RE: Chodan Kahani शौहरत का काला सच
बॉस ने चूत को चाट चाट के इतना मजबूर कर दिया कि वो बस बहने लगी, उसकी धारा बॉस पीने लगा जैसे समुद्र मंथन से अमृत निकल रहा हो।
शीबा कमर को उठा उठा कर मज़े लेने लगी।
जब यह रस पूरा चाट कर बॉस ने साफ कर दिया तब कहीं जाकर शीबा शिथिल हुई।
अब बॉस का 7″ का नाग फ़ुंफ़कार रहा था, उसको ऐसी रसीली चूत दिखाई दे रही थी तो उससे कहाँ बर्दाश्त होना था।
मगर बॉस अभी कुछ और भी चाह रहा था, उसने ज़न्न्त की चूत चोदने की उतावली नहीं दिखाई, वो खुद बेड पर बैठ गया और शीबा को कहा- अब जरा मेरे इस शेर को तो अपने मखमली होंटों का रस पिला दो ज़न्न्त… अपने लबों का इसे स्पर्श करवा दो तो इसे चैन मिले…
बॉस के बस कहने की देर थी कि शीबा ने बॉस के लण्द पर अपने रसीले अधर रख दिये, उसे चूम लिया।
शीबा खुद कोई मौका गंवाना नहीं चाह रही थी बॉस को खुश करने का…
वो सख्त लौड़े के सुपारे को अपनी जीभ से चाटने लगी…
बॉस तो जैसे हवा में उड़ने लगा।
शीबा ने धीरे-धीरे लौड़े को चूसना सुरू कर दिया, अब वो पूरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूस रही थी।
बॉस ने अपनी आँखें बन्द कर ली थी, वो बस मज़ा ले रहा था…
जब उसके बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उसने अपनी पिचकारी शीबा के मुंह में छोड़ दी- अहा… हाह… अहम्म… उम्माह…
बॉस ने शीबा कए सिर के पीछे से उसे पकड़ लिया और तब तक लौड़ा बाहर नहीं निकालने दिया जब तक उसके वीर्य की एक एक बूंद शीबा के हलक से नीचे नहीं उतर गई…
शीबा को तो सांस लेना भी मुश्किल हो गया था… बड़ी मुश्किल से उसने खुद को बॉस के पंजे से छुड़ाया और झट से बाथरूम में भाग गई।
कुछ देर बाद शीबा अपने नंगे बदन को नुमाया करती बल खाती बाथरूम से बाहर आई तो उसके नंगे गोरे बदन को देख बॉस के लौड़े ने देर नहीं लगाई, वो फ़िर से खड़ा हो गया।
बॉस- अब मेरी जान, बस इसे अपनी चिकनी चूत में ले ले… देख यह पूरा तैयार है तुझे मज़ा देने के लिए… आ जा, लेट जा, आज तुझे चोद कर मैं तेरे नाजुक बदन पर अपनी मुहर लगा दूँ।
शीबा सीधी लेट गई बॉस ने उसकी टाँगें फेला दी, अब वो इतना उत्तेजित हो चुका था, उसकी साँसें तेज हो गई थी, वो अब और देर नहीं कर सकता था, वो उसके ऊपर आ गया और उसके पैरों को अपने पैरों से फैलाया और अपना खड़ा लंड उसकी चूत पर रख दिया।
शीबा- आओ मेरे जानू, अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा…
बॉस ने लौड़े पर दबाव बनाया और सर्र से सरकता हुआ लौड़ा शीबा की गीली चूत में जा समाया।
और धीरे धीरे लंड की गहराई का सफर कर रहा था।
अब झटकों का सिलसिला शुरू हो गया… शीबा बॉस का पूरा साथ दे रही थी, वो अपने चूतड़ उचका कर हिला हिला कर चुदने लगी।
बॉस भी रेलगाड़ी की तरह ‘फक फक फक’ लौड़ा शीबा की चूत में पेलने लगा।
शीबा- आह… आई… और ज़ोर से चोदो मेरे जानू… आह… आपकी जान आह… पूरा मज़ा लेना चाहती है… आज की आह… इस चुदाई को यादगार बना दो…
जैसे जैसे समय बीतता गया, रोमांच बढ़ता गया, रफ़्तार बढ़ती गई, कमरे में साँसों का तूफान सा आ गया।
बॉस का लौड़ा भी पूरे उफान पर था, शीबा की मक्खन जैसी चिकनी चूत की गर्मी उसे पिघलने पे मजबूर कर रही थी।
वो कब तक लड़ पाता ऐसी सुलगती चूत से…
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