RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
गुड्डी कुछ सरक कर और उसकी ओर बैठ गयी। अब उसकी हिम्मत बढ़ गयी। उसने उसकी कलाई कसकर पकड़ ली और धीरे-धीरे उसका हाथ सहलाते हुए ऊपर बढ़ने लगा। जब गुड्डी ने कुछ रेज़िस्ट नहीं किया तो कुछ देर रुक कर उसने उसकी कुहनी पकड़ ली और हल्के से प्रेस करने लगा। कुछ देर में ही उसकी उंगलियां टी-शर्ट से निकली सुंदर गोरी बांहो पर फिसल रहीं थीं।
सीट पे अपने को एडजस्ट करने के लिये, वो थोड़ा और उसकी ओर सरक गयी और उसकी ओर देखकर हल्के से मुश्कुरा दी।
बस क्या था, जैसे गलती से उसकी उंगलियां छू गयी हों, उसने उसके चूचियां के उभार को साइड से छू दिया। गुड्डी को जैसे 440 वोल्ट का करेंट लग गया हो। वो सिहर उठी और उसने तुरंत अपनी उँगली हटा ली। पर थोड़ी देर में गुड्डी ने फिर उसकी ओर मुश्कुराकर देखा और अपनी टांगें एक पे एक रख लीं और खुद उसका हाथ पकड़ लिया। अब पूछना क्या था। उसने दुबारा उसका हाथ सहलाना शुरू कर दिया और अबकी जब उसकी उंगलियां, चूचियां के साइड में पहुंची तो हटी नहीं, हल्के-हल्के उसे सहलाती रहीं।
" हे, मैं रात भर ठीक से सो नही पाई थी, मुझे नींद सी आ रही है. मैं अगर सो जाउ, तो तुम खर्राटो से डिस्टर्ब तो नही होओगी". मैं पुश बॅक चेर को पीछे की ओर धकेलति, आँखे बंद करती बोली.
" नही भाभी, वैसे मुझे मालूम है कि आप रात भर क्यों नही सो पाई, और फिर रात को भैया लौट ही आएँगे, इसलिए फिर आप एक झपकी ले ही लीजिए. मैं ज़रा भी डिस्टर्ब नही होउंगी और पिक्चर की कहानी भी आपको सुना दूँगी."मुझे छेड़ती हुई मेरी ननद बोली.
थोड़ी ही देर मे मेरी नाक बोलने लगी. अब क्या था उसकी तो चाँदी हो गयी. उसने अपना दूसरा हाथ उसके कंधे पे रख लिया और गुड्डी ने भी अपना हाथ उसके कंधे पे रख दिया. अब जो उंगलिया, चुपके से उसके बूब्स के साइड को छेड़ रही थी, बोल्ड होकर सीधे उसके उभारों पे आ गयी. गुड्डी ने भी उसकी हिम्मत को बढ़ाते हुए, उसका हाथ अपने उरोजो पे हल्के से दबा दिया. बस अब क्या था. उसका दूसरा हाथ उसके दूसरे जोबन को भी हल्के हल्के सहलाने लगा और एक हाथ तो कस कस के उसके उभार का रस ले ही रहा था. गुड्डी उससे कस के चिपक के बैठी थी. जोबन का रस लेते लेते, उसने हल्के से उसके गुलाबी गालों पे चुम्मि भी ले ली.
" धत्त क्या करते हो, बेशरम." गुड्डी ने हल्के से उसे झिड़का.
जवाब मे उसने उसे और अपनी ओर खींच लिया, और अब खुल के कस के उसके जोबन को दबाने लगा और फिर एक चुम्मि ले ली. थोड़ी देर तक शर्ट के उपर से वो उसके दोनों कबूतरों का रस लेता रहा. मैं समझ गई कि मेरे रहते ये इसके आगे बढ़ने की हिम्मत नही कर पाएँगे. अंगड़ाई लेके मैं उठी. वो दोनों ठीक से बैठ गये.
" मेरा पेट गड़बड़ लग रहा है, यहा पता नही टाय्लेट कैसे होंगे, मैं ज़रा घर जाके आती हू. इंटरवल तक आजाउन्गि." मैं बोलते हुए उठी.
" ठीक है, भैया रात को आएँगे तो इलाज करवा लीजिएगा." चहकती हुई वो बोली. मैं बाहर निकल कर फिर पीछे के दरवाजे से आकर थोड़ा दूर ऐसी सीट पे बैठ गयी जहाँ से पूरा नज़ारा साफ साफ मिल रहा था. सब कुछ से बेख़बर वो अब खुल के चालू हो गया था. बीच का आर्म रेस्ट खुल जाता था उसे उसने खोल दिया और गुड्डी को कस के अपनी ओर खींच लिया और वह भी उसके बाहों मे आ गयी थी. एक हाथ अब खुल के उसके उभार को दबा, सहला, मसल रहा था और दूसरे ने बिना किसी देर के उसकी गुलाबी टी-शर्ट के बचे खुचे बटन खोल दिए और अंदर घुस गया.
" नही नही प्लीज़ खोलो नही, उपर से बस" वो मना कर रही थी. पर वो अब कहाँ मानने वाला था. जवाब मे उसने उसे पास मे खींच लिया और अब वह आधी उसकी गोद मे थी. वह बार बार उसके प्यारे गुलाबी गाल चूम रहा था .उसका हाथ खुल के शर्ट के अंदर उसके जोबन मसल रहे थे. टी-शर्ट उसने उपर खींच लिया. कुछ ही देर मे उसके दोनो हाथ अंदर थे. साफ था कि उसने उसकी ब्रा भी खोल दी थी और कस के अब वह स्तन मर्दन कर रहा था. गुड्डी के चेहरे से लग रहा था कि वह भी अब एकदम जोश मे है. अब वह भी उसके चुंबनो का जवाब दे रही थी. कुछ देर मे ही उसने एक हाथ गुड्डी की जीन्स मे भी डाल दिया. दूसरा हाथ अभी भी खुल कर उसकी चूंचिया रगड़ मसल रहा था और वह भी उसी मस्ती से चूंची मसलवा रही थी. तब तक अचानक इंटर्वल हो गया, और मैं जल्दी से निकल के बाहर आ गयी.
मैं गेट से ऐसे घुसी जैसे अभी आ रही हू. दोनो स्नैक बार पे खड़े थे. मुझे देख के एक बार वो झेंप सी गयी. उसकी टी-शर्ट अब जींस से बाहर थी. मैने उन दोनो के लिए कोक और अपने लिए काफ़ी बोली. मैने देखा कि कोक पीते पीते गुड्डी ने जान बुझ कर बोतल बदल ली और जहाँ उसके यार के होंठ लगे थे, वही उसे दिखा के होंठ लगा के पी रही थी. मैने स्टॉल वाले को, क्रीम रोल और पोप कार्न के लिए ऑर्डर दिया और हम दोनो लॅडीस टाय्लेट मे चले गये. अंदर घुसते ही मैने उससे पूछा,
" हे मैडम जी, आपकी टी-शर्ट बाहर क्यों है."
" भाभी वो असल मे ये बहोत टाइट थी. इसलिए मैने"
"अच्छा, बताती हू .मुझे मालूम है." और, मैने उसके दोनो मम्मे कस के दबोच लिए.
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