हमे सारे बॉडिली फंक्षन एक दूसरे के सामने करने चाहिए और फिर और उन्होने प्यार से समझाया भी कि, बॉडी फंक्षन और बॉडी फ्लूईड से चूँकि तैबु जुड़े रहते है, इस लिए उसे तोड़ना ज़रूरी है. फिर वो ये भी बोले की लड़कों को देखो, साथ साथ दीवाल के किनारे खड़े हो जाते है और लड़कियाँ भी, गाव मे तो औरते साथ साथ जाती है,"
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