RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
मस्त घोड़ियाँ--12
गतान्क से आगे........................
मामा- हाँ बेटी उस समय तेरी गंद तेरी मम्मी की गंद की तरह मोटी और गुदाज हो जाएगी तेरा पेट बच्चे पेदा करने से और भी उभर कर सामने आ जाएगा और तेरे ये दूध और भी मोटे हो जाएगे तब देखना तेरे पापा तेरी गदराई जवानी को देख कर तेरी मस्त तरीके से चूत मारेंगे,
एक बाप के सामने जब उसकी बेटी एक भरी पूरी औरत बन कर आएगी तब देखना तेरे पापा का लंड तुझे देखते से ही खड़ा हो जाएगा,
मामा जी ने संगीता की गंद के नीचे हाथ डाल कर उसकी गंद को अपने हाथो मे भर कर उपर उठा लिया और अपने पेरो के पंजो के बल पर बैठ कर संगीता की चूत को खूब कस-कस कर ठोकने लगे और संगीता हाय मामा ओह मामा मर गई और तेज मारो खूब चोदो मामा जी और चोदो की आवाज़ लगाने लगी,
पूरा कमरा उनकी चुदाई की ठप से गूँज उठा और मामा जी सतसट अपने लंड को संगीता की चूत मे पेलते जा रहे थे,
संगीता अपनी चूत को खूब उठा-उठा कर मामा के लंड पर मार रही थी और संगीता की सूजी हुई लाल चूत देख कर मामा उसे खूब रगड़-रगड़ कर चोद रहे थे, लगभग एक घंटे का खेल होने के बाद मामा ने अपना माल संगीता की बुर मे जैसे ही छ्चोड़ा संगीता मामा के लंड से अपनी चूत को पूरी तरह चिपकाते हुए हफने लगी और उसकी बुर ने ढेर सारा पानी छ्चोड़ दिया,
अगले दिन मनोहर अपने ऑफीस निकल गया और बुआ और संगीता मार्केट चली गई उसके बाद रोहित और मामा भी इधर उधर घमते हुए पान की दुकान पर खड़े होकर बाते करने लगे, घर मे संध्या और मंजू आमने सामने बैठ कर काम करने लगी, उधर मनोहर के पास ऑफीस मे सपना का फोन आता है कि उसको उसके पापा रतन ने बुलाया है,
मनोहर कुछ देर बाद रतन के कॅबिन मे पहुच जाता है और तभी सपना रतन की गोद से उठ कर मनोहर को मुस्कुराकर देखते हुए बाहर चली जाती है तभी रतन सपना को दो कॉफी का इशारा कर देता है और फिर-
रतन- यार मनोहर मुझे तो एक बात आज पता चली और साले तूने भी बताया नही
मनोहर- कौन सी बात
रतन- यही कि मेहता तो तेरा समधी है
मनोहर- अपने सर पर हाथ फेरते हुए हाँ यार तुझसे मैने यह राज च्छूपा रखा था
रतन- तभी तो कहु की मेहता तेरे एक कहने पर कैसे मान गया, पर तूने यह भी नही बताया कि आख़िर तूने उस पर ऐसा क्या एहसान कर रखा है जो वह तेरी बात कभी नही टालता है,
मनोहर- उसका एक बहुत बड़ा कारण है रतन, यह एक घटना है जो बस घट गई
रतन- बता तो हुआ क्या था
मनोहर- यार यह एक ऐसी घटना है जिसे तू एक अनोखा हादसा कह सकता है और यही घटना थी जिसकी वजह से मैने अपने बेटे रोहित की शादी बड़ी सादगी से मेहता की बेटी संध्या से कर दी थी,
रतन- मेहता का पूरा नाम मनोज मेहता है ना, और मेरे ख्याल से उसकी तो बस एक बेटी ही है
मनोहर- मुस्कुराते हुए क्यो रतन उसकी बीबी ममता को भूल गया क्या,
रतन- हाँ-हाँ याद आया लेकिन हुआ क्या था जो तुझे और मेहता को अपने बच्चो की शादी इतने सादगी भरे अंदाज मे कर दी,
मनोहर- चल अब तूने पुरानी याद ताज़ा कर दी है तो मैं तुझे बता ही देता हू, एक बार मैं अपनी कार से सुनसान रोड पर चला जा रहा था, रोड के आस पास जंगली इलाक़ा था, तभी मुझे एक लड़की की चीखने की आवाज़ सुनाई दी और मैने जल्दी से कार रोक कर आवाज़ की तरफ जाने लगा और जब मैं थोड़ा जंगल के अंदर गया तो वहाँ एक काला सा आदमी एक लड़की के उपर चढ़ा हुआ था और वह उसे पूरी नंगी कर चुका था लड़की का जीन्स और उसकी टीशर्ट साइड मे पड़े थे मैं उन दोनो से बस थोड़ी दूरी पर था तभी उस काले आदमी ने उस लड़की की जाँघो को फैलाया और अपने लंड का एक तेज झटका उसकी चूत मे मार दिया लड़की बिल्कुल अन्छुइ और कुँवारी थी जिसके कारण उस काले का मोटा लंड का टोपा ही अंदर घुसा होगा
और मैं ज़ोर से वहाँ से आवाज़ लगा कर उसकी और दौड़ा, मुझे देखते ही वह काला आदमी अपने लंड को निकाल कर बहुत तेज़ी से दूसरी ओर भाग गया,
रतन- फिर क्या हुआ
मनोहर- वह जगह बिल्कुल सुनसान थी और उसके आगे एक तालाब था, मैं जब उस लड़की के पास पहुचा तो वह कराहती हुई नंगी अपनी जंघे फैलाए पड़ी थी और उसकी चूत से थोड़ा सा खून निकल रहा था मैं समझ गया कि लड़की की सील पर धक्का लगने से थोड़ा सा खून आ गया है मुझे खुशी थी कि मैने उसे पूरी तरह चुद से बचा लिया था नही तो उस आदमी का क्या भरोशा था कि वह उसे चोदने के बाद जिंदा छ्चोड़ देता,
मैने जब उस लड़की के गुदाज रसीले बदन उसकी चिकनी जंघे उसके कसे हुए पपीते की तरह दूध उसका सपाट चिकना पेट और उसकी मस्त गोरी और फैली हुई गंद देखी तो सच मानो रतन मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, मैने उस लड़की के सर के नीचे हाथ डाल कर उसे उठाया तो वह एक दम से मेरे सीने से चिपक कर रोने लगी, मैने उसके आँसू पोछ्ते हुए उसके गालो पर हाथ फेरा और उसकी गोरी नंगी पीठ सहलाते हुए उससे कहा चुप हो जा बेटी वह कमीना भाग गया है,
वह लड़की सिसकिया लेते हुए मुझसे बुरी तरह चिपकी हुई थी और मैं उसके नंगे बदन को सहलाते हुए उसे लगभग अपनी गोद मे बैठाए था, मैने उससे कहा अच्छा अब रोना बंद करो और मुझे अपना नाम बताओ
उसने मुझे अपना नाम संध्या बताया और फिर उसने बताया कि वह इस काले से लिफ्ट लेकर आ रही थी लेकिन उसके बाद उसने उसकी गाड़ी जंगल मे मोड़ दी और मुझे उतार कर जबदस्ती करने लगा, फिर वह फुट-फुट कर रोने लगी और कहने लगी मुझे छ्चोड़ दो मैं मर जाना चाहती हू मैं अपने पापा के पास अब क्या मूह लेकर जाउन्गि, मुझसे कौन शादी करेगा,
मेरा हाथ एक दम से उसके कसे हुए दूध पर चला गया और मेरा लंड झटके देने लगा, मैने उसके रसीले होंठो और गालो पर हाथ फेरते हुए उसे चुप कराया और उससे कहा ठीक है अगर मैं तेरी शादी अपने बेटे से करवा दू तब तो मरने के बारे मे नही सोचेगी, तब कही जाकर वह थोड़ा शांत हुई और फिर उसे जब अपने नंगे बदन का ख्याल आया तो मेरे पास से उठते हुए बोली हटिए मुझे कपड़े पहनने दीजिए,
वह जैसे ही अपनी मोटी गंद उठा कर मेरे सामने खड़ी हुई मेरा तो लंड पानी-पानी हो गया,
बस फिर क्या था मैं जज्बाती हो गया और मैने उससे कहा, देखो लड़की तुम्हारा बलात्कार हुआ है और अगर तुम
यह चाहती हो कि समाज मे तुम्हारी इज़्ज़त बरकरार रहे तो जैसा मैं कहता हू वैसा ही करो और फिर मैने उसे नंगी ही अपनी गोद मे उठा लिया और उसे तालाब के पास ऐसी जगह पर ले गया जहाँ से किसी को भी हम दिखाई नही देते, वह मेरी गोद मे नंगी चढ़ि हुई थी और उसका गुदाज गोरा बदन और भारी चुतडो ने मेरे लंड को पूरी तरह खड़ा कर दिया था,
मैने उसे उगी हुई घास पर बैठा दिया और फिर मैं उसकी दोनो जाँघो को फैला कर उसकी चूत को देखने लगा तो उसने अपनी जंघे कस कर चिपकाते हुए कहा अंकल यह आप क्या कर रहे है,
मैने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा देखो बेटी पहले तो बिल्कुल भी घबराव मत यह समझ लो कि अब तुम अपने पापा की गोद मे आ चुकी हो और दूसरी बात तुम्हारे अंगो से खून आ रहा है इसे पानी से अच्छे से धोने दो और फिर मैने जब उसकी जाँघो को चौड़ा किया तो वो भी अपनी जाँघो को चौड़ा करते हुए अपनी चूत देखने लगी और उसे मेरी बात पर यकीन आ गया कि मैं ठीक कह रहा हू,
मैने ठंडे पानी से उसकी फूली हुई मस्त चूत को धोना शुरू कर दिया और फिर जब मेरा हाथ उसकी गोरी मुलायम बिना बालो वाली चूत पर पड़ा तो मैं तो मस्त हो गया और मैने उसकी चूत को पानी से अच्छे से रगड़ना चालू कर दिया,
रतन- हस्ते हुए लोंदियो की नब्ज़ पकड़ना तुम अच्छी तरह जानते हो मनोहर
मनोहर- रतन उस समय तू उसे पूरी नंगी देखता तो वह तेरी मा भी होती तो उसे चोदे बिना नही रह पाता
रतन- हस्ते हुए अच्छा भाई फिर क्या हुआ,
मनोहर- फिर क्या था दोस्त मैं जानबूझ कर उसके भज्नाशे को पानी डाल-डाल कर रगड़ने लगा और वह मस्ताने लगी, मैं बड़े गौर से उसकी गुलाबी बुर देख रहा था और वह मुझे अपनी चूत धोते हुए बड़े प्यार से देख रही थी, फिर वह कुच्छ शरमाने लगी और फिर से अपनी जंघे बंद कर ली,
मैने उसको देख कर कहा क्या हुआ बेटी तब उसने मुझसे कहा अंकल प्लीज़ अब रहने दो मुझे शर्म आ रही है,
मैने उससे कहा बेटी उस गंदे आदमी के कारण तुम्हे कोई इन्फेक्षन ना हो इसलिए पानी से धोना ज़रूरी है, और फिर इस बार मैने उसकी दोनो जाँघो को पूरी तरह चौड़ा कर दिया और उसकी मस्त गुलाबी चूत खिल कर पूरी सामने आ गई, अब मैं संध्या की चूत मे पानी डाल-डाल कर रगड़ते हुए उसके भज्नाशे को जैसे ही छेड़ता वह एक दम से अपनी गंद उठाने लगती उसका चेहरा अब कामुक हो चला था और मैं देख रहा था कि अब उसे भी मज़ा आने लगा था तभी मैने उसके दूध के निप्पल को देखा तो मस्त हो गया उसके दूध के गुलाबी निप्पल पूरी तरह तन कर खड़े हो गये थे,
वह अपनी मस्ती मे मस्त हो रही थी और मैने धीरे से अपनी बीच वाली उंगली उसकी चूत के लाल छेद मे डाल दी जिससे वह गन्गना उठी और एक दम से मुझसे चिपक गई,
मैं बिल्कुल भी जल्दिबाजी नही करना चाहता था और मैने उसे अपने सीने से चिपका लिया और उसके कसे हुए दूध बुरी तरह मेरी छाती से दबने लगे, लेकिन मैने उसकी चूत से हाथ नही हटाया था और अपनी उंगली को धीरे-धीरे उसकी बुर मे दबाता जा रहा था,
अब मेरी उंगली मे यह एहसास हो चला था कि उसकी चूत से चिकनाहट बाहर आ रही है, जब मैने उसकी चूत से अपनी मोटी उंगली को बाहर निकाल कर देखा तो उसकी चूत से मलाई मेरी उंगली पर लग गई थी, मैने धीरे से उंगली वापस उसकी चूत मे डाल कर उसे चूम लिया और वह कराह उठी और फिर मुझसे कस कर चिपक गई उसका मन शायद अपने बोबे मसलवाने का होने लगा था वह अपने दूध मुझसे रगड़ रही थी और यह भी कह रही थी अंकल प्लीज़ अब छ्चोड़ दीजिए,
मैने उसे नंगी ही उठा कर अपनी गोद मे बैठा लिया और उसके मोटे-मोटे दूध को कस कर अपने हाथो मे भर कर मसल्ने लगा और उसके होंठो को चूम लिया,
मेरा लंड सीधे उसकी चूत और गंद के बीच रगड़ खाने लगा और उसने मुझसे शरमाते हुए कहा अंकल प्लीज़ छ्चोड़ दीजिए मुझे, और फिर वह मेरे सीने से कस कर चिपकती हुई बोली अंकल आप ही ऐसा करेगे तो फिर आपमे और उस काले मे क्या फ़र्क रह जाएगा,
मैने कहा पहली बात तो तुम मुझे अंकल मत कहो पापा कहो और दूसरी बात उस काले मे और मुझमे यह फ़र्क है कि वह सिर्फ़ तुमको दर्द देता और मैं तुमको दर्द के साथ मज़ा भी दूँगा और मैने उसके दूध को कस कर दबा दिया,
वह नंगी तो पहले से ही थी और मेरे सहलाने से उसकी चूत मे पानी आ गया और फिर रतन बाबू उस दिन मैने अपनी बहू संध्या को वही जंगल मे तालाब किनारे खूब कस कर चोदा, जब मैं संध्या को चोद चुका तब वह अपने कपड़े पहन कर रेडी हो गई और मैं उसे लेकर उसके पापा के पास पहुच गया,
रतन- फिर
मनोहर- फिर क्या था मैने उसके बाप के हाथ मे उसकी बेटी को दिया और उससे कहा कि आज तुम्हारी बेटी का बलात्कार हुआ है और फिर उस काले वाली बात मेहता को बता दी, मेहता अपनी बेटी को अपने सीने से लगा कर उससे पुच्छने लगा और संध्या ने रोते हुए उसे सब बता दिया और कहा आज अगर ये अंकल वहाँ नही आते तो मैं आपके सामने जिंदा ना खड़ी होती,
मेहता बुरी तरह घबरा गया और कहने लगा मैं पोलीस को फोन करता हू लेकिन मैने उसे बदनामी का डर बता कर मना कर दिया और फिर जब मैने उसकी चुदी हुई
बेटी से अपने बेटे की शादी का ऑफर किया तो मेहता मेरे पेरो मे घिर पड़ा और बस फिर क्या था संध्या और रोहित की शादी हो गई,
रतन-मुस्कुराते हुए वाकई दिलचस्प थी तुम्हारी कहानी खेर तुम्हे जान कर खुशी होगी कि आज रात मैने एक छ्होटी सी पार्टी रखी है और तुम्हारे लिए एक मस्त माल का भी इंतज़ाम किया हुआ है
मनोहर-हस्ते हुए कमिने ज़रूर अब तेरी नज़र किसी और मुनाफ़े मे अटक गई है नही तो फ्री मे तू मुझे क्या माल ऑफर करेगा, हाँ अगर सोदा तेरे फ़ायदे का हो तो तू अपनी मा को भी दाव पर लगा दे ऐसा आदमी है तू,
रतन- भाई मनोहर रतन का तो हिसाब ऐसा है कि जो चीज़ उपयोग की है उसका उपयोग हो और जो चीज़ उपभोग की हो उसका पूरी तरह उपभोग होना चाहिए,
क्रमशः......................
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