RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
" चाहे मेरी चिथड़े, चिथड़े हो जाय, चाहे खून खच्चर हो जाय, चाहे मैं दर्द से बेहोश क्यों ना हो जाऊ. पर आज मेरी चूत मे पूरा लंड डाल कर चोदेन्गे अगर आप अपनी साली को ज़रा भी प्यार करते है तो."
" अभी लो साली जी" और मेरी दोनो टांगे कंधे पर रखकर उन्होने ऐसी जबरदस्त चुदाई की कि पूछो मत. आसन बदल बदल कर. और अबकी बार मैं शीशे मे हर बार जब लंड को घुसते देखती तो उसी तरह चूतड़ उठा कर उनके धक्के का जवाब देती. मेरी चूंचिया तो उन्होने मसल कर रखा दी. अगर मैं ये कहूँ कि दर्द नही हो रहा था तो झूठ होगा पर, गुड्डी मज़ा इत्ता आ रहा था कि उस समय दर्द का कुछ पता नही था बस मन कर रहा था, जीजू चोदते रहे चोदते रहे. जब
उन्होने मुझे दुहरा कर मेरे कंधे पकड़ अपना पूरा मूसल घुसेड़ा, मेरी तो जान निकल गयी, दर्द के मारे मैने अपने होंठ काट लिए पर जब उनके लंड के बेस ने मेरी क्लिट पर घिस्सा देना शुरू किया तो मेरी फिर एक बार जान निकल गयी अबकी बार मज़े से और फिर मैं ऐसा झड़ी, ऐसा झड़ी कि बस झड़ती ही रही जीजू थोड़ी देर रुक कर फिर चालू हो गये और अबकी बार तो कम से कम घंटे भर चोदा होगा उन्होने मुझे. और उनके वीर्य की धार चूत मे पड़ते ही मैं फिर झड़ने
लगी. मैं एक दम लथ फत थी. उन्होने सहारा देकर उठाया. उनका गाढ़ा गाढ़ा सफेद वीर्य मेरी चूत मे भरा था और निकल कर मेरी जांघों पर बह रहा था. उन्होने थोड़ा सा वीर्य अपनी उंगली मे लेकर मेरी चूंचियों पर मसल दिया और हँसकर बोले, उठती चूंचियों के लिए ये सबसे अच्छा टॉनिक है. और मुस्करा कर मेरी बुर मे उंगली डाल फिर ढेर सारा अपना वीर्य निकाल कर मेरे गालों पर खूब मसल दिया और बोले हे, देखो कैसे ग्लो कर रही है, सबसे अच्छी फेशियल क्रीम है ये. और जब मैने साफ करने की कोशिश की तो अपनी कसम दे के मना कर दिया. इसीलिए मेरे गाल ग्लो कर रहे है.
गुड्डी झेंप गयी लेकिन वह अपने को रोक नही पाई और बोली, " सच बताओ, दर्द बहोत हुआ?."
अल्पना ने मुस्करा कर उसके भरे भरे गालों पर चिकोटी काट ली और बोली, " हाँ, मैं ये तो नही कहूँगी कि दर्द नही हुआ, बहोत हुआ , लेकिन बस थोड़ी देर और उसके बाद तो इतना मज़ा आया, इतना मज़ा आया, मैं बता नही सकती. तू भी
जल्दी से ले ले ये असली मज़ा. मैं तो कहती हू लड़किया झूठे नखड़े दिखाती है. मैं तो कहती हू हमे लड़कों के पीछे घूमना चाहिए, इत्ता मज़ा लंड मे है, अगर तुम्हारे जीजा न कर रहे हो न तो मैं अपने जीजू से बात करू, क्यों "
गुड्डी शरमा गयी और बोली, "धत्त" लेकिन अल्पी कहाँ छोड़ने वाली थी वो बोली. " अरे इसमे धत्त की क्या बात है, अरे तुम मेरी सबसे पक्की सहेली हो ना "
" हाँ वो तो हू" गुड्डी बोली
" तो फिर मेरे जीजू तेरे जीजू हुए कि नही, तो फिर चुदा ले मेरे जीजू से." वो बेचारी बुरी तरह झेंप गयी.
मैं उसकी बचत मे आते हुए बोली, " अरे अल्पी इसका मतलब है कि ये पहले अपने जीजा से चुदवायेगि उसके बाद तुम्हारे जीजा से, तो गुड्डी कब प्रोग्राम है तुम्हारा चुदवाने का अपने जीजा से,"
" वो जब चाहें" गुड्डी ने बोल तो दिया पर अपना जवाब सुनकर खुद शरमा गयी.
तब तक दुलारी उन दोनों को ढूंढते हुए वहाँ आई, " अरे तुम यहाँ बैठी हो तुम्हारे जीजा नीचे तुम्हे तलाश कर रहे है.
मैं बोली, " लगता है, तेरा नंबर आ गया और हाँ ज़रा जैसे सिखाया है, चूतड़ मटका के तो जाना."
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