RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
" हे चलो ज़रा लड़के वालों को दिखा दे डॅन्स क्या होता है उनके यहाँ की लड़किया सोच रही है कि वही नाच सकती है,"अल्पी उस को खींच के लेगयि पीछे उस के जीजू और राजीव भी पहुँच गये.
" एक दम ज़रा कस के जलवा दिखाना लड़की वालों का." मैने भी जोश दिलाया.
वह पहुँच के सब के साथ नाच करने लगे. थोड़ी देर बाद मैने देखा कि, गुड्डी अपने जीजू के साथ डॅन्स कर रही है, और बाकी सब लोग किनारे खड़े गोल घेरा बना तालिया बजा रहे है. तब तक गाना शुरू हुआ, मेरी बेरी के बेर मत तोडो, रीमिक्स की धुन पे और फिर वो इस तरह अपने उभार उछाल उछाल के मटका रही है, चूतड़ हिला रही थी, और जीत ने भी उसके साथ.गुलाब का फूल लेकर उसने चोली मे खोंस दिया और गाना जब पीक पे पहुँचा तो जीत ने अपने होंठों से वो फूल निकाल लिया और उसके उभारों को सबके सामने हल्के से चूम लिया और इसके बाद अल्पी और राजीव शुरू हो गये.ढोल वाले बजा रहे थे और गाना था, दिल ले गयी कुड़ी पंजाब दी, दिल ले गयी. अल्पना ने, फूल अपने लहँगे मे खोंस लिया
.अबकी राजीव का नंबर था. नाचते नाचते उन्होने अल्पी को अपनी बाहों मे उठा लिया. उधर बारात द्वार पे पहुँच गयी थी और स्वागत मे गुलाबो, दुलारी, गूंजा सब औरते गाली सुना रही थी
" हाथी हाथी सोर कैले, गधहा ले के आईले रे,
दूल्हा की बहन को गधहा चोदे, अपन नाक कटवाइला रे,
रंडी रंडी सोर कईले, बहन नचावत आईले रे,
तोरी बहन की फू चोदु, गंद मरावत आईले रे"
जयमाल के बाद, डी जे के साथ तोकुछ तो रामोला का असर, कुछ जवानी का नशा, कुछ जोबन का उभार, नाचने मे आइटम गर्ल्स को भी उन्होने मात कर दिया. और चुन्नी तो उसने बारातियों के सामने ही नाचते समय गले से उतार कर कमर मे बाँध ली थी इसलिए उसके जोबन के उभार खुल्लम खुल्ला , दिख रहे थे.जब वो कूल्हे मटका मटका कर जोबन उभार के नाचती, थोड़ी देर तो उसने अपने जीजू के साथ, फिर दूल्हे के साथ और राजीव भी अल्पना और फिर कम्मो के साथ.
आज वह पूरी तरह मस्त लग रही थी. और न सिर्फ़ अपने जीजू के साथ, बारात मे आए लड़कों के साथ, दूल्हे के साथ, यहाँ तक की घर के लड़कों के साथ, आज वो खुल के अपने जलवे दिखा रही थी. नाच के बाद खाने के समय कभी, ऐसे दिखा दिखा के सॉफ्टी का कॉन चुसती जैसे कोई एक्सपर्ट लंड चूस रही हो, कभी किसी की प्लेट से कुछ निकाल लेती, कभी किसी के जॉक पे खुल के हँसती और उसके ड्रेस से तो, जोबन के उभार तो गजब ढा ही रहे थे, पतली कमर, गोरा बदन और तेज लाइट मे कभी ड्रेस के अंदर भी झलके जा रहा था.
मैं सोच रही थी आज दिन मे जो मैने उसे समझाया था, कैसे जवानी के जलवे ढाए जाय. बॉडी लैंगवेज, कभी हँसना कभी शरमाना, कभी हल्के से अदा से जोबन के जलवे दिखाना, कभी दिखा के छिपा लेना, और सब से बढ़ कर किसी को भी मना ना करना, लेकिन उसी के साथ ये भी न कोई समझे कि वो आसानी से पट जाने वाली है. मैने कहा था कि मान लो अगर कोई एकदम हमेशा कोल्ड लुक देगा, तो लड़के उसको छोड़ के दूसरे के चक्कर मे पड़ जाएँगे कि यहाँ तो कोई फ़ायदा है नही और अगर तुम आसानी से ज़्यादा लिफ्ट दे दोगि तो वो समझेंगे ये पता नही किससे पटी हो और फिर इसे तो जब चाहेंगे तब पटा लेंगे.और अगर एक के साथ चक्कर चल भी रहा हो तो दो तीन को पल्लू मे बाँध के रखो. और आज वो एकदम मेरी सिखाई हुई बातों पे अमल कर रही थी. वो जहाँ होती लड़के वही पहुँच जाते.शादी जल्दी शुरू होने वाली थी इसलिए खाने के बाद हम लोग तुरंत अंदर चले गये.
कंटिन्यूड…
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