RE: Train Sex Stories रेल यात्रा
अन्दर जाते ही आशीष की आँखें आश्चर्य से फ़ैल सी गयी। अब उसका विश्वास
पुख्ता हो चला था की 'बापू ' दल्ला है लड़कियों का। घर में घुसते ही उसकी
नजर 14 से 22-23 साल की बीसियों लड़कियों पर पड़ी। सभी ने अश्लील से आधे
अधूरे कपडे डाल रखे थे। लड़कियां पंक्तिबद्ध होकर आशीष को टुकुर-टुकुर
देखने लगी। मनो देख रही हों की किसकी लोटरी लगेगी। उनके पास ही कोई 20-22
साल की उम्र के 2 लड़के भी खड़े थे।
"चलो चलो। अपना अपना काम करो। ये हमारा मेहमान है। 'वो ' नहीं जो तुम समझ
रही हो। " बूढ़े के ऐसा कहते ही लड़कियां छिन्न-भिन्न हुई और एक-एक करके
वहां से गायब हो गयी।
"ये सब कौन हैं ताऊ?" आशीष ने अनजान सा बनकर पूछा।
"कविता तुम्हे सब समझा देगी बेटा। कविता बेटी। एक कमरा खाली करवा कर इसका
सामन उसमें रखवा दो। देखना इसको कोई परेशानी न हो। मैं थोड़ी देर में आता
हूँ। " कहकर बूढ़ा बाहर निकल गया।
"ए राजू। अपने वाला कमरा खाली करो जल्दी। पुष्प अकेली है न। तुम उसके
कमरे में चले जाओ और विष्णु को बापू के साथ भेज दो। जल्दी करो। और ये
रानी कहाँ रहेगी?" कविता अपने माथे पर हाथ रख कर सोचने लगी।
"ये सब कौन हैं? " आशीष ने पूछा।
"कुछ भी समझ लो ", कविता मुस्कुरायी! " जो भी पसंद हो। मुझे बता देना।
तुम्हारे कमरे में पहुँच जाएगी! " कविता ने आशीष की ओर आँख मारी और फिर
जा रहे राजू को वापस बुलाया- "ए सुन राजू। इसको कहाँ रखेंगे?"
"अब मुझे क्या पता। बाकी कमरों में तो पहले ही दो-दो हैं! !" राजू ने कहा
और रानी के पास खड़ा होकर उसके गालों का चुम्मा लेने लगा।
"ये...ये क्या कर रहे हो!? शर्म नहीं आती क्या?" रानी गुस्से से बोली।
"हा-हा-हा शरम! " राजू ने उससे दूर होकर हवा में एक और 'किस' उसकी और
उछाली और मुस्कुराकर पलट गया।
"तुम ऐसा करो। इसको पुष्प के पास भेज दो। तुम्हारा मैं देखती हूँ।" कविता
ने राजू से कहा।
"अगर कोई दिक्कत न हो तो रानी मेरे साथ रह लेगी।!" आशीष ने कहा!
"हाँ। हाँ। भाभी। मैं आशीष के साथ ही रहूंगी! " रानी तुरंत बोल पड़ी।
"दरअसल! चलो आओ। पहले कमरा देख लो। फिर जैसा तुम कहोगे कर लेंगे। " कविता
ने कहा और कोने वाले कमरे की और चल पड़ी।
आशीष की कमरे में जाते ही नाक भौं सिकुड़ गयी। कमरे के नाम पर एक छोटा सा
पलंग डालने की जगह ही थी। जिसको शायद लकड़ी की चारदीवारी से कमरे का रूप
दिया गया था। कमरे से थूके हुए पान के धब्बों और कंडाम्स की बदबू आ रही
थी!- "ओह्ह। तो ये कमरा है?"
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