RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
" तो क्या उसके बाद उन्होने तुझे छोड़ दिया" गुड्डी की तो हालत खराब थी.
" अरे, इतने सस्ते मे छोड़ने वाले थे वो?, पर गुड्डी मज़ा बहुत आया, दर्द तो थोड़ा हुआ, एक मिनट के लिए तो जान ही निकल गयी पर उसके बाद जब चूत के अंदर लंड रगड़ कर जाता था ना, इत्ता मज़ा आता है बस तू भी फडवा ले अपनी."
"हाँ, आगे बताओ," मेरा मन ही मन कर रहा कि राजीव ने फिर क्या किया.
" जीजू ने मूह से कहा कि मैं अपनी चूत कस के भीचे रहू जिससे उनका वीर्य मेरी बुर मे ही रहे. वो मेरी चुम्मि लेने लगे और चुम्मि लेते लेते उन्होने अपनी जीब मेरे मुँह में डाल दी. अब मुझे भी मज़ा आ रहा था और मैं कस कस के उनकी जीब चूस रही थी. जीजू खूब मज़े से मेरे जोबन का रस भी ले रहे थे.. जीब चुसते चुसते, मैने भी अपनी जीब और मेरा खाया बचा हुआ चॉकलेट भी उनके मूह मे डाल दिया और उसे वो खूब स्वाद ले के चूसने लगे. मेरा निप्पल चुसते हुए बोले, अल्पी इसे क्या कहते है, और जब मैने कहा सीना तो उन्होने कस के काट लिया और कहा जब तक तुम खुलकेनहीबोलोगि मैं कस के तुम्हे काटुंगा.
मैने बोला बूब्स तो फिर कचक से काट कर वो बोले नही अपनी ज़ुबान मे और जब मैने कहा मम्मे तो वो खुश हो के बोले हाँ और मुझसे उन्होने चूंची कहलवा के ही दम लिया. और उसके बाद उन्होने कस के नीचे पकड़ के मुझ से ज़ोर से फिर, बुर चूत, चूतड़ गान्ड सब कहलवाया. और जब उन्होने मुझसे अपना मोटा हथियार पकड़वाया, तो बिना किसी शर्म के मैं खुद खुलकर बोली, जीजू आपका लंड बड़ा मस्त है.
गुड्डी इत्ता बड़ा था, कम से कम मेरे बित्ते के बराबर तो होगा ही और मोटा इतना कि मेरी मुट्ठी मे नही समा पा रहा था. वो बोले साली जी मेरी साली को बस ऐसे ही भाषा बोलनी चाहिए, जिसने की शरम उसके फूटे करम. जीजा ने मुझसे
कस के पकड़ के आगे पीछे करने को कहा, और तुरंत जैसे बटन दबाते ही कोई चाकू निकल जाए, वैसे ही वो कड़ा हो गया. मैं भी मज़े मे आगे पीछे कर रही थी, छूने मे इत्ता अच्छा लग रहा था इत्ता कड़ा, एकदम लोहे की तरह. जीजू ने
मुझसे कहा कि मैं उनका चमड़ा खोलू और खोलते ही मोटा, लाल पहाड़ी आलू जैसा बड़ा सुपाडा बाहर निकल आया. अभी भी उसमे उनका वीर्य लिथड़ा था. जीजू का भी एक हाथ, मेरी नारंगियों को खूब कस कस के मसल रहा था और दूसरा मेरी चूत को उपर से प्यार से सहला रहा था. जीजू ने मेरे गुलाबी गाल को काटते हुए कहा, जानती हो साली बुर के लिए सबसे अच्छा लूब्रिकॅंट कौन सा होता है. मैने भोलेपन से पूछा कौन सा?, तो मेरी क्लिट को पिंच करते बोले, जो तुम्हारी बुर मे है, जीजा का वीर्य और इसलिए मैने तुम्हे अपनी चूत भीच कर रखने को कहा था. मैं बेवकूफ़ मैने उनसे पूछ लिया और जीजू नंबर दो, तो वो हंस कर बोले साली के मूह का थूक, तुम्हारा सलाइवा, मेरे लंड के लिए. इतना सुनना था कि मैने झुक कर उनका लंड अपने मूह मे ले लिया. बड़ी मुश्किल से मैने पूरा मूह फैलाया तो खाली सुपाडा बड़ी मुश्किल से अंदर घुस सका. उनके वीर्य का स्वाद मैं महसूस कर रही थी. लेकिन मैं कस कस के चाटती रही चुसती रही. नीचे से मेरी ज़ुबान रगड़ रही थी और चारों ओर से मेरे कोमल लिप्स.
" फिर तो तुमने उनका अपने मूह मे" गुड्डी ने बड़ी मुश्किल से थूक घोंटा और पूछा.
" और क्या अरे एक बार चूस के तो देखो क्या मज़ा आता है, मैं तो अपने जीजू के लिए कुछ भी कर सकती हू. जीजू ने थोड़ी देर बाद लंड निकाल कर मुझे बिस्तर पे लिटा दिया और पूछा," " चाहिए"
" हाँ लेकिन पूरा." मैने देखा था कि पिछली बार जीजा ने आधे से थोड़ा ज़्यादा लंड डाला था.
" लेकिन तुम्हे बहोत दर्द होगा, अल्पी" प्यार से वो बोले. मुझे मालूम था कि मन तो उनका कर रहा था, पर मेरे दर्द के डर से.
" होने दीजिए ना लेकिन पूरा" मैने उनको अपनी बाहों मे भरकर खूब नखरे से कहा, " जीजू मेरी एक शर्त है"
" क्या?, बोलो साली जी, साली की तो हज़ार शर्ते मंजूर है एक क्या"
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