Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
11-05-2017, 01:13 PM,
#2
RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
सपना की नशीली नज़रो और गुलाबी रस से भरे होंठो को देख कर मनोहर का लंड फिर से उसकी पेंट मे तन

चुका था, मनोहर फिर से सपना के हुस्न मे खोने वाला था तभी रतन ने कहा अच्छा सपना बेटी तुम जाओ

मुझे ज़रा मनोहर से कुछ बाते करनी है और फिर सपना वहाँ से चली जाती है,

मनोहर- यार एक बात बता रतन तेरी बेटी की उम्र करीब 25 साल तो होगी और तेरी उम्र को देख कर लगता नही है कि

तेरी कोई 25 बरस की बेटी होगी,

रतन- क्यो भाई मैं भी तो 50 टच करने वाला हू और तू भी साले बुढ्ढा होने की कगार पर ही है

मनोहर- हाँ हाँ ठीक है लेकिन तुझसे तो दो साल अभी छ्होटा ही हू, पर रतन पहले कभी तेरी बेटी को यहाँ देखा

नही,

रतन- मुस्कुराते हुए लगता है तुझे मेरी बेटी बहुत पसंद आई है,

मनोहर- मुस्कुराते हुए नही यार वह बात नही है,

रतन-अच्छा सुन शाम को समय से आ जाना फिर बाकी बाते मेरे फार्महाउस पर ही करेगे,

मनोहर-अच्छा ठीक है और फिर मनोहर वहाँ से उठ कर चल देता है

मनोहर की कार मार्केट के ट्रॅफिक से धीरे-धीरे गुजर रही थी, तभी थोडा आगे रतन को दो मस्त लोंड़िया स्कर्ट और

वाइट शर्ट पहने रोड से अपने भारी भरकम चूतड़ मतकते हुए जाते दिखी,

मनोहर ने जब गाड़ी थोड़ा करीब

लाकर उन्हे देखा तभी एक लड़की पास के सब्जी के ठेले पर रुक कर अपनी गंद खुजलाते हुए सब्जियो के भाव

पूछने लगी, मनोहर का लंड उसकी मोटी गंद को देख कर खड़ा हो गया और जब वह उसके बिल्कुल पास से गुजरा तो

उसके होश उड़ गये वह लड़की कोई और नही बल्कि उसकी अपनी बेटी संगीता थी,

संगीता 18 साल की मस्त भरे बदन

की लोंड़िया थी,

मनोहर- अरे यह तो संगीता है, पर इसकी गंद कितनी मस्त हो गई है मैने तो आज तक कभी इस पर गौर ही नही

किया,

मनोहर ने अपनी कार साइड से लगा कर अपनी बेटी की गुदाज जाँघो और उसकी गदराई गंद को अपना लंड मसल-

मसल कर देखने लगा, थोड़ी देर बाद संगीता उस लड़की के साथ आगे चलने लगी और मनोहर ने अपनी कार अपने

घर की ओर चला दी,

मनोहर की आँखो के सामने अभी तक उसकी बेटी की गदराई मोटी गंद नज़र आ रही थी और

उसका लंड पूरी तरह तना हुआ था वह जब घर पहुचा तब उसकी बहू संध्या ने दरवाजा खोला, संध्या जो कि

23 साल की मस्त लोंड़िया थी, दरवाजा खोलते ही संध्या ने अपने ससुर को देखा और जैसे ही अपना सर झुकाया अपने

ससुर के पेंट मे बने बड़े से तंबू को देख कर वह सन्न रह गई और जल्दी से दबे पाँव अपने रूम मे चली

गई,

संध्या- अरे सुनते हो तब रोहित ने उसके दूध अपने हाथो से मसल्ते हुए क्या है मेरी रानी क्यो बोखलाई हुई

हो,

संध्या- लगता है तुम्हारे पापा सुबह-सुबह किसी कुँवारी लोंड़िया की उठी हुई गंद देख कर आ रहे है जाकर

देखो उनका लंड उनके पेंट को फाड़ कर बाहर आने को बेताब है,

रोहित- क्या बक रही हो रानी बेचारे पापा के बारे मे

संध्या- तुम्हारी कसम रोहित मैने सच मैने उनका लंड खड़ा देखा है,

रोहित- अच्छा ठीक है अब खड़ा देख लिया तो क्या तुम्हारी चूत भी फूलने लगी है और फिर रोहित ने संध्या की

चूत को उसकी साडी के उपर से दबोच लिया, संध्या ने नाभि के नीचे से साडी बँधी हुई थी और रोहित उसके गुदाज पेट

को सहलाते हुए उसके मोटे-मोटे दूध को दबा कर

रोहित- संध्या कही पापा की नज़र तुम्हारे इन कसे हुए चुचो पर तो नही पड़ गई, पापा से बच के रहना तुम

नही जानती वह कितने बड़े चुड़क्कड़ है, अभी जब बुआ मम्मी के साथ बाजार से लॉट कर आएगी तब देखना पापा

का हाल,

संध्या- तुम्हारी बुआ भी तो छीनाल कितनी बड़ी रंडी लगती है हर दो महीने मे अपनी मोटी गंद उठा कर चली

आती है, कहती है बेटे को तो हॉस्टिल मे डाल दिया है और पति दुबई चला गया है अब घर मे कोई नही है तो

सोचा भैया भाभी के यहाँ थोड़ा समय गुज़ार लू,

रोहित- अब छ्चोड़ो भी और क्या तुम जब देखो कही कपड़े धोने का काम कही उन्हे उठा कर फिर जमा-जमा कर

रखने का काम तुम्हे मेरे लिए तो टाइम ही नही मिलता है

संध्या- अच्छा तुम यह कपड़े उस अलमारी मे डाल दो मैं पापा को पानी दे कर आती हू और फिर संध्या बाहर

चली जाती है,

रोहित बैठे-बैठे धोए हुए कपड़े घड़ी करने लगता है और उसकी नज़र एक गुलाबी कलर की छ्होटी सी पेंटी पर

चली जाती है, तभी संध्या रोहित के हाथ मे वह पेंटी देख लेती है,

रोहित - अरे संध्या यह छ्होटी सी पेंटी किसकी है

संध्या- मुस्कुराते हुए अब जान बुझ कर अंजान मत बनो जैसे अपनी बहन संगीता की पेंटी नही पहचानते हो

रोहित - यह संगीता की पेंटी है, कितनी छ्होटी सी है ना

संध्या- संगीता की पेंटी को थोड़ा फैला कर रोहित को दिखाते हुए लो देख लो अपनी बहन की पेंटी और सोचो

कैसी लगती होगी तुम्हारी बहन इस पेंटी मे

रोहित- मुस्कुराते हुए तुम भी ना संध्या

संध्या- रोहित का लंड उसकी लूँगी के उपर से पकड़ लेती है जो पूरी तरह तना हुआ था, क्यो यह मोटा डंडा अपनी

बहन की पेंटी देख कर इस तरह तन गया है ना, बोलो बोलो

रोहित- संगीता का मूह पकड़ कर चूमते हुए मेरी रानी लगता है तुमने पापा का लंड सचमुच खड़ा देख

लिया है तभी इतनी चुदासी हो रही हो,

क्रमशः......................
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RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ - by sexstories - 11-05-2017, 01:13 PM

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