RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
हम दोनों पलंग पे आमने सामने बैठ गये। मैंने उससे कहा- “अब तुम आँख बंद करके अपने एक-एक बाडी पार्ट को छुओ, उसके स्पर्श को इन्ज्वाय करो और उस समय सिर्फ उसी अंग को महसूस करो और थोड़ा जोर से उस अंग का नाम लो…”
उसने आँख से शुरू किया पर जब वह सीने तक पहुंची तो, वो थोड़ा हिचकी और बोली- “सीना…”
“ना… अब तुम वही शब्द इश्तेमाल करोगी जो तुम्हें बताया था, बोलो चूची और फिर से शुरू करो…” मैंने कहा।
अबकी उसने कोई हिचक नहीं महसूस की और अपनी चूत, गाण्ड सबको उसी तरह स्पर्श करके बोली।
“ठीक है अब तुम आँखें बंद करके मेरे हर अंग को छुओ और उसके नाम लो…” उसके बाद यही कसरत मैंने की। मैंने उसके हर अंग छुये और उसने नाम लिया और फिर हम दोनों ने साथ-साथ। ठीक है चलो नाश्ता कर लो और उसके बाद तुम्हारी ट्रेनिंग होगी।
गुड्डी- “भाभी, प्लीज अब तो कपड़े पहन लें…” कमरे से बाहर निकलने के पहले वो बोली।
“ना ना… किससे शरमा रही है? कल रात भर यार के साथ तो नंगी रहेगी, और मेरे सामने…”
बरामदे में डाइनिंग टेबल पे नाश्ता करके हम लोग फिर कमरे में आ गये। मैं अपना ‘ट्वाय बाक्स’ भी साथ ले आई-“चल ये मान की मैं तेरा यार हूं, अंशुल या कोई भी लड़का, मर्द। मैं एक मर्द की तरह तुझे चिपकाऊँगी, चूमूंगी और तू रिस्पांड करना, जैसे अपने यार के साथ करेगी…”
गुड्डी- “ठीक है भाभी…” वो बोली।
मैंने उसे अपने आलिंगन में भर लिया और होंठो पे चूम लिया। उसने भी कसकर रिस्पांड किया।
“उंहू… ऐसे नहीं, पहले लड़के को शुरूआत करने दो। फिर हल्के से होंठ हिला के रिस्पांड करो, और फिर जब वो कस-कसकर चूमने लगे तो फिर तुम भी। और वो अगर जीभ मुँह में डाले तो उसे कुछ देर बाद हल्के से चूसो और अपनी जीभ का भी इश्तेमाल करो। चलो फिर से…”
अबकी जब मैंने चूमा तो उसके होंठ हल्के से हिले, जैसे हवा के जोर से कोई फूल लहरा जाये।
“एकदम ठीक… जानती हो कामसूत्र में इसे सफुरक कहते हैं। ठीक अब कस के…” और फिर मैंने धीरे से उसके होंठों पे दबाव बढ़ाया और चूमते-चूमते, चूसने लगी।
वो भी अब रिस्पांड कर रही थी। फिर मैंने उसके होंठों के बीच अब जीभ घुसेड़ दी। कुछ रुक के वो जीभ हल्के से चूसने लगी, और फिर तो थोड़ी देर में जीभ की लड़ाई शुरू हो गयी। कुछ देर चूमने के बाद मैंने होंठ हटाये तो वो मुझे देख रही थी।
“एकदम सही 10 में 10, लेकिन एक बात- जब लड़का होंठ हटा ले तो इसका मतलब ये नहीं की तुम चूम नहीं सकती और चूमना सिर्फ होंठ पे हो ये भी जरूरी नहीं। तुम उसकी आँख, गाल, ठुड्डी कहीं भी चूम सकती हो और हां, मर्द अक्सर कानों के लोब्स पे बड़े सेंसिटिव होते हैं। एक बात और… शुरू में तुम्हें कम पहल करनी चाहिये क्योंकी कुछ मर्द असुरक्षित होते हैं, और कुछ शुरू में खुद पहल करना चाहते हैं पर बाद में तुम एकदम जम के बराबरी कर सकती हो। चल, एक बार फिर से। और जैसे मैं करूं ना, वैसे तुम रिपीट करो…”
हम लोगों ने दुबारा चुंबन क्रीड़ा शुरू कर दी। अबकी हम लोग खुलकर जीभ का इश्तेमाल कर रहे थे। कभी मैं उसकी जीभ को हल्के से चूसती तो कभी वो मेरी जीभ चूसती, कभी मैं हल्के से जीभ फ्लिकर करती, कभी उसके मुँह में घुमाती, कभी जीभ एक दूसरे का पीछा करती और एक बार तो मैंने हल्के से काट भी लिया।
अबकी जब हम लोग अलग हुए तो मैं बोली- “इसे फ्रेंच किस कहते हैं, और सच में इसमें बहुत मजा आता है…”
गुड्डी- “हां भाभी…”
“और किस के समय, सर चेहरा कैसे पकड़ना चाहिये, ये भी इम्पार्टेंट है। किस के बाद ये ध्यान देना चाहिये की अचानक बाडी कांटैक्ट ना टूटे। और होंठ हमेशा अट्रैक्टिव होने चाहिये। इसलिये कुछ मेक-अप हो ना हो, हल्की लिपस्टिक हमेशा होनी चाहिये, और तेरे होंठों पे तो वेट-लुक बहुत सेंसुअस लगेगा। अचछा चल अब मेन कोर्स पे…”
हम दोनों पलंग पे आ गये। मैंने उससे कोक शास्त्र और कामसूत्र दोनों निकालकर लाने को कहा। मैंने सबसे पहले मिशनरी पोजीशन से शुरूआत की- “देख ये सबसे कामन पोजीशन है, इसमें मर्द ऊपर रहता है। लेकिन एक बात और… शुरूआत में तुम्हारी उमर में ये जरूरी है कि टांगें जितना फैला सकती हो उससे भी ज्यादा फैलाओ, और टांगें ऊपर रखो। अगर कम दर्द से चुदाना है तो ये जरूरी है। हां तो इस आसन में फायदा ये है की पूरी देह संपर्क में रहती है। मर्द के लिये ये मजा है की वो मन भरकर चूची दबा सकता है, चुम्मी ले सकता है। और तुम्हारे लिये- तुम हल्के-हल्के उसके धक्के के साथ अपने चूतड़ उठाओ। टांगें वो अपने कंधे पे रख सकता है, घुटने से मोड़कर टांगें फैला सकता है, या कसकर मोड़कर दोहरा कर सकता है। अक्सर शुरूआत, टांगों को कंधे पे रखकर होती है। ये फोटो देखो, टांगों की पोजीशन… और ये देखो थोड़ा सा अलग है इसमें मर्द थोड़ा सा और आगे बढ़के लेटा है औरत के ऊपर, और दोनों टांगें सीधे करके लेटे हैं। इसमें दो फायदा है- कई बार टांगें उठाये-उठाये दुखने लगती हैं तो वो आराम मिल जाता है और दूसरा जो ज्यादा मजे वाली बात है, इसमें क्लिट सीधे, लण्ड के बेस से रगड़ खाती है। इसमें भी ढेर सारे वैरीयेसन हैं। तुम उसकी पीठ, चूतड़ पकड़ सकती हो। अच्छा, थ्योरी बहुत हो गयी। चल, अब तुझे प्रैक्टिकल करके बताती हूं…”
गुड्डी- “प्रैक्टिकल… वो कैसे भाभी?”
“वो ऐसे…” और मैंने अपना स्ट्रैप-आन निकाला। फिर कुछ सोचकर उसमें अपना सबसे पतला और छोटा 6 इंच का वाइब्रेटर सेट किया। उसके सिरे पे वैसलीन लगाकर गुड्डी की चूत के मुँह पे भी लगाया और उसके सामने बैठकर उसकी टांगें अपनी कंधे पे ले ली। मैंने चूत का मुँह फैलाकर अंदर थोड़ा सा पेल दिया और कहा- “देख, हां इसी तरह तुम जित्ती टांगें चौड़ी करके और उठाकर रखोगी उत्ता ही आराम होगा चुदवाने में। और जब वो तुझे चूमे, चूची पकड़े तो तुम भी उसे बाहों में ले सकती हो…”
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