RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
" डरिये मत मैं छोड़ दूँगी आपकी ननद को.." हंस के दिया बोली.
" अरे नही भाभी, मैं आ जाउन्गि." और वो दोनो हँसते खिलखीलाते चल दी.
देर शाम जब वो लौटी तो मैं किचेन मे खाने की तैयारी कर रही थी, राजीव अपने किसी दोस्त के यहाँ गये थे. वो बड़ी खुश खुश लग रही थी. मैने पूछा, " हे, किसके साथ आई और बड़ी चहक रही है चिड़िया क्या कोई खास बात हुई हॉस्पिटल मे."
" भाभी, नीरज के साथ आई. उसकी बाइक पे. बड़ी अच्छी बाइक है. पूछ रहा था इतने दिन से दिखी नही तो मैं बोली जनाब आप ही कौन से दिखे तो हंस के उसने मान लिया. उसक पेरेंट्स आए है तीन चार दिन मे चले जाएँगे, फिर वो अकेला रहेगा.'
" क्यों बाइक ही अच्छी लगी या बाइक वाला भी."
" बाइक वाला भी, स्मार्ट, डॅशिंग लग रहा था, जीन्स और टी-शर्ट मे. दिया तो एकदम जल गयी वो सोच भी नही सकती थी की इत्ता हॅंडसम लड़का मुझे इस तरह से, मुझे देख के खुद आया और वो बहाने बना के बात कर रहा था और जब मैने कहा कि मुझे घर जाना है तो तुरंत वो कहने लगा हे मेरी बाइक पे चलो ना. और जान बुझ के उसे जलाने के लिए जब मैं बाइक पे बैठी ना तो उसके कमर पे हाथ बाँध लिया, और फिर तो वो ऐसी जली...." हंस के गुड्डी बोली.
" अरे देखना एक दिन शहर के सारे लड़के तेरे दीवाने होंगे पर बता हॉस्पिटल मे क्या हुआ."
" अरे भाभी हॉस्पिटल मे वो जो दिया कह रही थी ना डॉक्टेर, वो रेसिडेंट डॉक्टेर वही जाइनो मे पी.जी कर रहा है, जो कल एकदम उन लोगों को घास नही डाल रहा था ना, अनुज नाम है उसका जब मैं गयी ना तो मुझसे न सिर्फ़ प्यार से मिला बल्कि काफ़ी भी पिलाई. बहोत देर तक हम बाते करते रहे. बल्कि उसने मुझसे कहा कि मैं इंटर करने के बाद मेडिकल मे एडमिशन ले लू. उसने भाभी अपने कमरे पे मुझे बुलाया. मैने भी कहा जब तक ये यहाँ एडमिट है तो मैं आती जाती रहूंगी,
तो बोला अरे तो मैं तो रहूँगा ना उसके बाद तो फिर क्या नही आओगी. ऐसी बाते कर रहा था कि.."
" देखने मे कैसा था..."
" भाभी, बहोत हॅंडसम, लंबा, तगड़ा क्या मसल्स थी, और हँसता खूब था."
मैं हँसने लगी .
" क्यों हंस रही है आप, " चकित हो के उसने पूछा.
" मर्द मे जानती हो तीन चीज़े देखनी चाहिए. और ये बात मेरी मम्मी ने मुझे तब बताई थी जब तुम्हारे भैया मुझे देखने आए थे. आँखे, आँखे खुश खुश होनी चाहिए और ये भी कि वो नजरे मिला पा रहा है या नही और मम्मी ने ये भी बोला था कि वो छुप के तुम्हारे सीने की ओर देख रहा है कि नही. अगर उसकी आँखों से वो तुम्हारे कपड़े उतार के चक्षु चोदन ना करे तो बेकार ...बोर होगा वो. और दूसरी चीज़ है उसके होंठ, मुस्कान, सेन्स ऑफ ह्यूमर, और उस पे डिपेंड करता है कि वो चूमने के लिए कितना बेताब है. और तीसरी चीज़ है उसके हिप्स, कित्ते छोटे, कड़े और सख़्त मसल्स है वहाँ की,
" पर भाभी हिप्स ...क्यों"
" अरे पगली धक्के लगाने के लिए, चोदने के लिए ताक़त की ज़रूरत पड़ती है ना. मेरी भाभी ने कहा था एक ओर मसल्स होती है तो मम्मी ने कहा कि ये तेरा काम की ननदोयि की वो वाली मसल्स चेक कर लेना, तो कैसा हे तेरा ये डॉक्टेर, इस टेस्ट मे."
" भाभी चौथी का तो अब तक नही मालूम पर बाकी तीन मे तो एकदम 10 मे 10. निगाहे तो उसकी एकदम मेरे सीने पे ही चिपकी थी और बात बात पे जॉक सुनाता था और कयि तो एकदम नोन वेज."
" अरी ननद रानी तेरे उभार है ही ऐसे अच्छा एक बात इनके लिए मैं कुछ चोली सिलवा के ले आई हू, जो तुम लोगों का बार डॅन्सर की लाइफ वाला प्ले हो रहा है ना उसके लिए बॉब्बी टेलर्स के यहाँ. मैं आज गयी थी उसके यहाँ तेरी ड्रेस लाने और अपनी नाप देने. मैं तेरे लिए कुछ और कपड़े दे आई हू, तू दो तीन दिन मे उधर जाना तो, नाप भी दे देना और उसके पैसे भी."
" भाभी, आप ने सिर्फ़ नाप दिया या और कुछ..." अब मेरी चिड़िया भी चहकने लगी थी.
" अरे तेरे भैया साथ थे. पर तू जाएगी ना तो दे देना सब कुछ... बहोत याद कर रहा था तुझे, बहोत प्यार से तेरे लिए चोलिया सिलि है उसने.
" भाभी एक बात और सुबह से मैं परेशान थी आप को बताने के लिए पर जब स्कूल से आई तो दिया साथ थी.. और फिर मैं उसके साथ चली गयी. आज वो मिला था, अंशुल. बहोत रिकवेस्ट कर रहा था, प्लीज़ भाभी बस एक बार...वो कह रहा था कि किसी तरह,थोड़ी देर के लिए भी. तीन दिन बाद नरसों उसे गाव जाना है, वो 6-7 दिन बाद ही लौट पाएगा. भाभी ..प्लीज़"
" हे बहोत सिफारिश कर रही है. पहले चिट्ठी का जवाब तक नही देती थी और अब उसको बोल देना जब गाव से लौट आएगा तब तक इंतजार करे." बहुत मुश्किल से मैं अपनी मुस्कराहट रोक पा रही थी.'
" भाभी, आप ठीक कह रही है पर वो बिचारा आख़िर इत्ते दिन से मेरे पीछे पड़ा था, मैं उसे लिफ्ट भी नही देती थी तब भी लगा रहा आख़िर. भाभी आप चाहेगी तो उस का मैं मन रख लूँगी दुबारा मैं आप से रिकवेस्ट नही करूँगी. प्लीज़ भाभी."
" ओके, ननद रानी तुम भी क्या याद करोगी. परसों रात मे तुम्हारे भैया नही रहेंगे. वो सुबह ही चले जाएँगे और अगले दिन आएँगे. तो बुला लो परसों रात को अपने यार को. और थोड़ी देर क्यों, बात तो सही है, बहोत तड़पाया है तुमने बेचारे को. चलो. परसों रात भर मज़े करो. खुश हो जाएगा तेरा यार. तुम्हारे कमरे का जो दरवाजा बाहर खुलता है ना, उसे खोल के रखना और बाहर वाले गेट की डुप्लिकेट चाभी अपने यार को दे देना. उसको समझा देना कि जब लाइट बंद हो तो उसके ठीक 15 मिनट बाद आ जाए."
" अरे भाभी, आप बहोत बहोत.... अच्छी है ओह्ह रियली भाभी पूरी रात भर, मैं सोच भी नही सकती थी...भाभी मैं कुछ भी...कुछ भी कर सकती हू आप के लिए, मेरी अच्छी भाभी" और उसने मुझे गले से लगा लिया.और मैने भी उसे कस के भींच के गालों पे कस के चूमते हुए कहा, " ननद रानी अभी तो फिल हाल तुम मेरी किचिन मे मदद करो, ज़रा आज खाने की जल्दी है"
" एक दम भाभी, कल भैया को जल्दी थी आज लगता है...आप को जल्दी है और ये जूस क्या बना रही है, लाइए, मैं बना देती हू.
" अनार का जूस. तुम्हारे भैया के लिए. बहुत ताक़त देता है." उसने मुझसे मिक्सी ले ली और बनाने लगी. मुझे छेड़ते हुए वो बोली, भाभी आज कल भैया को कुछ ज़्यादा ही ताक़त की ज़रूरत पड़ रही है. मैं कुछ पलट के जवाब देती उससे पहले उसने पूछा, " भाभी, भैया को सबसे ज़्यादा क्या पसंद है."
" तेरे ये सेक्सी मम्मे" मैने उसके उभारों को दबाते हुए चिढ़ाया.
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