RE: Chodan Kahani शौहरत का काला सच
मन्त्री का लौड़ा भी बेकाबू हो गया तो मन्त्री जी ने शीबा को सीधा लिटाया और उसके ऊपर जाकर बैठ गए, और दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ लिया और उसके बीच लंड रख कर चूचियों की चुदाई करने लगे।
ऐसा करने से शीबा और उत्तेजित हो रही थी, उसकी आँखें ऐसे बंद हो रही थी, जैसे उसे नशा छाया हो, अब मन्त्री जी ने सोच कि अब देर नहीं करना चाहिए।
अब मन्त्री जी अपने लक्ष्य के पास थे, उन्होंने अपना लंड शीबा की चूत पर रखा और उसकी चूत वाकई प्यारी थी, उसे दो उँगलियों से फैलाया और उसके बीच में लंड रखा और धीरे धीरे गहराइयों में उतरने लगे, गहराइयों में उतरने का सफर काफी हसीं, मदमस्त था, जैसे जैसे गहराइयों में उतरते गए, नशा बढ़ता गया।
अब शीबा कोई कच्ची कुँवारी तो थी नहीं जो उसकी सील टूटती… शोहरत की इस ऊंचाई तक पहुँचने के लिए ना जाने कितने लौड़ों पर चूत टिका टिका कर आगे आई है, अब वो भी मन्त्री जी के लौड़े की चोट के मज़े लेने लगी।
शीबा के हाथ तकिये पर थे, जैसे ही मन्त्री का धक्का पड़ता, वो तकिये जो जोर से भींच लेती थी।
धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ती जा रही थी और हर झटके के साथ वक्ष एक लय में हिलते, जैसे झटका लगता चूचियाँ ऊपर की तरफ जाती, और फिर जैसे ही वापस खीचते फिर वापस अपने जगह पर आ जाती।
जैसे जैसे तेजी बढ़ती गयी रोमांच बढ़ता गया, दोनों एक दूसरे में खोते गए, श्रम के निशान उनके शरीर पर पसीने की बून्द बनकर दिख रही थी।
दोनों की सांसें तेज चल रही थी, अचानक तबसुम की साँसे धीमी होने लगी और वो शिथिल पड़ने लगी।
मन्त्री जी की सांसें और गति दोनों अभी तेज थी, वो और तेज और तेज गहराइयों उतरते जा रहे थे, हर झटका उन्माद की चरम की ओर ले जा रहा था, शीबा की आँखें बंद थी और हाथ मन्त्रीजी के कमर पर थी।
आखिर वो लम्हा भी आया जब मन्त्रीजी की साँसे उखड़ने लगी और फिर गहराइयाँ कम होती गयी और उसमे प्यार की निशानी गरम गरम सा लावा भरता चला गया।
शीबा की चूत ने भी एक वी आई पी लौड़े के सम्मान में अपना रज त्याग दिया, दोनों के पानी का मिलन हो गया एक फिल्म हिरोइन और दूसरा राजनेता, दोनों के पानी का मिलन एक अलग ही दास्तान ब्यान कर रहा था।
अब दोनों शिथिल पड़ गए।
मन्त्रीजी शीबा को महसूस कर चुके थे और उसके ऊपर लेटे थे, कुछ देर के बाद नीचे उतरकर शीबा के बगल में लेट गए, और अपना पैर शीबा के पैरों पर रख दिया और हाथों से उसके वक्ष सहलाने लगे।
आखिर उनकी सपनों की राजकुमारी जो उनके पास लेटी थी और उसे वो पूरी तरह पा चुके थे।
दोनों अब अलग अलग होकर बेड पे लंबी साँसें ले रहे थे।
शीबा को चोदने के बाद मन्त्री ने उसको बताया था कि सब कुछ उनके हाथ में नहीं है, इसके लिए उन्हें अपने बॉस से बात करनी होगी, आखिर यह फिल्म कुछ है ही ऐसी, वो रिस्क नहीं ले सकते।
मन्त्री ने शीबा को बताया कि उसका बॉस बहुत ही ताकतवर आदमी है, सब कुछ उसके हाथ में है।
अभी शीबा की किस्मत किसी और के शरीक-ए-बिस्तर होना था यह बात शीबा पहले से जानती थी पर फ़िर भी मन्त्री जी के सामने शीबा बोली- आप उन्हें मना ही लेंगे ना?
मन्त्री- मैं अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करूँगा पर ये सब इतना आसान तो नहीं है ना। मैं तुम्हें उनके पास ले चलूँगा, आमने सामने बैठ कर बात कर लेंगे।
शीबा बोली- तो क्या उनके साथ भी?
मन्त्री बोला- देखो शीबा, इसके बिना तो संभव नहीं है… यह एक बार की तो बात है, मिल तो लो।
शीबा के पास कोई और चारा भी नहीं था, वो राजी हो गई।
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