RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
“तेरे ये सेक्सी मम्मे…” मैंने उसके उभारों को दबाते हुए चिढ़ाया।
गुड्डी- “वो तो मुझे मालूम है, मेरा मतलब है, खाने में…”
“खाने में, खाने में उन्हें नान-वेज बहुत अच्छा लगता है और नान-वेज में सब कुछ, तंदूरी चिकेन, मटन कोरमा, बिरयानी…”
गुड्डी- “पर भाभी, ये सब तो कभी बनता नहीं…” उसने आश्चर्य से पूछा।
“तेरे मारे ननद रानी तू जो नम्बरी भगतिन है, शुद्ध शाकाहारी। वो सोचते हैं कि पता नहीं तुम्हें बुरा लगे? अच्छा चल इसको फ्रिज़ में रख, चल तुझे उनके सब काम बता दूं…” और मैं उसे लेकर उनके कमरे में गयी। मैंने उसे बताया की जब वो आते हैं तो सबसे पहले उनका जूता उतारना झुक के और फिर मोजे, अपने घुटने पे उनका पैर रख के। हां थोड़ा बहुत पैर का, तलुवों का मसाज भी कर देना और चाहना तो आगे भी बढ़ सकती हो। ये इधर स्लीपर रखे हैं वो दे देना। और उनकी शर्ट भी मैं ही उतारती हूं। और फिर उसे आल्मारी खोलकर दिखाया कि कहां उनकी शर्ट, टी-शर्ट अंडर-गार्मेंटस रखे हैं।
एक बंद खाने को देखकर उसने पूछा- ये क्या है?
मैं टालती रही पर बहुत कहने पे मैंने खोला। वो उनकी बार थी।
गुड्डी- “हे भाभी ये। ऐसे छिपा के क्यों?”
“वो भी तुम्हारे चलते रानीजी उन्हें पता है तुम्हें शायद बुरा लगे…”
गुड्डी- “भाभी, पर भैया ने कब से? शादी के पहले तो वो नहीं…”
“अरे जिंदगी का हर मजा आखिर आदमी कभी ना कभी लेना शुरू करता है, उनकी सास का इसमें बड़ा हाथ है, अपने दामाद को बरबाद करने में। मेरे मायके में सभी लेते हैं, लेडीज भी…”
उसे बंद करके हम लोग किचेन में आ गये। वो कुछ सोच रही थी। थोड़ी ही देर राजीव आ गये। वह अनार का जूस लेकर उनके पास चली गयी। जब तक वो उन्हें ‘फ्रेश’ करती रही, मैंने जल्दी-जल्दी खाना बना लिया। खाने के बाद वो ऊपर चले गये और हम लोग किचेन समेटने में।
ऊपर जाने के पहले जब मैं दूध लेकर गुड्डी के कमरे में गयी तो मैंने उसे समझाया- “सुन, परसों तेरा रात भर का प्रोग्राम है ना तो आज से डिल्डो, कैंडिल सब बंद। हां, वो कसरत तुम करती हो ना? जो मैंने बताया था, सोने के पहले सब कपड़े उतारकर शीशे के सामने अपने हर अंग को देखना, उसे हल्के-हल्के छूना…”
गुड्डी- “हां भाभी…”
“और वो जो ‘जे’ की ‘हाउ टू बिकम ए सेन्सुअस वोमेन’ वाली किताब में दी गयी है वो, अपनी बाडी को छूना, बाडी से छू के स्पर्श की संवेदना बढ़ाना, और वो जीभ की कसरत और सबसे जरूरी है, के-जेल मैंने कहा था ना हर घंटे पे, अपनी चूत की मस्ल्स को सिकोड़ के बस सारा ध्यान वहीं लगाना…”
गुड्डी- “हां भाभी, वो मैं करती हूं यहां तक की क्लास में भी…”
“शाबाश, हां तुम उँगली कर, बल्की जरूर करना रात में कम से कम तीन बार झड़ना लेकिन हर बार कोशिश करना की जितनी देर टाल सको और हां सिर्फ उँगली की टिप अंदर डालकर और बिना क्लिट को छुए। और हां आज बिना कुछ भी पहने सोना। सोने के पहले बिस्तर पे रोल करना और अपने यार या यारों के बारे में सोचना…”
जब मैं मुड़ने लगी तो कुछ और याद आया- “हे, कल तुम क्लास गोल कर देना। तुम्हारे भैया कल सुबह ही चले जायेंगे और फिर हम दिन भर मस्ती करेंगें। मैं तुम्हें सेक्स पोज़िशन्स के बारे में बताऊँगी। तुम रात में कोक शास्त्र और कामसूत्र से 64 आसन के बारे में भी पढ़ लेना। सुबह तुम्हारा टेस्ट होगा…” और उसको कसकर एक गुडनाइट किस लेकर मैं ऊपर राजीव के पास चल दी।
अगले दिन राजीब बहुत सुबह ही चले गये थे। जब मैं बेड-टी लेकर गुड्डी के पास पहुँची तो वो बिना कुछ पहने लेटी थी। बेड-टी के बाद, उसने कपड़े पहनने की कोशिश की पर मैंने मना कर दिया। मैं बोली- “चलो पहले कसरत करते हैं…”
वो बोली- “भाभी, ये बेइमानी है मैं कुछ नहीं पहने हूं और आप…”
“मान गये बात तुम्हारी ननद रानी…” और मैंने भी नाइटी उतार दी।
पहले मैंने योगा और प्राणायाम से शुरूआत की। मैंने उसे समझाया की सेक्स के दौरान इसका कैसे इश्तेमाल कर सकते हैं और सही ब्रीदिंग से कैसे स्टेमिना बढ़ती है। उसके बाद म्युजिक लगाकरके साथ-साथ हम दोनों ने एरोबीक्स की। फिर मैंने जेन फोंडा का कैसेट लगाके उसके साथ कसरत की। मैंने उसे खास तौर से पेल्विक मसल्स, जांघों, पैरों और कमर की कसरत करवाई। उसके बाद रिलैक्शेसन टेक्निक। फिर कहा- “अब रोज 30- 45 मिनट तक तुम ये करना और अब चलो वो वाली कसरत…”
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