RE: Hindi Sex Kahani माया ने लगाया चस्का
माया आंख बन्ध कर बिस्तर पे ढेर हो गयी… उसे पसीना छुट गया था.. वो जोरो से हाफ रही थी, उसका तनबदन तप के लाल लोहा बन के हमें जला रहा था. वो ऐसी बिलकुल नंगी मचलती मछली सा तडपते हूँ ए शांत हो गयी…. उसकी आंखे बन्ध थी और में उसकी जोरदार लपेट में था… इस अवस्था में वो और भी मस्त लग रही थी.
सरोज: देखा मेरे राजा चूत ऐसे चाटते है. अब तुजे मेरी चूत ऐसे ही चाटनी है. माया की छाती से खीचकर उसने मुझे अपनी नंगी छाती से चिपका कर मेंरे गले को चुमते हूँ ए दातो से मेरे कंधे और गले को काटा तो मेरा तना हूँ आ लाल चटक लवड़ा ९० डिग्री के ऊपर खड़ा हो गया. में कांप उठा…
में: ऊफ्फ सुरु…..अहिस्ता आह्ह्ह्ह
वो घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा निक्कर खीचके मुझे भी पूरा नंगा कर दिया. मेरा ६ इंच बड़ा लाल चटक लंड बहार आते ही जुलने लगा. उसने लपककर मेरे लंड को अपने मुह में खीच लिया (जैसे नाग चूहै को खा लेता है..) वो मेरा लंड पूरा का पूरा अपने मुह में घुसेड़कर अन्दर उस पर अपनी जबान रगड़ रही थी. वो मेरे लौव्ड़े को अपनी गीली जबान से मलते हूँ ए खीच खीच कर चूस रही थी.
चप चाप पुच पुच की आवाज़ आने लगी.. साली थकती ही नहीं थी. बस पुच पक पक पुच चप गप्प गपाक गपाक गप्प पूउच पुच्च्च पुच्च्च पुचच्च्च्च चप चप गु गुप गुप….की आवाज़ आ रही थी. में बहूँ त तड़प रहा था…मेरे लंड में सनसनी हो रही…थी में कही का न रहा… में खड़ा भी नहीं रह सकता था… ओह्ह्ह्हह सस.सु…रु….में…री…जा…न………..
में भी जोस में आके उसका चेहरा पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगा. कमरे में बस पु..च.. प..क पक पु..च प…क पु….च. मेरी आंखे बन्ध थी और सांसे तेज, एक जबरदस्त चिंगारी मेरे लंड पे लग रही ऐसा एह्सास मुझे कभी बही मिला, बिजली का जटका मेरे लंड पे जटके दे दे कर उससे एक मीठा दर्द दे रहा था.. पु…च पु…च प्चुह पक पक स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प पुच पुच….. निचे उसकी चुचिया और उपर से चुतड हवा में जुल रहै थे.. वो तो बस मेरे लंड को खाए जा रही थी. क्यो ना हो.. ६-७ महीने बाद उसे ऐसे बिना जाटे कर ६ इंच का मस्त लंड चोदने को मिला था. वो कोई मौका गवाना नहीं चाहती थी. एक तरफ मेरा लंड और एक तरफ माया उसकी जान जो उसे बड़े अच्छे नसीब से आज अच्छी तरह से मिल गयी थी. वो तो बस पुच पुच पपुच पक पक पक चप चप चप……..
अचानक उसने मेरे लोडे को बहार निकाल और चीलाई……
सरोज: साला तू जड़ता क्यों नहीं….??? इतना बड़ा लौड़ा मेरी जान लेगा क्या…
एसे में कैसे जड़ जाता… मुझे माया ने थोड़ी देर पहले ही मेरे लंड को चूसचूस के जड़वाया था. पर सरोज बहूँ त ज्यादा आनंद दे रही थी. उसकी चूत भी एकदम गीली थी. उसपे एक भी बाल नहीं था उसकी गुलाबी चूत भी बड़ी सुदर दिख रही थी. मेरा लंड एक दम टाइट हो के लोहा हो गया था. और वो थक गयी थी. उसे और कुछ न सुजा तो उसने साइड पे पड़ी तेल की बोतल उठाई और उसमे से तेल निकाल कर मेरे लौड़े पे उसे जोर से मलने लगी…
जब मेरा लंड एकदम कड़ा लोहै जैसा और तेल से जोरदार चिकना हो गया तो उसने मुझे माया की और लेके इसके पैरो के पास घुटनों के बल बिठा दिया.
सरोज: चल मेरी मायादेवी सुहागरात के लिए तैयार हो जा…. तेरा असली साजन तेरी चूत में अपनी बारात ले जा रहा है…..
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